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धर्मेंद्र हत्याकांड : खुलासा के लिए तीन टीमें जुटीं, हिरासत में भाई और दो भतीजे
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बभनान। आटा चक्की के संचालक धर्मेंद्र (35) की हत्या से पर्दा उठाने के लिए पुलिस सक्रिय हो गई है। धर्मेंद्र के मोबाइल फोन से लेकर संदिग्ध लोगों तक पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है। धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के बाद रविवार को घर से लेकर घटना स्थल तक पुलिस की आवाजाही बनी रही। पुलिस घटना से जुड़े एक-एक साक्ष्य को जुटाने में लगी हुई है। भाई और दो भतीजे पुलिस की हिरासत में हैं।
घटना से पर्दा उठाने के लिए पुलिस की घेराबंदी से गांव में सनसनी फैली हुई है। एसपी अभिनंदन के निर्देश पर रविवार को घटना के खुलासा के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित कर दी गई है। थानाध्यक्ष, एसओजी प्रभारी और स्वाट टीम प्रभारी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें धर्मेंद्र के पैतृक घर से लेकर घटना स्थल तक डेरा डाले हुए हैं। साथ सर्विलांस टीम भी मौजूद हैं। परिवार के लोगों पर ही पुलिस का गहरा संदेह हैं। पुलिस प्रथम दृष्टया जमीनी विवाद और आपसी तकरार को ही घटना की वजह मान रही है।
पत्नी मंजू के संदेह व्यक्त करने पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस इनसे अलग-अलग पूछताछ करके एक दूसरे के बयान से मिलान कर रही है। इसमें अंतर पाए जाने पर पुलिस दोबारा पूछताछ कर रही है। ग्रामीणों के अनुसार धर्मेंद्र के साथ उसी घर में अलग रहने वाले कथित बड़े भाई राजेंद्र और उसके दोनों बेटों को पुलिस ने रविवार को हिरासत में ले लिया है। पुलिस इनसे गहन पूछताछ कर रही है।
हालांकि थानाध्यक्ष ने हिरासत में लेने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। लेकिन, किसी को थाने पर नहीं बैठाया जा रहा है। वैसे घटना के तह तक पुलिस लगभग पहुंच चुकी है। बहुत जल्द मामले से पर्दा उठा दिया जाएगा। अभी कुछ बताना जल्दबाजी होगा।
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13 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
धर्मेंद्र का शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार देर शाम बेलवरिया जंगल गांव स्थित घर पहुंचा। इसके बाद 13 साल की बड़ी बेटी अनन्या ने गांव के निकट विसुही नदी के तट पर पिता को मुखाग्नि देकर रात में अंतिम संस्कार किया। यह दृश्य को देखने के बाद वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। लोग यह कहते नजर आए इतनी बड़ी घटना का अंदाजा किसी को नहीं था। धर्मेंद्र काफी सज्जन और मिलनसार व्यक्ति थे। उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। जो भी तकरार सुनने में आया परिवार के लोगों में रही।
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लाठी-डंडे से पीटकर हुई थी धर्मेंद्र की हत्या
गौर थाना क्षेत्र के बेलवरिया जंगल गांव के रहने वाले धर्मेंद्र चौधरी घर से महज 300 मीटर की दूरी पर 19 दिसंबर की रात सोलर आटा चक्की पर सोने के लिए जा रहे थे। इसी बीच घात लगाकर बैठे लोगों ने लाठी- डंडे पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। बाद में इलाज के दौरान की उनकी मौत हो गई। इस मामले में पत्नी मंजू वर्मा की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का एफआईआर पुलिस ने दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गई है। अभी तक जो मामला सामने आया है उसमें संपत्ति विवाद मुख्य वजह मानी जा रही है। धर्मेंद्र की मां ने उनके पिता से दूसरी शादी की थी। वह अपने पहले पति से हुए बेटे राजेंद्र को साथ लेकर आई थी। पिता राम अचल दोनों को साथ में ही रखते रहे। धर्मेंद्र का लगाव पिता से ज्यादा था। इस नाते पिता ने उसे एक बीघा जमीन का रजिस्टर्ड वसीयत कर दिया था। इसी खुन्नश में धर्मेंद्र की उसके कथित भाई राजेंद्र से नहीं पटती थी। दोनों एक ही घर में अलग- अलग रहते थे।
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पत्नी बोलीं- जमीन को लेकर चल रहा था विवाद
धर्मेंद्र की पत्नी मंजू पति के अंतिम संस्कार होने के बाद रविवार को पुलिस के सामने मुंह खोली है। उनका कहना है कि परिवार में जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। उनके जेठ और पति के बीच वसीयत की जमीन को लेकर मुकदमा भी चला था। जिसमें उनके पति की जीत हो गई थी। इसके बाद मनमुटाव बढ़ गया है। लेकिन हम लोगों को यह अंदाजा नहीं था यह विवाद इतनी बड़ी घटना की वजह बन सकता है।
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गांव में तैनात हैं पुलिस फोर्स
घटना के तीसरे दिन रविवार को भी बेलवरिया जंगल गांव में थाने के तीन दरोगा व दो सिपाही और होमगार्ड तैनात देखे गए। दिवंगत के परिवार में सिर्फ पत्नी व उसके तीन बेटियां ही मौजूद हैं। उनके साथ और कोई अनहोनी न हो इसलिए पुलिस तैनात धर्मेंद्र के घर पर मुस्तैद है। आने- जाने वालों पुलिस नजर भी रख रही है।
