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प्रचार-प्रसार के लिए विद्युत पोलों को भी नहीं छोड़ा, बाजारों में बन रखा है मकड़जाल
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सदर बाजार स्थित विद्युत पोल पर होर्डिंग लगाता युवक
- फोटो : FIROZABAD
फिरोजाबाद। होली, दीवापली, ईद, नवरात्र हो अथवा किसी राष्ट्रीय व प्रदेशस्तरीय नेता का जनपद में आगमन। इनके स्वागत और बधाई देने के लिए राजनीतिक दल शहर को होर्डिंग्स और बैनरों से पाट देते है। निजी भवनों की दीवारों के साथ-साथ सरकारी भवनों की दीवार और विद्युत पोलों पर ही कटआउट लगा दिए जाते हैं। शहर में लगभग हर विद्युत पोल पर विज्ञापन बोर्ड देखे जाते सकते हैं। इनकी अनुमति भी नहीं ली गई है।
नगर निगम की अनुमति के बिना शहर होर्डिंग्स और बैनर से पाट दिया जता है। मुख्य चौराहों पर विद्युत पोलों पर भी अधिकांश विज्ञापन नगर निगम द्वारा ठेका उठाने से पूर्व ही लगा दिए गए। इसकी राशि भी निगम में जमा नहीं कराई गई। मेरठ, दिल्ली, हरियाणा और अन्य प्रदेशों की कंपनियों द्वारा होर्डिंग्स लगवाने के लिए भले ही नगर निगम में रसीद कटवाई हो लेकिन स्थानीय राजनीतिक दलों के साथ ऐसा नहीं किया जाता है। इससे राजस्व की हानि होने के साथ ही शहर भी गंदा नजर आता है। शहर के घंटाघर, जिला अस्पताल, बस स्टैंड, स्टेशन रोड आदि स्थानों पर लगे विद्युत पोलों पर कंपनी तथा संस्था की प्रचार-प्रसार सामग्री लगी है।
लग रहा राजस्व का चूना
शहर में संस्थाओ द्वारा अपना प्रचार-प्रसार करने के लिए होर्डिंग्स लगाने से पहले नगर निगम से अनुमति लेनी पड़ती है। इसके लिए निर्धारित शुल्क भी जमा करना पड़ता है लेकिन विज्ञापन लगाने वाले लोग न तो इजाजत लेते हैं और न ही शुल्क जमा करते हैं।
बनी रहती है हादसे की आशंका
विद्युत पोलों पर कटआउट हवा के झोंके के साथ नीचे गिरते हैं। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। कुछ विद्युत पोलों पर लगे बैनर नीचे लटके हैं, जो कभी भी गिर कर राहगीरों को घायल कर सकते हैं।
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नगर निगम की अनुमति के बिना शहर होर्डिंग्स और बैनर से पाट दिया जता है। मुख्य चौराहों पर विद्युत पोलों पर भी अधिकांश विज्ञापन नगर निगम द्वारा ठेका उठाने से पूर्व ही लगा दिए गए। इसकी राशि भी निगम में जमा नहीं कराई गई। मेरठ, दिल्ली, हरियाणा और अन्य प्रदेशों की कंपनियों द्वारा होर्डिंग्स लगवाने के लिए भले ही नगर निगम में रसीद कटवाई हो लेकिन स्थानीय राजनीतिक दलों के साथ ऐसा नहीं किया जाता है। इससे राजस्व की हानि होने के साथ ही शहर भी गंदा नजर आता है। शहर के घंटाघर, जिला अस्पताल, बस स्टैंड, स्टेशन रोड आदि स्थानों पर लगे विद्युत पोलों पर कंपनी तथा संस्था की प्रचार-प्रसार सामग्री लगी है।
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लग रहा राजस्व का चूना
शहर में संस्थाओ द्वारा अपना प्रचार-प्रसार करने के लिए होर्डिंग्स लगाने से पहले नगर निगम से अनुमति लेनी पड़ती है। इसके लिए निर्धारित शुल्क भी जमा करना पड़ता है लेकिन विज्ञापन लगाने वाले लोग न तो इजाजत लेते हैं और न ही शुल्क जमा करते हैं।
बनी रहती है हादसे की आशंका
विद्युत पोलों पर कटआउट हवा के झोंके के साथ नीचे गिरते हैं। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। कुछ विद्युत पोलों पर लगे बैनर नीचे लटके हैं, जो कभी भी गिर कर राहगीरों को घायल कर सकते हैं।