टिनिच। यूनिसेफ की टीम ने बृहस्पतिवार को सल्टौआ ब्लॉक के विभिन्न उपकेंद्रों और गांवों का दौरा कर आशा, आंगनबाड़ी और संगिनियों के कार्यों की समीक्षा की। टीम का नेतृत्व यूनिसेफ ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राजन मिश्र ने किया।
टीम ने आमा, अजगैवा जंगल उपकेंद्र, बेलवरिया और आमा मानपुरवा गांव पहुंचकर मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जानी। बेलवरिया में धात्री कविता से आशा द्वारा की जा रही विजिट और देखभाल की जानकारी ली गई। वहीं, मानपुरवा गांव में आशा मालती और आंगनबाड़ी सत्यम के कार्यों की जांच कर शासन की योजनाओं से संबंधित लाभार्थियों को दी जा रही सुविधाओं का आकलन किया गया।
कोऑर्डिनेटर ने आशाओं को हिदायत दी कि प्रसव के बाद सात अनिवार्य भ्रमण के दौरान नवजात की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां प्रसूताओं को विस्तार से बताई जाएं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रसव के बाद एक घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान कराया जाए और छह माह तक शिशु को केवल मां का दूध ही दिया जाए। पर्यवेक्षक ने संगिनियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में और सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया। मौके पर संगिनी पूनम त्रिपाठी, आशा मालती, रेनू देवी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहीं। संवाद