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Farrukhabad News: दुश्मन की हर चाल नाकाम, ड्रोन-मिसाइल से भाग रहे आतंकी भी किए ढेर
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ले. जनरल हरजीत सिंह शाही को बैटन देते पूर्व कर्नल और द रेजिमेंट ले. जनरल मनोज कुमार कटियार।
- फोटो : संवाद
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फर्रुखाबाद। राजपूत रेजिमेंट सेंटर में आयोजित द्विवार्षिक सम्मेलन में शिरकत करने आए कर्नल अनिल कुमार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान घटी कई घटनाओं का विस्तार से खुलासा किया। बताया कि भारतीय सेना की तैयारी 24 घंटे की होती है। हम हर पल उसी दिन के लिए तैयार रहते हैं जब किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देना हो। बताया कि भारतीय सेना की तैयारी अब पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत है।
हमारी ट्रेनिंग, हमारी तकनीक और हमारी रणनीति, तीनों ऐसे स्तर पर हैं कि दुश्मन की हर साजिश को पहले ही ध्वस्त कर सकें। कर्नल अनिल कुमार ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद यह स्पष्ट था कि दुश्मन को कड़ा सबक सिखाना है। ऑपरेशन की शुरुआत से पहले ही हमें यह जानकारी थी कि आतंकियों के भागने के रास्ते कौन-से हैं और उनकी पोस्टें कहां स्थित हैं। दुश्मन ऐसा है जो सामने से वार पड़ते ही भागने की तैयारी पहले से रखता है लेकिन इस बार उसे कोई रास्ता नहीं मिला।
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उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में अत्याधुनिक ड्रोन और मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। जब हमने उनकी पोस्टों को नष्ट करना शुरू किया तो कई आतंकी भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हमारे पास ऐसे ड्रोन और मिसाइल थे जिनसे भाग रहे आतंकियों को भी मार गिराया गया। कहा कि पिछले 45 महीनों में पाकिस्तान उन बर्बाद की गई पोस्टों को आज तक दोबारा खड़ा नहीं कर पाया है। यह हमारी सटीक योजना और मजबूत सैन्य क्षमता का प्रमाण है।
आतंकवादी यूनिफॉर्म वाला हो या सिविल में, आतंकवादी ही है
कर्नल अनिल कुमार ने साफ कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई में सभी आतंकवादी मारे गए। पिछले 40 साल से यही बेनकाब है कि चाहे आतंकवादी वर्दी में हो या सिविल में, वे आतंकवादी ही हैं। पाकिस्तान हमेशा उन्हें सहयोग और समर्थन देता है। यह हमले पाकिस्तानी फौज की सुनियोजित प्लानिंग का नतीजा होते हैं।
बैटन हस्तांतरण के बाद फतेहगढ़ स्थित राजपूत रेजिमेंट सेंटर को लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही के रूप में नया कर्नल ऑफ द रेजिमेंट मिला। 33वें द्विवार्षिक समारोह के दौरान ले. जनरल मनोज कुमार कटियार ने करियप्पा वार मेमोरियल में शहीदों को नमन किया। सैनिक सम्मेलन के दौरान रेजिमेंट के शौर्य-परंपरा और अनुशासन को सराहा।
रविवार को सैन्य समारोह में सभी वरिष्ठ सैन्य अधिकारी करियप्पा वार मेमोरियल पहुंचे। यहां उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया। विशेष सैनिक सम्मेलन में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही को बैटन सौंपकर उन्हें कर्नल ऑफ द राजपूत रेजिमेंट के प्रतिष्ठित पद का औपचारिक दायित्व सौंपा। नवनियुक्त 19वें कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ने पूर्व 18वें कर्नल ऑफ द रेजिमेंट को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के सम्मान में स्क्रॉल भेंट किया।
सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवनियुक्त कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ले. जनरल हरजीत सिंह शाही ने सैनिकों के साहस, अनुशासन और निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राजपूत रेजिमेंट की शौर्य परंपरा और सैनिकों की अदम्य कर्तव्यनिष्ठा ही उसकी वास्तविक शक्ति है। रेजिमेंट का हर सैनिक इस गौरवशाली विरासत को और ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम है। सम्मेलन में सेंटर की सभी बटालियनों के कमांडिंग ऑफिसर और सूबेदार मेजर के साथ ही वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हुए। पांच से सात दिसंबर तक चले कार्यक्रम में रेजिमेंट के विभिन्न कार्यों, प्रशिक्षण आदि पर चर्चा हुई।
वेस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कहा कि चीन के साथ देश की उत्तरी सीमा हो या पश्चिमी सीमा पाकिस्तान के साथ, दोनों ओर से खतरा लगातार बना हुआ है। इसलिए सेना की ऑपरेशनल तैयारी में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जा सकती। भारतीय सेना का अराजनीतिक और धर्म निरपेक्ष चरित्र उसकी मूल पहचान है जिसे हर परिस्थिति में बरकरार रखना आवश्यक है।
रविवार को फतेहगढ़ स्थित राजपूत रेजिमेंट सेंटर के द्विवार्षिक समारोह में शिरकत करने के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कहा कि एलओसी और एलएसी दोनों तरफ से देश को खतरा है। पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकवादी कार्रवाई कर दुस्साहसिक हमला किया था लेकिन भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में उसे मुंह तोड़ जवाब दिया। यह पाकिस्तान की बड़ी हार थी। हमने न केवल हमले में शामिल आतंकवादियों को खत्म किया बल्कि उसकी योजना बनाने वालों को भी उनके कैंप और हेडक्वार्टर में घुसकर मार गिराया। प्रशिक्षण में ड्रोन वारफेयर की उपयोगिता पर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ड्रोन भविष्य की लड़ाई का अहम हिस्सा होंगे।
अग्निवीरों को भी ड्रोन संचालन और ड्रोन वारफेयर की विशेष ट्रेनिंग देना आवश्यक है जिससे कि वे आधुनिक युद्ध में दक्ष हो सकें। उन्होंने फतेहगढ़ के ऐतिहासिक किले और रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास पर गर्व जताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा में रेजिमेंट की भूमिका अभूतपूर्व रही है। कहा कि 1720 में बने फतेहगढ़ किले से लेकर वर्तमान तक रेजिमेंट ने शौर्य की अमिट गाथाएं लिखी हैं। बताया कि राजपूत की 25 यूनिट आज भी पूर्वी भारत से लेकर लद्दाख तक की सीमाओं की रक्षा में तैनात हैं। इस दौरान ले. जनरल हरजीत सिंह शाही, ब्रिगेडियर माइकल डिसूजा, कर्नल सौरभ त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।