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Budaun News: पुलिस ने ठगी का आरोपी पकड़ा, बीमार बताते हुए हायर सेंटर कर दिया रेफर
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ठगी के आरोपी तिलक तिवारी को अस्पताल डॉक्टरी लाई सिविल लाइंस पुलिस। संवाद
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बदायूं। दूसरों की जमीन अपनी बताकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को पकड़ने के बाद पुलिस ने जेल भेजने के बजाय उसे बीमार दिखाकर हायर सेंटर रेफर कर दिया। भनक लगते ही पीड़ित व कई अधिवक्त्ता व व्यापारी जिला अस्पताल पहुंच गए, लेकिन तब तक पुलिस उसको बरेली भेज चुकी थी। आरोपी पर सिविल लाइंस समेत कई थानों में धोखाधड़ी की धारा में मुकदमे दर्ज हैं। व्यापारियों के कहना है कि आरोपी 20 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है, लेकिन पुलिस से सांठगांठ के चलते उसे जेल नहीं भेजा जाता। इससे उनमें नाराजगी है।
व्यापारियों का आरोप है कि तिलक तिवारी का एक पूरा गिरोह है, जो शहर के आसपास के गांवाें तक फैला हुआ है। इनका काम ऐसी जमीन देखना है जिसका मालिका कहीं बाहर रहता हो और साल-दो साल में कभी-कभार ही गांव में आता हो। ऐसी जमीनों को यह गैंग अपनी बताकर सस्ते दामों में सौदा कर लेता है। दस-बीस लाख लेने के बाद न जमीन देते हैं और न ही उनको पता लगता है कि आखिर वह अब कहां चले गए।
ऐसे ही शहर के 20 से अधिक लोग करोड़ों रुपये की ठगी का शिकार हो चुके हैं। अब तक पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की है।
शुक्रवार को पुलिस ने पकड़ भी लिया तो उसके गैंग के सदस्यों ने पुलिस से सांठगांठ कर जेल जाने से बचाने का सौदा कर लिया। पीड़ितों का आरोप है कि इसके बाद पुलिस उसे डॉक्टरी के बहाने जिला अस्पताल लाई और बीमार दिखाकर हायर सेंटर रेफर करा दिया। माना जा रहा है कि आरोपी अब जेल में नहीं, बल्कि अस्पताल में रहकर अपने गैंग का संचालन करेगा। उधर, पीड़ित लोगों, व्यापारियों और अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर आरोपी को जल्द जेल नहीं भेजा गया तो वह मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे।
केस-1
पत्नी के साथ मिलकर ठग लिए 18 लाख
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के मोहल्ला मधुबन कॉलोनी निवासी आदित्य कुमार गुप्ता ने 11 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि उसने अपनी पत्नी कंचन गुप्ता के नाम कमला तिवारी से एक जमीन का बैनामा कराया था। तिलक तिवारी अपनी पत्नी कमला तिवारी के साथ घर पर आए थे। उन्होंने दौरी नरोत्तमपुर में अपनी जमीन बताकर बेचने का प्रस्ताव दिया। कमला तिवारी से 18.82 लाख रुपये में जमीन का सौदा तय हो गया। 22 अप्रैल 2025 को कमला तिवारी से ग्राम दौरी नरोत्तमपुर में कृषि भूमि का बैनामा करवाया। बैनामा कराने के बाद पता लगा कि जिस जमीन का बैनामा कराया है, उसके कागज फर्जी हैं। पुलिस ने दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।
केस-2
कभी दादी तो कभी पत्नी का लेता है साथ
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गन्ना दफ्तर निवासी विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि कुछ परिचितों की मदद से उनकी मुलाकात तिलक तिवारी और उनकी दादी कमला तिवारी से हुई। उन्होंने 25 बीघा कृषि भूमि दिखाकर दावा किया कि वह उनकी संपत्ति है। इंतखाब समेत अन्य कागजात भी पेश किए गए। भरोसा होने पर विनोद गुप्ता ने दो चेक से 10 लाख रुपये और पांच लाख रुपये नकद सौंप दिए।
आरोप है कि लिखित करार के बाद जब इकरारनामा और बैनामा कराने का समय आया तो आरोपी बहाने बनाने लगे। इसी बीच शिकायतकर्ता को जानकारी मिली कि दिखाई गई जमीन वास्तव में कमला सेवा सदन के नाम दर्ज है और पहले ही बेची जा चुकी है। विनोद गुप्ता का कहना है कि रकम वापसी की मांग पर भी टालमटोल की गई। बाद में आरोपियों ने संपर्क तक बंद कर दिया। 19 सितंबर को तिलक तिवारी व उनकी दादी कमला तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