कोट
घटना के बाद से ही गांव में तीन दारोगा और दो जवान सहित एक होमगार्ड की तैनाती की गई है। अन्य टीमें घटना के खुलासा के लिए प्रयास तेज कर दी है। मामले से जल्द ही पर्दा उठ जाएगा।
-संतोष कुमार गौड़, थानाध्यक्ष, गौर
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घटना से पर्दा उठाने के लिए पुलिस की घेराबंदी से गांव में सनसनी फैली हुई है। एसपी अभिनंदन के निर्देश पर रविवार को घटना के खुलासा के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित कर दी गई है। थानाध्यक्ष, एसओजी प्रभारी और स्वाट टीम प्रभारी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें धर्मेंद्र के पैतृक घर से लेकर घटना स्थल तक डेरा डाले हुए हैं। साथ सर्विलांस टीम भी मौजूद हैं। परिवार के लोगों पर ही पुलिस का गहरा संदेह हैं। पुलिस प्रथम दृष्टया जमीनी विवाद और आपसी तकरार को ही घटना की वजह मान रही है।
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पत्नी मंजू के संदेह व्यक्त करने पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस इनसे अलग-अलग पूछताछ करके एक दूसरे के बयान से मिलान कर रही है। इसमें अंतर पाए जाने पर पुलिस दोबारा पूछताछ कर रही है। ग्रामीणों के अनुसार धर्मेंद्र के साथ उसी घर में अलग रहने वाले कथित बड़े भाई राजेंद्र और उसके दोनों बेटों को पुलिस ने रविवार को हिरासत में ले लिया है। पुलिस इनसे गहन पूछताछ कर रही है।
हालांकि थानाध्यक्ष ने हिरासत में लेने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। लेकिन, किसी को थाने पर नहीं बैठाया जा रहा है। वैसे घटना के तह तक पुलिस लगभग पहुंच चुकी है। बहुत जल्द मामले से पर्दा उठा दिया जाएगा। अभी कुछ बताना जल्दबाजी होगा।
13 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
धर्मेंद्र का शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार देर शाम बेलवरिया जंगल गांव स्थित घर पहुंचा। इसके बाद 13 साल की बड़ी बेटी अनन्या ने गांव के निकट विसुही नदी के तट पर पिता को मुखाग्नि देकर रात में अंतिम संस्कार किया। यह दृश्य को देखने के बाद वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। लोग यह कहते नजर आए इतनी बड़ी घटना का अंदाजा किसी को नहीं था। धर्मेंद्र काफी सज्जन और मिलनसार व्यक्ति थे। उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। जो भी तकरार सुनने में आया परिवार के लोगों में रही।
लाठी-डंडे से पीटकर हुई थी धर्मेंद्र की हत्या
गौर थाना क्षेत्र के बेलवरिया जंगल गांव के रहने वाले धर्मेंद्र चौधरी घर से महज 300 मीटर की दूरी पर 19 दिसंबर की रात सोलर आटा चक्की पर सोने के लिए जा रहे थे। इसी बीच घात लगाकर बैठे लोगों ने लाठी- डंडे पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। बाद में इलाज के दौरान की उनकी मौत हो गई। इस मामले में पत्नी मंजू वर्मा की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का एफआईआर पुलिस ने दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गई है। अभी तक जो मामला सामने आया है उसमें संपत्ति विवाद मुख्य वजह मानी जा रही है। धर्मेंद्र की मां ने उनके पिता से दूसरी शादी की थी। वह अपने पहले पति से हुए बेटे राजेंद्र को साथ लेकर आई थी। पिता राम अचल दोनों को साथ में ही रखते रहे। धर्मेंद्र का लगाव पिता से ज्यादा था। इस नाते पिता ने उसे एक बीघा जमीन का रजिस्टर्ड वसीयत कर दिया था। इसी खुन्नश में धर्मेंद्र की उसके कथित भाई राजेंद्र से नहीं पटती थी। दोनों एक ही घर में अलग- अलग रहते थे।
पत्नी बोलीं- जमीन को लेकर चल रहा था विवाद
धर्मेंद्र की पत्नी मंजू पति के अंतिम संस्कार होने के बाद रविवार को पुलिस के सामने मुंह खोली है। उनका कहना है कि परिवार में जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। उनके जेठ और पति के बीच वसीयत की जमीन को लेकर मुकदमा भी चला था। जिसमें उनके पति की जीत हो गई थी। इसके बाद मनमुटाव बढ़ गया है। लेकिन हम लोगों को यह अंदाजा नहीं था यह विवाद इतनी बड़ी घटना की वजह बन सकता है।
गांव में तैनात हैं पुलिस फोर्स
घटना के तीसरे दिन रविवार को भी बेलवरिया जंगल गांव में थाने के तीन दरोगा व दो सिपाही और होमगार्ड तैनात देखे गए। दिवंगत के परिवार में सिर्फ पत्नी व उसके तीन बेटियां ही मौजूद हैं। उनके साथ और कोई अनहोनी न हो इसलिए पुलिस तैनात धर्मेंद्र के घर पर मुस्तैद है। आने- जाने वालों पुलिस नजर भी रख रही है।
कोट
घटना के बाद से ही गांव में तीन दारोगा और दो जवान सहित एक होमगार्ड की तैनाती की गई है। अन्य टीमें घटना के खुलासा के लिए प्रयास तेज कर दी है। मामले से जल्द ही पर्दा उठ जाएगा।
-संतोष कुमार गौड़, थानाध्यक्ष, गौर
