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Farrukhabad News: प्रदूषण विभाग की एनओसी के बिना छपाई कारखाने चलवा रहा बिजली महकमा

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:48 PM IST
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The electricity department is running a printing factory without the NOC of the pollution department.
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फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), कानपुर के क्षेत्रीय अधिकारी की सख्ती के बावजूद बिजली निगम बिना एनओसी ही बिजली कनेक्शन देकर छपाई कारखाने चलवा रहा है। जिले में सिर्फ आठ छपाई कारखानों के पास प्रदूषण विभाग की एनओसी है। एनओसी न होने पर छह साल पहले 100 कारखानों के कनेक्शन काटे गए थे लेकिन मिलीभगत करके फिर से कनेक्शन दे दिए गए। बीते माह बोर्ड के तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी ने जांच के बाद बिना एनओसी चल रहे 15 कारखानों की सूची बिजली निगम को उपलब्ध कराई थी। इसके बावजूद अब तक सिर्फ कागजों पर ही कार्रवाई निस्तारित की गई है।
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पीसीबी का मानना है कि शहर में चल रहे छपाई कारखानों से निकले रंगीन पानी से गंगा जल प्रदूषित होता है। इसी के चलते वर्ष 2019 में पीसीबी ने शहर में अभियान चलाकर बिना एनओसी चल रहे 108 कारखानों के बिजली कनेक्शन कटवा दिए थे। इनमें से आठ ने ही एनओसी ली। बाकी को बिजली महकमे ने बिना एनओसी लिए दोबारा कनेक्शन दे दिए। बीते साल जिलाधिकारी के आदेश पर हुई जांच में 15 अन्य कारखानों में बिना एनओसी बिजली कनेक्शन पाए गए थे। पीसीबी के तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने पत्र जारी कर बिजली महकमे को कारखानों के कनेक्शन तुरंत काटने के लिए कहा था। हालांकि बिजली महकमे की कार्रवाई कागजों में ही सिमट कर रह गई। इन सभी 115 कारखानों में अभी भी बिजली कनेक्शन से ही छपाई का काम तेजी से किया जा रहा है।
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हर साल की तरह इस बार भी पांचाल घाट, श्रंगीरामपुर और प्रयागराज में माघ माह में करोड़ों श्रद्धालु गंगाजल में डुबकी लगाएंगे। यही नहीं पूरे महीने लाखों भक्त एक माह का कल्पवास भी करते हैं। इस माह स्नान पर्वों के दिनों में कारखानों में काम पर प्रतिबंध लगेगा। बिना एनओसी खुलेआम चल रहे कारखानों से निकले रंगीन जल से प्रदूषण होना तय माना जा रहा है।

अमेरिका डाइन, आरजे फैशन, रूपकिशोर अजय कुमार डाइंग एंड प्रिंटिंग, प्रतीक आर्ट, रकम एक्सपर्ट, उचित इंटरनेशनल समेत आठ इकाइयों ने इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) पर लाखों रुपये खर्च कर एनओसी ली है। इन इकाइयों से निकला पानी शोधित होने की बात कही जा रही है। इसके बावजूद माघ माह में बंदी के दिनों में इन्हें छूट प्रदान नहीं की जाती।
अधिशासी अभियंता नगरीय ब्रजभान सिंह ने बताया कि छपाई कारखानों के ऑफिस के लिए बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। इसकी उच्चाधिकारियों द्वारा जांच भी कराई जा चुकी है। यदि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कोई आपत्ति है तो वह कारखाना सील कर सकते हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर ही वह कोई कार्रवाई करेंगे।
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