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Basti News: पछुआ हवा के साथ बढ़ी गलन, दिनभर नहीं निकली धूप
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गांधीनगर में ठंड की वजह से कम हुई हलचल
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बस्ती। पछुआ हवाओं की मध्यम रफ्तार ने ठंड का प्रकोप बढ़ा दिया है। ठिठुरन भरी ठंड से जिंदगी सिकुड़ गई है। दिन में आग, अलाव सहारा बन रहा है तो रात भर घरों के भीतर रजाई में लोग दुबके हुए हैं। सड़कों पर कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसरा हुआ है। चार दिनों से लगातार तापमान में गिरावट बनी हुई है। रविवार को सुबह आसमान साफ दिखा जरूर लेकिन सूर्य नहीं निकले। पछुआ हवा से गलन बढ़ गई है।
मौसम विभाग की तरफ से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की जा रही है। रविवार को सुबह 9 बजे अधिकतम तापमान 18 डिग्री से लुढ़ककर 16 डिग्री पर आ गया। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री पर रिकार्ड हुआ है। दोपहर एक बजे के बाद हल्की धूप निकली लेकिन, पछुआ हवा के चलते गर्माहट नहीं महसूस हुई। लगातार चार दिनों से धूप नहीं खिली है। रात आठ के बाद धरती कोहरे की चादर से ढक जा रही है।
सुबह शीतलहर भी पड़ रही है, लोग मौसम का बिगड़ा मिजाज देखकर सुबह टहलने तक से परहेज करने लगे हैं। जिंदगी घरों में दुबक रह गई है। जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित हो गया है। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। मेहनतकश लोग भी मंडी में देर से पहुंच रहे हैं। मुख्य बाजार गांधी नगर, पांडेय बाजार में दिन में 11 बजे के बाद दुकानें खुल रही है। ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के जतन भी किए जा रहे हैं।
दुकानदार और कर्मचारी दुकान खोलकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। दिन में एक बजे के बाद ही दुकानों पर खरीदार पहुंच रहे हैं। रविवार को दोपहर तक गांधीनगर में सन्नाटा छाया रहा। केवल चाय की दुकानों पर ही लोगों की हलचल देखी जा रही है। ठंड से बचने के लिए ग्राहक चाय की भट्ठियों के पास आकर खड़े हो रहे हैं। चाय पीने के बहाने आग भी सेंक रहे हैं।
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गांव में घर- घर जल रहा अलाव
ठंड बढ़ते ही ग्रामीण अंचल के चौक-चौराहों पर भी सन्नाटा दिखने लगा है। प्रधानी चुनाव की तासीर ठंडी पड़ गई है। लोग घरों में दुबके हुए हैं। दरवाजे पर सुबह से लेकर देर रात तक अलाव जल रहा है। परिवार के लोग एक साथ अलाव को चारों तरफ से घेरकर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए अलाव ही सबसे बेहतर उपाय है।
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दूर तक बाइक चलाने पर कांप रही बदन
कड़ाके की ठंड में खुले वाहन से ज्यादा लंबा सफर करने पर बदन कांप रही है। कलवारी से शहर आए संदीप मिश्रा ने बताया कि ठंड के साथ गलन भी हो रहा है। बाइक पर चलना मुश्किल हो गया है। पूरी बदन गर्म कपड़ों से ढकने के बाद भी बहुत दूर तक बाइक से चलने पर कलेजा हिल जा रहा है। गर्म कपड़े भी इस मौसम में ठंडे पड़ जा रहे हैं। कलवारी से बस्ती तक आने में दो जगह वाहन रोककर चाय पीने के बहाने आग की भट्ठी के पास खड़ा होना पड़ा। वहीं कप्तानगंज के राहुल ने बताया कि इस ठंड में हाईवे पर चलना सबसे कठिन है। बड़े वाहनों के बगल से गुजरने के दौरान सर्द हवाएं बदन को हिला दे रही है। मोटरसाइकिल चलाते समय हाथ की अंगुलियां नहीं काम कर रही है।
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मौसम विभाग की तरफ से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की जा रही है। रविवार को सुबह 9 बजे अधिकतम तापमान 18 डिग्री से लुढ़ककर 16 डिग्री पर आ गया। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री पर रिकार्ड हुआ है। दोपहर एक बजे के बाद हल्की धूप निकली लेकिन, पछुआ हवा के चलते गर्माहट नहीं महसूस हुई। लगातार चार दिनों से धूप नहीं खिली है। रात आठ के बाद धरती कोहरे की चादर से ढक जा रही है।
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सुबह शीतलहर भी पड़ रही है, लोग मौसम का बिगड़ा मिजाज देखकर सुबह टहलने तक से परहेज करने लगे हैं। जिंदगी घरों में दुबक रह गई है। जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित हो गया है। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। मेहनतकश लोग भी मंडी में देर से पहुंच रहे हैं। मुख्य बाजार गांधी नगर, पांडेय बाजार में दिन में 11 बजे के बाद दुकानें खुल रही है। ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के जतन भी किए जा रहे हैं।
दुकानदार और कर्मचारी दुकान खोलकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। दिन में एक बजे के बाद ही दुकानों पर खरीदार पहुंच रहे हैं। रविवार को दोपहर तक गांधीनगर में सन्नाटा छाया रहा। केवल चाय की दुकानों पर ही लोगों की हलचल देखी जा रही है। ठंड से बचने के लिए ग्राहक चाय की भट्ठियों के पास आकर खड़े हो रहे हैं। चाय पीने के बहाने आग भी सेंक रहे हैं।
गांव में घर- घर जल रहा अलाव
ठंड बढ़ते ही ग्रामीण अंचल के चौक-चौराहों पर भी सन्नाटा दिखने लगा है। प्रधानी चुनाव की तासीर ठंडी पड़ गई है। लोग घरों में दुबके हुए हैं। दरवाजे पर सुबह से लेकर देर रात तक अलाव जल रहा है। परिवार के लोग एक साथ अलाव को चारों तरफ से घेरकर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए अलाव ही सबसे बेहतर उपाय है।
दूर तक बाइक चलाने पर कांप रही बदन
कड़ाके की ठंड में खुले वाहन से ज्यादा लंबा सफर करने पर बदन कांप रही है। कलवारी से शहर आए संदीप मिश्रा ने बताया कि ठंड के साथ गलन भी हो रहा है। बाइक पर चलना मुश्किल हो गया है। पूरी बदन गर्म कपड़ों से ढकने के बाद भी बहुत दूर तक बाइक से चलने पर कलेजा हिल जा रहा है। गर्म कपड़े भी इस मौसम में ठंडे पड़ जा रहे हैं। कलवारी से बस्ती तक आने में दो जगह वाहन रोककर चाय पीने के बहाने आग की भट्ठी के पास खड़ा होना पड़ा। वहीं कप्तानगंज के राहुल ने बताया कि इस ठंड में हाईवे पर चलना सबसे कठिन है। बड़े वाहनों के बगल से गुजरने के दौरान सर्द हवाएं बदन को हिला दे रही है। मोटरसाइकिल चलाते समय हाथ की अंगुलियां नहीं काम कर रही है।

गांधीनगर में ठंड की वजह से कम हुई हलचल
