{"_id":"6931ddf175f117950e0fc381","slug":"nutrition-unit-in-loss-investment-on-the-verge-of-sinking-bijnor-news-c-27-1-smrt1009-166664-2025-12-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bijnor News: घाटे में पोषाहार यूनिट, डूबने के कगार पर निवेश","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bijnor News: घाटे में पोषाहार यूनिट, डूबने के कगार पर निवेश
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Fri, 05 Dec 2025 12:46 AM IST
विज्ञापन
स्योहारा फैक्ट्री में पोषाहार बनाती समूह की महिलायें श्रोत समूह
विज्ञापन
स्योहारा। चूल्हा चौका करने तक सीमित रहने वाली महिलाओं को समूह से जोड़कर उद्यमी बनाया गया। इन्हें कारोबारी बनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अमले ने संभाली। सरकार के सहयोग से महिलाओं ने बाकायदा पोषाहार बनाने का कारखाना भी स्थापित कराया। मगर इनकी पोषाहार यूनिट घाटे में चल रही है, ऐसे में 300 समूहों का निवेश भी डूबने के कगार पर है।
यूं तो जिले में पोषाहार बनाने के छह कारखाने चल रहे हैं। अब सिर्फ मां सीता प्रेरणा महिला माइक्रो इंटरप्राइजेज की बात करें तो इस यूनिट पर लगभग ढाई करोड़ रुपये का कर्ज है। बता दें कि स्योहारा ब्लॉक में कुल 1360 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं। इन्हीं में से 300 समूहों से 30-30 हजार रुपये लेकर मां सीता प्रेरणा यूनिट को बढ़ावा देने के लिए पूंजी जुटाई गई थी। यानि 300 समूह इस यूनिट के शेयर धारक हैं। लेकिन यूनिट लगातार घाटे में डूबती चली गई।
n समूहों में वितरित होना था 90 फीसदी मुनाफा : पोषाहार यूनिट का घाटा लगभग ढाई करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। नियम यह था कि यूनिट से होने वाला मुनाफा 300 समूहों में बराबर बांटा जाएगा, लेकिन यूनिट मुनाफा तो छोड़िए, अपने खर्च भी नहीं निकाल पा रही। यूनिट पर लगाया गया पैसा अब तक वापस नहीं हुआ और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है।
Trending Videos
यूं तो जिले में पोषाहार बनाने के छह कारखाने चल रहे हैं। अब सिर्फ मां सीता प्रेरणा महिला माइक्रो इंटरप्राइजेज की बात करें तो इस यूनिट पर लगभग ढाई करोड़ रुपये का कर्ज है। बता दें कि स्योहारा ब्लॉक में कुल 1360 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं। इन्हीं में से 300 समूहों से 30-30 हजार रुपये लेकर मां सीता प्रेरणा यूनिट को बढ़ावा देने के लिए पूंजी जुटाई गई थी। यानि 300 समूह इस यूनिट के शेयर धारक हैं। लेकिन यूनिट लगातार घाटे में डूबती चली गई।
विज्ञापन
विज्ञापन
n समूहों में वितरित होना था 90 फीसदी मुनाफा : पोषाहार यूनिट का घाटा लगभग ढाई करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। नियम यह था कि यूनिट से होने वाला मुनाफा 300 समूहों में बराबर बांटा जाएगा, लेकिन यूनिट मुनाफा तो छोड़िए, अपने खर्च भी नहीं निकाल पा रही। यूनिट पर लगाया गया पैसा अब तक वापस नहीं हुआ और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है।