{"_id":"6931f41e40813bd81800f5ec","slug":"court-notice-to-the-manager-and-gm-of-the-insurance-company-badaun-news-c-123-1-bdn1036-152175-2025-12-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Budaun News: बीमा कंपनी के प्रबंधक और जीएम को कोर्ट का नोटिस","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Budaun News: बीमा कंपनी के प्रबंधक और जीएम को कोर्ट का नोटिस
विज्ञापन
विज्ञापन
बदायूं। बीमा कंपनी ने एक व्यक्ति की मौत के बाद उसकी पत्नी द्वारा किए मृत्यु दावे को निरस्त कर दिया। इस मामले में महिला ने स्थायी लोक अदालत में 26 नवंबर को वाद दायर किया। अदालत ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक व महाप्रबंधक (जीएम) दोनों को नोटिस भेजकर 24 दिसंबर को अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है।
बिनावर क्षेत्र के गांव ब्यौर निवासी लुक्की देवी ने 26 नवंबर को वाद दायर किया था। लुक्की देवी ने बताया कि उसके पति मुकेश ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 29 मार्च 2023 को बीमा कराया था। बीमा 30 वर्षों के लिए किया गया था। एजेंट ने पूरी जांच पड़ताल व फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाकर शारीरिक परीक्षण भी कराया था, उसके बाद ही बीमा किया था।
महिला ने बताया कि उसके पति ने सालाना 68,627 रुपये की पॉलिसी खरीदी थी। हर तीन महीने में पति 36,575 रुपये जमा करते आ रहे थे। 11 जून 2023 को पति की अचानक मौत हो गई। इसके बाद उसके परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई।
उसने बीमा क्लेम के लिए आवेदन किया और बीमा कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर मौका मुआयना भी कराया। प्रबंधक व महाप्रबंधक ने 30 नवंबर 2023 को आवेदन निरस्त कर दिया। बताया गया कि मुकेश को कैंसर था, जिससे उसकी मौत हुई है, जबकि पति को इस तरह की कोई बीमारी नहीं थी। पीड़िता ने कोर्ट में कहा है कि वह 14,88,512 रुपये पाने की अधिकारी है। उसने बीमा राशि के अलावा एक लाख रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व 20 हजार रुपये अधिवक्ता का मेहनताना दिलाने की मांग की है।
Trending Videos
बिनावर क्षेत्र के गांव ब्यौर निवासी लुक्की देवी ने 26 नवंबर को वाद दायर किया था। लुक्की देवी ने बताया कि उसके पति मुकेश ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 29 मार्च 2023 को बीमा कराया था। बीमा 30 वर्षों के लिए किया गया था। एजेंट ने पूरी जांच पड़ताल व फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाकर शारीरिक परीक्षण भी कराया था, उसके बाद ही बीमा किया था।
विज्ञापन
विज्ञापन
महिला ने बताया कि उसके पति ने सालाना 68,627 रुपये की पॉलिसी खरीदी थी। हर तीन महीने में पति 36,575 रुपये जमा करते आ रहे थे। 11 जून 2023 को पति की अचानक मौत हो गई। इसके बाद उसके परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई।
उसने बीमा क्लेम के लिए आवेदन किया और बीमा कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर मौका मुआयना भी कराया। प्रबंधक व महाप्रबंधक ने 30 नवंबर 2023 को आवेदन निरस्त कर दिया। बताया गया कि मुकेश को कैंसर था, जिससे उसकी मौत हुई है, जबकि पति को इस तरह की कोई बीमारी नहीं थी। पीड़िता ने कोर्ट में कहा है कि वह 14,88,512 रुपये पाने की अधिकारी है। उसने बीमा राशि के अलावा एक लाख रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व 20 हजार रुपये अधिवक्ता का मेहनताना दिलाने की मांग की है।