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Farrukhabad News: शर्मनाक घटना से भी सबक नहीं, सीएचसी में न चादर न हीटर

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:49 PM IST
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No lesson even from the shameful incident, no sheets or heaters in the CHC
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राजेपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता का वार्ड के बाहर फर्श पर प्रसव होने की शर्मनाक घटना से भी अस्पताल प्रशासन ने सबक नहीं लिया। भर्ती महिला मरीजों को न तो चादर नसीब हो रही और न ही हीटर की गर्मी। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए लोगों को घर से कंबल लाने पड़ रहे हैं। अस्पताल में पांच स्टॉफ नर्स और तीन एएनएम की तैनाती है। महिला डॉक्टर सिर्फ ओपीडी में ही सेवाएं देकर चली जाती हैं। ऐसे में प्रसूताएं और गर्भवती स्टॉफ नर्स के भरोसे रहती हैं।
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सीएचसी में बुधवार दोपहर पिथनापुर निवासी भूरे वर्मा की पत्नी सुमन का वार्ड से निकलते ही फर्श पर प्रसव हो गया था। नवजात की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि प्रसूता की हालत भी गंभीर हो गई थी। अस्पताल में भारी भरकम सुविधाओं पर सरकार हर माह लाखों रुपये खर्च कर रही है। बृहस्पतिवार की सुबह अस्पताल में सात प्रसूताएं भर्ती मिलीं। जिन बेडों पर महिला मरीज भर्ती थीं उनमें अधिकांश पर न तो अस्पताल की चादर और न ही कंबल था। महिला मरीज घरों से लाए कंबल ओढ़कर लेटी थीं। वार्ड में हीटर की भी व्यवस्था न होने से मरीज ठिठुरती दिखीं। प्राइवेट वार्ड में लेटी सुमन के पास एक हीटर लगा दिखा। गर्भवती और प्रसूताओं को पांच स्टॉफ नर्स और तीन एएनएम का ही सहारा है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमित राजपूत ने बताया कि व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं है। डॉ. सोनू सिंह प्रशिक्षण पर गई हैं व डॉ. रचिता कटियार ओपीडी करके चली जाती हैं।
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सीएचसी प्रभारी ने डॉ. प्रमित राजपूत ने बताया कि 20 अक्तूबर से अब तक 455 गर्भवती भर्ती हुईं। इनमें 396 महिलाओं के प्रसव कराए गए। 47 को लोहिया अस्पताल रेफर किया गया। 14 नवजात शिशुओं को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
मोहम्मदाबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार अस्पताल के वार्ड हीटर से भले ही गर्म होने का दावा कर रहे हों, मगर वास्तव में प्रसूताएं व गर्भवती ठिठुरने को मजबूर हैं। कंबल व चादर नसीब न होने से घरों से लाए गर्म कपड़ों से वक्त गुजारना मजबूरी है।
बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे अस्पताल में अव्यवस्थाएं हावी मिलीं। एक बेड पर मेरापुर थाने के गांव देवसनी निवासी श्यामपाल की पत्नी प्रेमवती मिलीं। बताया कि प्रसव पीड़ा के बाद सुबह आठ बजे यहां आईं। 10 बजे पुत्री को जन्म दिया। बेतहाशा ठंड लग रही है, न हीटर की व्यवस्था है और न ही चादर। कंबल भी घर से ही लेकर आए हैं। कुछ खाने के लिए भी नहीं मिला है। कटिन्ना मानिकपुुर निवासी नितिन की गर्भवती पत्नी प्रीती करीब सवा आठ बजे भर्ती हुई थीं। बताया कि यहां बेड व गद्दा के अलावा कुछ नहीं मिला। सुबह से नाश्ता भी नहीं मिला है। वह खाना घर से लाई हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. गौरव यादव ने बताया कि वार्ड में हीटर लगे हैं। कंबल और चादर उपलब्ध हैं। जो लिखना है लिख दो। जवाब दे दिया जाएगा।
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