UP: सहारनपुर पुलिस की दबिश का डर, भूमिगत हुए बरेली के शराब कारोबारी; गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज हुई है रिपोर्ट
सहारनपुर के टपरी डिस्टलरी कांड में गैंगस्टर एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बरेली और बदायूं के शराब कारोबारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। पुलिस की दबिश के डर से आरोपी कारोबारी भूमिगत हो गए हैं।
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सहारनपुर के टपरी डिस्टलरी कांड में गैंगस्टर लगने के बाद बरेली के शराब कारोबारी मनोज जायसवाल, नीरज व बदायूं के पूर्व सपा विधायक दिवंगत जोगेंद्र सिंह अनेजा के पौत्र प्रणय अनेजा की गिरफ्तारी व संपत्ति चिह्नीकरण की कार्रवाई हो सकती है। सहारनपुर पुलिस की दबिश के डर से ये कारोबारी भाग गए हैं। इनके घरों पर ताले पड़े हैं, मोबाइल फोन बंद हैं।
शराब कारोबारियों के खिलाफ पहली कार्रवाई एसटीएफ ने सहारनपुर में वर्ष 2021 में कराई थी। तब सहारनपुर स्थित इस डिस्टलरी से एक गेट पास व बिल्टी पर शराब भरे दो ट्रक निकले थे। एक्साइज ड्यूटी चोरी के इस मामले में पहले भी इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई थी। सूत्र बताते हैं कि शासन स्तर से इस मामले में 33 करोड़ जुर्माना अदा करने पर सेटलमेंट का निर्णय हुआ था।
प्रणय और मनोज ने सचिवालय में एक अधिकारी से संपर्क कर जुर्माना कम कराने का जुगाड़ किया था। 15 करोड़ जमा करके सेटलमेंट की बात तय हुई थी। फैक्टरी मालिकों ने 12 करोड़ जमा करने का शपथपत्र भी तैयार कराया था, पर बात नहीं बन सकी। अब इसी मामले में गैंगस्टर की नई रिपोर्ट सहारनपुर देहात कोतवाली में दर्ज हुई है। यहां स्टेडियम रोड पर गुंबद वाली कोठी में रहने वाले मनोज जायसवाल, नीरज जायसवाल समेत अन्य आरोपी भाग निकले हैं।
प्रणय का बरेली में खुल रहा नया मॉल
सपा नेता के परिवार से जुड़ा कारोबारी प्रणय अनेजा मूल रूप से बदायूं निवासी है। उसका बरेली में एलए होटल है। चौकी चौराहे के पास नया मॉल भी प्रणय की कंपनी खोल रही है। मुरादाबाद के नामी शराब कारोबारी दिवंगत पोंटी चड्ढा की कंपनी के साथ शराब कारोबार में भी उसकी साझेदारी है। प्रणय परिवार के साथ दिल्ली में रहता है। अक्सर बरेली व बदायूं में उसका आना-जाना रहता है जो फिलहाल बंद हो गया है।
मनोज के धंधे में पुलिस अधिकारी की साझेदारी
मनोज जायसवाल सत्तापक्ष और अफसरशाही के सहारे फर्श से अर्श तक पहुंचा है। सूत्र बताते हैं कि एक पुलिस अधिकारी के साथ उसकी बरसों पुरानी साझेदारी है। अधिकारी की पत्नी, बेटी व भाई के नाम से उसकी शराब की कई दुकानें संचालित रही हैं। तत्कालीन बीडीए वीसी के निशाने पर आए मनोज जायसवाल का स्टेडियम रोड स्थित डाउन टाउन बार तोड़ा गया था।
तब भी उसी पुलिस अधिकारी ने ढाल बनकर कानूनी पचड़ों से उसे बचाया। इसकी बदौलत मनोज का कारोबार फिर चल निकला। सूत्रों के मुताबिक, डीडीपुरम में उसका एक बार संचालित है। रामगंगा विहार में उसकी कई बेशकीमती जमीनें हैं तो पीलीभीत के बीसलपुर में भी संपत्ति है।
