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Fatehpur News: बाढ़ ने बिगाड़ दी 10 करोड़ से बनी सड़कों की सूरत
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औंग(फतेहपुर)। इस बार जिले में दो मर्तबा आई बाढ़ ने न सिर्फ किसानों के अरमानों पर पानी फेरा बल्कि सड़कों की सूरत भी बिगाड़ दी है। गंगा कटरी क्षेत्र से बाढ़ का पानी उतरते ही तीन साल पहले 10 करोड़ से बनीं सड़कें गायब सी हो गईं हैं। बारिश से पहले जो सड़कें चमचमाती नजर आ रही थीं, वह अब गड्ढों में तब्दील हो चुकीं हैं।
बिंदकी फार्म से सदनहा गांव तक जाने वाली 10 किमी की सड़क का निर्माण तीन साल पहले लगभग सात करोड़ की लागत से कराया गया था। इस बार बाढ़ के कारण सड़क की ऊपरी परत बह चुकी है और, जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। वाहन चालकों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। इसी तरह नया खेड़ा से जाड़े का पुरवा तक की तीन किमी सड़क ढाई साल पहले मरम्मत करीब एक करोड़ रुपये से बनवाई गई थी।
यह भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कई हिस्सों में तो सड़क के किनारे धंसाव और दरारें आ चुकीं हैं। मलवां ब्लॉक में पांडु नदी के किनारे मदारपुर से लेकर सदनहा होते हुए बिंदकी फार्म तक बनी की डामर सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। यह सड़क वर्ष 2019-2020 में बनाई गई थी। इसके साथ मदारपुर, बड़ाखेड़ा, नया खेड़ा, मल्हू खेड़ा की करीब दो करोड़ की लागत से बनीं सड़कें बह गईं हैं।
गांव के मोतीलाल, शंकर, भोला, राकेश आदि ने बताया कि जहां नदी का बहाव तेज था, वहां डामर की एक परत भी नहीं बची। अब सिर्फ गिट्टी और बजरी ही बची है। गांवों में स्कूली बच्चों को स्कूल आने-जाने में भारी दिक्कत हो रही है। कई जगह तो बाढ़ शिविर से ग्रामीणों का सामान लेकर पिकअप चालक से गांव अंदर आने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे कीचड़ और गड्ढों में गिरकर रोज चोटहिल हो रहे हैं।
विभाग के लोग सर्वे तक के लिए नहीं आए
फोटो-29-मोतीलाल चौहान
बिंदकी फार्म निवासी मोतीलाल चौहान ने बताया कि पिछले साल आई बाढ़ में गांव के भीतर की सड़क खराब हुई थी, लेकिन मुख्य मार्ग सुरक्षित था। इस बार बाढ़ के पानी में पूरी सड़क ही बह गई है। सड़क पर आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं लेकिन अभी विभाग के लोग सर्वे तक के लिए नहीं आए हैं।
पूरे गांव का मार्ग जर्जर हालात में
फोटो-30- शंकर निषाद
जाड़े का पुरवा गांव के शंकर निषाद ने बताया कि तीन साल पहले बनी सड़क के लिए तीन से अधिक ठेकेदार बदले गए थे। इसके बाद भी अच्छा कार्य नहीं हुआ। कई स्थानों में पहले ही गड्ढे थे अब पूरा गांव का मार्ग जर्जर हालात में पहुंच गया है।
शिविर से सामान लेने में भी परेशानी
फोटो-31-विजयी निषाद
सदनहा गांव के विजयी निषाद ने बताया कि पहले हम बाढ़ से परेशान थे। अब सड़कों के जर्जर होने से शिविर से सामान लेने जाने में परेशानी हो रही है। सड़क से पूरी तरह से गिट्टी व डामर गायब होने से पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
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कोट्स
बाढ़ क्षेत्र की सभी सड़कों का सर्वे कराया जाएगा जो सड़क पीडब्ल्यूडी से बनाई गई होंगी उन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाया जाएगा।
एसके गौतम, अधीक्षण अभियंता , पीडब्ल्यूडी

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बिंदकी फार्म से सदनहा गांव तक जाने वाली 10 किमी की सड़क का निर्माण तीन साल पहले लगभग सात करोड़ की लागत से कराया गया था। इस बार बाढ़ के कारण सड़क की ऊपरी परत बह चुकी है और, जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। वाहन चालकों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। इसी तरह नया खेड़ा से जाड़े का पुरवा तक की तीन किमी सड़क ढाई साल पहले मरम्मत करीब एक करोड़ रुपये से बनवाई गई थी।
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यह भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कई हिस्सों में तो सड़क के किनारे धंसाव और दरारें आ चुकीं हैं। मलवां ब्लॉक में पांडु नदी के किनारे मदारपुर से लेकर सदनहा होते हुए बिंदकी फार्म तक बनी की डामर सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। यह सड़क वर्ष 2019-2020 में बनाई गई थी। इसके साथ मदारपुर, बड़ाखेड़ा, नया खेड़ा, मल्हू खेड़ा की करीब दो करोड़ की लागत से बनीं सड़कें बह गईं हैं।
गांव के मोतीलाल, शंकर, भोला, राकेश आदि ने बताया कि जहां नदी का बहाव तेज था, वहां डामर की एक परत भी नहीं बची। अब सिर्फ गिट्टी और बजरी ही बची है। गांवों में स्कूली बच्चों को स्कूल आने-जाने में भारी दिक्कत हो रही है। कई जगह तो बाढ़ शिविर से ग्रामीणों का सामान लेकर पिकअप चालक से गांव अंदर आने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे कीचड़ और गड्ढों में गिरकर रोज चोटहिल हो रहे हैं।
विभाग के लोग सर्वे तक के लिए नहीं आए
फोटो-29-मोतीलाल चौहान
बिंदकी फार्म निवासी मोतीलाल चौहान ने बताया कि पिछले साल आई बाढ़ में गांव के भीतर की सड़क खराब हुई थी, लेकिन मुख्य मार्ग सुरक्षित था। इस बार बाढ़ के पानी में पूरी सड़क ही बह गई है। सड़क पर आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं लेकिन अभी विभाग के लोग सर्वे तक के लिए नहीं आए हैं।
पूरे गांव का मार्ग जर्जर हालात में
फोटो-30- शंकर निषाद
जाड़े का पुरवा गांव के शंकर निषाद ने बताया कि तीन साल पहले बनी सड़क के लिए तीन से अधिक ठेकेदार बदले गए थे। इसके बाद भी अच्छा कार्य नहीं हुआ। कई स्थानों में पहले ही गड्ढे थे अब पूरा गांव का मार्ग जर्जर हालात में पहुंच गया है।
शिविर से सामान लेने में भी परेशानी
फोटो-31-विजयी निषाद
सदनहा गांव के विजयी निषाद ने बताया कि पहले हम बाढ़ से परेशान थे। अब सड़कों के जर्जर होने से शिविर से सामान लेने जाने में परेशानी हो रही है। सड़क से पूरी तरह से गिट्टी व डामर गायब होने से पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
कोट्स
बाढ़ क्षेत्र की सभी सड़कों का सर्वे कराया जाएगा जो सड़क पीडब्ल्यूडी से बनाई गई होंगी उन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाया जाएगा।
एसके गौतम, अधीक्षण अभियंता , पीडब्ल्यूडी