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कुपोषण दूर करने को अभिभावक स्थानीय स्तर पर करें पहल
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भरतकूप (चित्रकूट)। सदर ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत अकबरपुर में पोषण अभियान के तहत सर्वोदय सेवा आश्रम व चाइल्ड लाइन के संयुक्त प्रयासों से पोषण रैली निकाली गई। रैली में सात कुपोषित बच्चों की माताएं 25 किशोरियां 30 महिलाओं तथा उनके बच्चों ने प्रतिभाग किया। रैली समापन के बाद बस्ती के बीच बादल के घर के सामने पूरे समुदाय के साथ बस्ती को कुपोषण मुक्त बनाने के संबंध में संवाद किया।
सोमवार को गांव की बस्ती में मजदूर सुधा ने बच्चों एवं माताओं के अंदर कमजोरी का कारण यह बताया कि यह लोग नमक रोटी, नमक चावल ही खाते है। इनके पास दाल सब्जी खरीदने के लिये पैसा नहीं है। सर्वोदय सेवा आश्रम के सामाजिक कार्यकर्ता विशेष कुमार त्रिपाठी ने सभी के सामने नई दुनिया में रची गयी पोषण कहानी को सुनाया इस कहानी में उन्होंने बताया कि खजांची बस्ती की तरह नई दुनिया बस्ती में भी सभी खनिज मजदूर हैं। इस बस्ती में सभी परिवारों ने बच्चें और माताओं को मजबूत बनाने के लिये काम किये। पहला अपने घर के पास जो भी जमीन बेकार पड़ी थीं उसमें घर से निस्तारित पानी का उपयोग कर पालक धनिया मेथी टमाटर नेनुवा तर्रोई जैसी सब्जियों के बीज डाले और इसे गॉंव के लोगों ने सर्वोदय पोषण वाटिका नाम रखा। प्रत्येक घर की मातायें अपनी रसोई में इस वाटिका से निकलने वाली सब्जी दाल या अन्य के साथ मिश्रित करके बनातीं हैं उनका भोजन पोषक बनता है। पिछले साल नई दुनिया बस्ती के 9 कुपोषित बच्चे मिले लेकिन आज वहॉं पर एक भी बच्चा कुपोषित नहीं है।
कार्यक्रम में काउंसलर नीलू देवी, टीम सदस्य रामचंद्र, दीपा शुक्ला, अवधलाल सहित महेंद्र, शांती आदि मौजूद रहे।
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सोमवार को गांव की बस्ती में मजदूर सुधा ने बच्चों एवं माताओं के अंदर कमजोरी का कारण यह बताया कि यह लोग नमक रोटी, नमक चावल ही खाते है। इनके पास दाल सब्जी खरीदने के लिये पैसा नहीं है। सर्वोदय सेवा आश्रम के सामाजिक कार्यकर्ता विशेष कुमार त्रिपाठी ने सभी के सामने नई दुनिया में रची गयी पोषण कहानी को सुनाया इस कहानी में उन्होंने बताया कि खजांची बस्ती की तरह नई दुनिया बस्ती में भी सभी खनिज मजदूर हैं। इस बस्ती में सभी परिवारों ने बच्चें और माताओं को मजबूत बनाने के लिये काम किये। पहला अपने घर के पास जो भी जमीन बेकार पड़ी थीं उसमें घर से निस्तारित पानी का उपयोग कर पालक धनिया मेथी टमाटर नेनुवा तर्रोई जैसी सब्जियों के बीज डाले और इसे गॉंव के लोगों ने सर्वोदय पोषण वाटिका नाम रखा। प्रत्येक घर की मातायें अपनी रसोई में इस वाटिका से निकलने वाली सब्जी दाल या अन्य के साथ मिश्रित करके बनातीं हैं उनका भोजन पोषक बनता है। पिछले साल नई दुनिया बस्ती के 9 कुपोषित बच्चे मिले लेकिन आज वहॉं पर एक भी बच्चा कुपोषित नहीं है।
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कार्यक्रम में काउंसलर नीलू देवी, टीम सदस्य रामचंद्र, दीपा शुक्ला, अवधलाल सहित महेंद्र, शांती आदि मौजूद रहे।