UP: अब्दुल रहीम उर्फ सक्सेना ड्राइवर... धर्म बदलकर मुरादाबाद में रह रहा था हत्यारोपी, 36 साल बाद गिरफ्तार
बरेली के शाही का रहने वाला हत्यारोपी प्रदीप सक्सेना धर्म बदलकर अब्दुल रहीम बन गया। पुलिस ने 36 साल बाद उसे गिरफ्तार किया तो उसकी सच्चाई सामने आई।
विस्तार
बरेली के थाना व कस्बा शाही निवासी प्रदीप सक्सेना को 36 साल बाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। उस पर हत्या का आरोप है। वह धर्म बदलकर मुरादाबाद में रह रहा था। उसने अपना नाम अब्दुल रहीम रख लिया था। मुरादाबाद में वह वाहन चला रहा था। 16 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने आरोपी को चार सप्ताह के अंदर गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बरेली के समक्ष पेश करने का आदेश एसएसपी को दिया था।
सीओ प्रथम आशुतोष शिवम ने बताया कि वर्ष 1987 में थाना व कस्बा शाही निवासी प्रदीप सक्सेना के खिलाफ प्रेमनगर थाने में चोरी व हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। वर्ष 1989 में उसे जमानत मिल गई। इसके बाद वह कभी कोर्ट में पेश नहीं हुआ। उसके परिवार वालों ने भी ठिकाना बदल दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर एसएसपी अनुराग आर्य ने विशेष टीम का गठन कर उसकी खोजबीन शुरू कराई। पुलिस ने पहले शाही में उसके परिचितों से पूछताछ की तो पता लगा कि प्रदीप सक्सेना का एक भाई सुरेश बाबू सक्सेना किला थाना क्षेत्र के मोहल्ला साहूकारा में मंदिर के पास रहता है।
पुलिस टीम ने सुरेश बाबू को खोजा और पूछताछ की तो उसने बताया कि प्रदीप धर्म बदलकर मुस्लिम हो गया है। वह मुरादाबाद के मोहल्ला करूला में रहता है और वाहन चलाता है। पुलिस टीम बुधवार को मुरादाबाद के मोहल्ला करूला पहुंची तो मालूम हुआ कि इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता, लेकिन एक बुजुर्ग अब्दुल रहीम रहता है, जिसे लोग सक्सेना ड्राइवर भी कहते हैं। वह 30 साल से यहां ट्रांसपोर्टनगर में गाड़ी चलाता है। ट्रांसपोर्टनगर में पूछताछ करने पर पता लगा कि अब्दुल रहीम उर्फ सक्सेना ड्राइवर बरेली गया है। उसके हुलिये के बारे में भी बताया। बृहस्पतिवार को पुलिस ने प्रदीप सक्सेना को डेलापीर मंडी से गिरफ्तार कर लिया।
वर्ष 2002 में किया धर्म परिवर्तन, कई बार बरेली आया
प्रदीप सक्सेना ने पूछताछ में बताया कि उसने 1989 में जमानत पर छूटने के बाद ही शाही कस्बा छोड़ दिया था। इसके बाद कई ठिकाने बदले। साल 2000 में मुरादाबाद आया और यहां इस्लामनगर में तुर्की इंटर कॉलेज के पास गली नंबर 16 में रहने लगा। पुलिस से बचने के लिए वर्ष 2002 में उसने धर्म बदलकर अपना नाम अब्दुल रहीम रख लिया। वह मुस्लिमों जैसी दाढ़ी रखने लगा। वह कई बार गाड़ी लेकर बरेली की डेलापीर मंडी आया, पर उसको कोई पहचान नहीं सका। अब उसकी उम्र 70 साल है।
हाईकोर्ट ने सख्ती की तो डेढ़ माह में हुई गिरफ्तारी
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने 36 साल से वांछित हत्यारोपी को डेढ़ माह में ही खोजकर गिरफ्तार कर लिया। गौर करने की बात यह है कि 35 साल में पुलिस बरेली में ही रह रहे प्रदीप के भाई सुरेश बाबू तक भी नहीं पहुंच सकी थी। हाईकोर्ट ने सख्ती न की होती तो शायद अब भी प्रदीप सक्सेना की गिरफ्तारी नहीं होती।
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि आरोपी को डेलापीर मंडी से गिरफ्तार किया गया है। वह मुस्लिम बनकर मुरादाबाद में रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।