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Farrukhabad News: जिले में रोजाना चार से पांच लोगों से हो रही साइबर ठगी
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फर्रुखाबाद। घर बैठे पैसा कमाने और लाटरी लगने के लालच में साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर जिले के चार से पांच लोग रोजाना साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। पीड़ित पुलिस से मदद की गुहार लगाते हैं लेकिन तब तक काफी देर हो जाती है। जिले में जनवरी से अब तक 1570 लोगों से 5.96 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है।
हर क्षेत्र के डिजिटलीकरण के साथ ही साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। मोटी कमाई की चाहत रखने वाले बेरोजगारों को साइबर ठग अपने जाल में फंसा रहे हैं। कई बार मोबाइल पर लाटरी, इनाम के मैसेज आते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल हैक हो जाता और एकाउंट से पैसे निकल जाते। कई बार ठग फोन कर लोगों को नौकरी लगवाने, पैसा ट्रांसफर करने का झांसा देकर अपने खाते में पैसा ट्रांसफर करवा लेते हैं। लोग लालच में फंसकर इनका शिकार बन जाते हैं। साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार जनपद में एक जनवरी से 16 दिसंबर तक 1570 लोगों से 5,96,85,118 रुपये ठगे गए। जिन पीड़ितों ने शिकायत की तो साइबर थाना पुलिस ने सक्रियता दिखाई। समय से शिकायत मिलने पर पैसे खाते में वापस कराने में भी सफलता मिली। कुल 386 शिकायतों का निस्तारण कर 59,84,402 रुपये पीड़ितों को वापस दिलवाए गए। इसके अलावा ठगों के खाते में जमा 1,23,77,470 रुपये की निकासी पर रोक लगा दी गई। फिलहाल यह कार्रवाई 48 फीसदी है। 52 फीसद मामले अभी लंबित हैं।
साइबर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि साइबर ठगी में कई प्रांत के शातिर सक्रिय हैं। ठगी होने पर जल्द से जल्द टोल फ्री नंबर 1930 पर फोन करें और साइबर सेल या थाने में सूचना दें। किसी के लालच या झांसे में न आएं। खुद जागरूक होने पर साइबर क्राइम से बचा जा सकता है।
जागरूक रहकर ठगी से बचें
- मजबूत पासवर्ड बनाकर नियमित बदलें। पासवर्ड में अंग्रेजी के बड़े व छोटे अक्षरों के साथ संख्या व विशेष चिह्न का भी प्रयोग करें। प्रत्येक ऑनलाइन एकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें।
- व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स व जी-मेल आदि में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें। लॉगिन करते समय पासवर्ड के साथ ओटीपी या विशेष कोड का प्रयोग करें।
- मोबाइल व कंप्यूटर में एंटीवायरस इंस्टाल करें और अपडेट रखें।
- साफ्टवेयर, एप और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय से अपडेट करें।
- अधिकारिक वेबसाइट से ही कोई भी एप डाउनलोड करें।
- सोशल मीडिया पर निजी जानकारी जन्मतिथि, पूरा पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और लाइव लोकेशन आदि साझा करने से बचें।
- संदिग्ध ई-मेल, मैसेज या लिंक को न खोलें। स्पैम मेल से जानकारी चोरी हो सकती है।
- सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सतर्क रहें।
- अपने बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी दें। बच्चों को सुरक्षित ब्राउजिंग और ऑनलाइन व्यवहार सिखाएं।
- एटीएम में कार्ड फंसने पर तत्काल बैंक के टोल फ्री या ब्रांच के नंबर पर फोन कर कार्ड ब्लॉक कराएं। इसके बाद ही एटीएम के बाहर निकलें।
- साइबर अपराध की घटना होने पर तत्काल नजदीकी साइबर सेल या थाना पर सूचना दें या फिर टोल फ्री 1930 पर फोन कर सूचना दें।
- यदि कोई व्यक्ति अनजान नंबर से काल कर रिश्तेदार बनकर पैसे भेजता है तो पहले कॉल कट करके अपना बैंक बैलेंस देखें कि उस व्यक्ति द्वारा पैसे भेजे गए या नहीं, सिर्फ मैसेज देखकर किसी को रुपये ट्रांसफर न करें।
साइबर अपराध से बचने के लिए यही कभी न करें
- कभी भी अपना पासवर्ड, ओटीपी या बैंक विवरण किसी व्यक्ति से साझा न करें। बैंक अधिकारी या कर्मचारी कभी निजी जानकारी नहीं मांगते हैं।
- फ्री गिफ्ट, इनाम, लाटरी वाले लिंक पर क्लिक न करें। इससे मोबाइल हैक हो सकता है।
- मोबाइल में कोई संदिग्ध एप्लीकेशन व एप डाउनलोड न करें। इससे डिवाइस हैक हो सकती है।
- सार्वजनिक कंप्यूटर या साइबर कैफे से ऑनलाइन बैंकिंग या शॉपिंग न करें।
- साेशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति से दाेस्ती न करें और न ही व्यक्तिगत जानकारी दें, इससे ब्लैकमेलिंग का शिकार हो सकते हैं।
- किसी के साथ ऑनलाइन बदसलूकी, अफवाह फैलाना, धमकी देना या गुमराह करने की पोस्ट न डालें।
- यदि किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस या अधिकारी बनकर वीडियो या अश्लील चित्र वायरल होने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट या पैसे की मांग करता है तो उसके झांसे में न आएं।