आरोपी के खिलाफ कई मुकदमे धोखाधड़ी के दर्ज हैं। पुलिस ने उसको पकड़ा था। जेल भेजने से पहले डॉक्टरी कराई गई तो उसको सीने में दर्द की शिकायत बताई गई, जिससे उसे पुलिस अभिरक्षा में ही इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। ठीक होने के बाद उसको जेल भेजा जाएगा। -रजनीश उपाध्याय, सीओ सिटी, बदायूं
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व्यापारियों का आरोप है कि तिलक तिवारी का एक पूरा गिरोह है, जो शहर के आसपास के गांवाें तक फैला हुआ है। इनका काम ऐसी जमीन देखना है जिसका मालिका कहीं बाहर रहता हो और साल-दो साल में कभी-कभार ही गांव में आता हो। ऐसी जमीनों को यह गैंग अपनी बताकर सस्ते दामों में सौदा कर लेता है। दस-बीस लाख लेने के बाद न जमीन देते हैं और न ही उनको पता लगता है कि आखिर वह अब कहां चले गए।
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ऐसे ही शहर के 20 से अधिक लोग करोड़ों रुपये की ठगी का शिकार हो चुके हैं। अब तक पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की है।
शुक्रवार को पुलिस ने पकड़ भी लिया तो उसके गैंग के सदस्यों ने पुलिस से सांठगांठ कर जेल जाने से बचाने का सौदा कर लिया। पीड़ितों का आरोप है कि इसके बाद पुलिस उसे डॉक्टरी के बहाने जिला अस्पताल लाई और बीमार दिखाकर हायर सेंटर रेफर करा दिया। माना जा रहा है कि आरोपी अब जेल में नहीं, बल्कि अस्पताल में रहकर अपने गैंग का संचालन करेगा। उधर, पीड़ित लोगों, व्यापारियों और अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर आरोपी को जल्द जेल नहीं भेजा गया तो वह मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे।
केस-1
पत्नी के साथ मिलकर ठग लिए 18 लाख
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के मोहल्ला मधुबन कॉलोनी निवासी आदित्य कुमार गुप्ता ने 11 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि उसने अपनी पत्नी कंचन गुप्ता के नाम कमला तिवारी से एक जमीन का बैनामा कराया था। तिलक तिवारी अपनी पत्नी कमला तिवारी के साथ घर पर आए थे। उन्होंने दौरी नरोत्तमपुर में अपनी जमीन बताकर बेचने का प्रस्ताव दिया। कमला तिवारी से 18.82 लाख रुपये में जमीन का सौदा तय हो गया। 22 अप्रैल 2025 को कमला तिवारी से ग्राम दौरी नरोत्तमपुर में कृषि भूमि का बैनामा करवाया। बैनामा कराने के बाद पता लगा कि जिस जमीन का बैनामा कराया है, उसके कागज फर्जी हैं। पुलिस ने दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।
केस-2
कभी दादी तो कभी पत्नी का लेता है साथ
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गन्ना दफ्तर निवासी विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि कुछ परिचितों की मदद से उनकी मुलाकात तिलक तिवारी और उनकी दादी कमला तिवारी से हुई। उन्होंने 25 बीघा कृषि भूमि दिखाकर दावा किया कि वह उनकी संपत्ति है। इंतखाब समेत अन्य कागजात भी पेश किए गए। भरोसा होने पर विनोद गुप्ता ने दो चेक से 10 लाख रुपये और पांच लाख रुपये नकद सौंप दिए।
आरोप है कि लिखित करार के बाद जब इकरारनामा और बैनामा कराने का समय आया तो आरोपी बहाने बनाने लगे। इसी बीच शिकायतकर्ता को जानकारी मिली कि दिखाई गई जमीन वास्तव में कमला सेवा सदन के नाम दर्ज है और पहले ही बेची जा चुकी है। विनोद गुप्ता का कहना है कि रकम वापसी की मांग पर भी टालमटोल की गई। बाद में आरोपियों ने संपर्क तक बंद कर दिया। 19 सितंबर को तिलक तिवारी व उनकी दादी कमला तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
आरोपी के खिलाफ कई मुकदमे धोखाधड़ी के दर्ज हैं। पुलिस ने उसको पकड़ा था। जेल भेजने से पहले डॉक्टरी कराई गई तो उसको सीने में दर्द की शिकायत बताई गई, जिससे उसे पुलिस अभिरक्षा में ही इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। ठीक होने के बाद उसको जेल भेजा जाएगा। -रजनीश उपाध्याय, सीओ सिटी, बदायूं
