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Basti News: महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट व नई अल्ट्रासाउंड मशीन की बनी कार्ययोजना
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बस्ती। जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करने की जिम्मेदारी एक ही रेडियोलॉजिस्ट पर है। उनके न होने पर मरीजों को भारी मुसीबत उठानी पड़ती है। ऐसे में अब अस्पताल प्रशासन ने एक अल्ट्रासाउंड मशीन और एक रेडियोलॉजिस्ट की मांग की है। ताकि अल्ट्रासाउंड का कार्य अनवरत चलता रहे।
अल्ट्रासाउंड जांच करने वाले डाॅ. विमल द्विवेदी की तैनाती महिला अस्पताल में है। लेकिन उनके न होने पर यहां संकट गहरा जाता है। एक रेडियोलॉजिस्ट पर 100 से अधिक महिलाओं के अल्ट्रासाउंड का भार होता है, ऐसे में अधिकांश महिलाएं बिना जांच के वापस लौट जाती हैं। उन्हें दोबारा दूसरे दिन जांच के लिए आना पड़ रहा है। इसको देखते हुए सीएमएस डॉ. अनिल कुमार ने अल्ट्रासाउंड मशीन और एक रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती करने की मांग की है।
उन्होंने इस बाबत प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराया है। बताया गया कि बीच-बीच में अक्सर मशीन खराब भी हो जाती है। इससे अल्ट्रासाउंड न होने से मरीज बैरंग लौट जाते हैं, या फिर बाहर जाकर जांच करानी पड़ती है। इमरजेंसी में मरीज को यह सुविधा यहां नहीं मिल पाती, बाहर से ही अल्ट्रासाउंड कराना मजबूरी है।
बता दें कि रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विमल द्विवेदी यहां तैनात हैं। महिला अस्पताल में करीब 30-40 महिलाओं का प्रतिदिन अल्ट्रासाउंड किया जाता है। सामान्य दिनों में तो मरीजों को दिक्कतें उठानी पड़ती हैं, लेकिन उनके अवकाश पर होने से दिक्कतें और बढ़ जाती हैं। निशुल्क इलाज की उम्मीद में आए मरीजों को या तो बैरंग लौटना पड़ता है या फिर प्राइवेट पैथोलॉजी में जाकर करीब सात से आठ सौ रुपये खर्च कर जांच करानी पड़ती है।
वहीं जिले में रेडियोलॉजिस्ट की काफी समय से कमी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक यहां चिकित्सक को तैनात नहीं कर पाया है। चिकित्सक की कमी के कारण यहां आने वाले मरीजों को अल्ट्रासाउंड की जांच करवाने के लिए दोपहर तक इंतजार करना पड़ता है। सबसे अधिक दिक्कतें उन लोगों को हो रही है, जो दूरदराज गांव से अपनी जांच करवाने आते हैं।
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गर्भवती महिलाओं को भी उठानी पड़ रही परेशानी
जिले में रेडियोलॉजिस्ट की कमी का खामियाजा जिला महिला अस्पताल ही नहीं, बल्कि जिला अस्पताल में मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है। दूर-दराज से आईं गर्भवती महिलाएं जांच के लिए घंटों इंतजार करती हैं। कई बार चिकित्सक के न होने पर जिला अस्पताल में मरीजों की जांच नहीं हो पाती। ऐसे में कैली जाना पड़ता है।
कोट
रेडियोलॉजिस्ट की कमी है, नई तैनाती को लेकर लगातार प्रयास भी किया जा रहा है। रेडियाेलॉजिस्ट मिलने पर लोगों को आराम मिल जाएगा। मशीन की भी डिमांड की गई है।
-डॉ. अनिल कुमार, सीएमएस, महिला अस्पताल, बस्ती।
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अल्ट्रासाउंड जांच करने वाले डाॅ. विमल द्विवेदी की तैनाती महिला अस्पताल में है। लेकिन उनके न होने पर यहां संकट गहरा जाता है। एक रेडियोलॉजिस्ट पर 100 से अधिक महिलाओं के अल्ट्रासाउंड का भार होता है, ऐसे में अधिकांश महिलाएं बिना जांच के वापस लौट जाती हैं। उन्हें दोबारा दूसरे दिन जांच के लिए आना पड़ रहा है। इसको देखते हुए सीएमएस डॉ. अनिल कुमार ने अल्ट्रासाउंड मशीन और एक रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती करने की मांग की है।
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उन्होंने इस बाबत प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराया है। बताया गया कि बीच-बीच में अक्सर मशीन खराब भी हो जाती है। इससे अल्ट्रासाउंड न होने से मरीज बैरंग लौट जाते हैं, या फिर बाहर जाकर जांच करानी पड़ती है। इमरजेंसी में मरीज को यह सुविधा यहां नहीं मिल पाती, बाहर से ही अल्ट्रासाउंड कराना मजबूरी है।
बता दें कि रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विमल द्विवेदी यहां तैनात हैं। महिला अस्पताल में करीब 30-40 महिलाओं का प्रतिदिन अल्ट्रासाउंड किया जाता है। सामान्य दिनों में तो मरीजों को दिक्कतें उठानी पड़ती हैं, लेकिन उनके अवकाश पर होने से दिक्कतें और बढ़ जाती हैं। निशुल्क इलाज की उम्मीद में आए मरीजों को या तो बैरंग लौटना पड़ता है या फिर प्राइवेट पैथोलॉजी में जाकर करीब सात से आठ सौ रुपये खर्च कर जांच करानी पड़ती है।
वहीं जिले में रेडियोलॉजिस्ट की काफी समय से कमी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक यहां चिकित्सक को तैनात नहीं कर पाया है। चिकित्सक की कमी के कारण यहां आने वाले मरीजों को अल्ट्रासाउंड की जांच करवाने के लिए दोपहर तक इंतजार करना पड़ता है। सबसे अधिक दिक्कतें उन लोगों को हो रही है, जो दूरदराज गांव से अपनी जांच करवाने आते हैं।
गर्भवती महिलाओं को भी उठानी पड़ रही परेशानी
जिले में रेडियोलॉजिस्ट की कमी का खामियाजा जिला महिला अस्पताल ही नहीं, बल्कि जिला अस्पताल में मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है। दूर-दराज से आईं गर्भवती महिलाएं जांच के लिए घंटों इंतजार करती हैं। कई बार चिकित्सक के न होने पर जिला अस्पताल में मरीजों की जांच नहीं हो पाती। ऐसे में कैली जाना पड़ता है।
कोट
रेडियोलॉजिस्ट की कमी है, नई तैनाती को लेकर लगातार प्रयास भी किया जा रहा है। रेडियाेलॉजिस्ट मिलने पर लोगों को आराम मिल जाएगा। मशीन की भी डिमांड की गई है।
-डॉ. अनिल कुमार, सीएमएस, महिला अस्पताल, बस्ती।