- व्हाट्सएप पर वीडियोकाॅल करते समय किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपने फोन की स्क्रीन शेयर न करें। वह व्यक्ति आपके फोटो का गलत इस्तेमाल कर ब्लैकमेल कर सकता है।
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हर क्षेत्र के डिजिटलीकरण के साथ ही साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। मोटी कमाई की चाहत रखने वाले बेरोजगारों को साइबर ठग अपने जाल में फंसा रहे हैं। कई बार मोबाइल पर लाटरी, इनाम के मैसेज आते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल हैक हो जाता और एकाउंट से पैसे निकल जाते। कई बार ठग फोन कर लोगों को नौकरी लगवाने, पैसा ट्रांसफर करने का झांसा देकर अपने खाते में पैसा ट्रांसफर करवा लेते हैं। लोग लालच में फंसकर इनका शिकार बन जाते हैं। साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार जनपद में एक जनवरी से 16 दिसंबर तक 1570 लोगों से 5,96,85,118 रुपये ठगे गए। जिन पीड़ितों ने शिकायत की तो साइबर थाना पुलिस ने सक्रियता दिखाई। समय से शिकायत मिलने पर पैसे खाते में वापस कराने में भी सफलता मिली। कुल 386 शिकायतों का निस्तारण कर 59,84,402 रुपये पीड़ितों को वापस दिलवाए गए। इसके अलावा ठगों के खाते में जमा 1,23,77,470 रुपये की निकासी पर रोक लगा दी गई। फिलहाल यह कार्रवाई 48 फीसदी है। 52 फीसद मामले अभी लंबित हैं।
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साइबर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि साइबर ठगी में कई प्रांत के शातिर सक्रिय हैं। ठगी होने पर जल्द से जल्द टोल फ्री नंबर 1930 पर फोन करें और साइबर सेल या थाने में सूचना दें। किसी के लालच या झांसे में न आएं। खुद जागरूक होने पर साइबर क्राइम से बचा जा सकता है।
जागरूक रहकर ठगी से बचें
- मजबूत पासवर्ड बनाकर नियमित बदलें। पासवर्ड में अंग्रेजी के बड़े व छोटे अक्षरों के साथ संख्या व विशेष चिह्न का भी प्रयोग करें। प्रत्येक ऑनलाइन एकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें।
- व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स व जी-मेल आदि में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें। लॉगिन करते समय पासवर्ड के साथ ओटीपी या विशेष कोड का प्रयोग करें।
- मोबाइल व कंप्यूटर में एंटीवायरस इंस्टाल करें और अपडेट रखें।
- साफ्टवेयर, एप और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय से अपडेट करें।
- अधिकारिक वेबसाइट से ही कोई भी एप डाउनलोड करें।
- सोशल मीडिया पर निजी जानकारी जन्मतिथि, पूरा पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और लाइव लोकेशन आदि साझा करने से बचें।
- संदिग्ध ई-मेल, मैसेज या लिंक को न खोलें। स्पैम मेल से जानकारी चोरी हो सकती है।
- सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सतर्क रहें।
- अपने बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी दें। बच्चों को सुरक्षित ब्राउजिंग और ऑनलाइन व्यवहार सिखाएं।
- एटीएम में कार्ड फंसने पर तत्काल बैंक के टोल फ्री या ब्रांच के नंबर पर फोन कर कार्ड ब्लॉक कराएं। इसके बाद ही एटीएम के बाहर निकलें।
- साइबर अपराध की घटना होने पर तत्काल नजदीकी साइबर सेल या थाना पर सूचना दें या फिर टोल फ्री 1930 पर फोन कर सूचना दें।
- यदि कोई व्यक्ति अनजान नंबर से काल कर रिश्तेदार बनकर पैसे भेजता है तो पहले कॉल कट करके अपना बैंक बैलेंस देखें कि उस व्यक्ति द्वारा पैसे भेजे गए या नहीं, सिर्फ मैसेज देखकर किसी को रुपये ट्रांसफर न करें।
साइबर अपराध से बचने के लिए यही कभी न करें
- कभी भी अपना पासवर्ड, ओटीपी या बैंक विवरण किसी व्यक्ति से साझा न करें। बैंक अधिकारी या कर्मचारी कभी निजी जानकारी नहीं मांगते हैं।
- फ्री गिफ्ट, इनाम, लाटरी वाले लिंक पर क्लिक न करें। इससे मोबाइल हैक हो सकता है।
- मोबाइल में कोई संदिग्ध एप्लीकेशन व एप डाउनलोड न करें। इससे डिवाइस हैक हो सकती है।
- सार्वजनिक कंप्यूटर या साइबर कैफे से ऑनलाइन बैंकिंग या शॉपिंग न करें।
- साेशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति से दाेस्ती न करें और न ही व्यक्तिगत जानकारी दें, इससे ब्लैकमेलिंग का शिकार हो सकते हैं।
- किसी के साथ ऑनलाइन बदसलूकी, अफवाह फैलाना, धमकी देना या गुमराह करने की पोस्ट न डालें।
- यदि किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस या अधिकारी बनकर वीडियो या अश्लील चित्र वायरल होने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट या पैसे की मांग करता है तो उसके झांसे में न आएं।
- व्हाट्सएप पर वीडियोकाॅल करते समय किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपने फोन की स्क्रीन शेयर न करें। वह व्यक्ति आपके फोटो का गलत इस्तेमाल कर ब्लैकमेल कर सकता है।
