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नौकरी दिलाने के नाम पर 30 हजार की ठगी
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घाटमपुर (कानपुर)। नगर पालिका परिषद में नौकरी दिलाने के नाम पर हिमाचल प्रदेश के दो युवकों से 30 हजार रुपये की ठगने के बाद टप्पेबाजों ने उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर पकड़ा दिए। जानकारी होने पर युवकों ने भी पांसा फेंका और एक ठग को अपने चंगुल में फंसाकर पुलिस के हवाले कर दिया। कोतवाल सत्यदेव शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
गांव वहिंगा लोधवां जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) निवासी अक्षय जसरोलिया ने बताया कि करीब छह महीने पहले उसके बड़े भाई को ट्रेन में वसीम नाम का एक युवक मिला। उसने बातों ही बातों में घाटमपुर नगर पालिका में दो युवकों को नौकरी दिलाने की बात कही। इसके एवज में 10 लाख रुपये देने की बात भी तय हो गई। इसके बाद युवक उसके भाई के संपर्क में बना रहा। 20 अगस्त को फोन किया और नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर पाने के लिए 30 हजार रुपये साथ लेकर घाटमपुर आ जाओ। अक्षय ने बताया कि युवक के कहे अनुसार वह अपने चचेरे भाई को साथ लेकर घाटमपुर आया। यहां पर वसीम और उसका साथी अरविंद मिले। उन्होंने 20 हजार रुपये नगद लिए जबकि 10 हजार रुपये बैंक खाते में डलवाए। इसके बाद अक्षय और उसके चचेरे भाई को ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया। कहा कि बाकी पैसे का भी जल्द इंतजाम कर लेना।
अक्षय ने बताया कि नौकरी लग जाने की खुशी में उसने अपने चचेरे भाई के साथ घाटमपुर में किराए का कमरा भी ले लिया। लेकिन, जब अगले दिन नगर पालिका में ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे तो वहां पर बताया गया कि ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। यह जानकारी होने पर अक्षय और उसका चचेरा भाई परेशान हो उठे। उन्होंने वसीम से संपर्क किया तो उसने पहली सितंबर से ज्वाइनिंग मिलने का झांसा दिया। इधर, अक्षय ने भी चाल चली, उसने वसीम को फोन करे कहा कि वह घाटमपुर आकर शेष रुपया (9 लाख 70 हजार) ले जाए। वसीम उसके झांसे में आ गया और उसने रुपये लेने के लिए अपने साथी अरविंद को घाटमपुर भेज दिया। जहां अक्षय और उसके चचेरे भाई ने अरविंद को पकड़ने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। देर शाम कोतवाल सत्यदेव शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से नौकरी के लिए आए युवक मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहते हैं, दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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गांव वहिंगा लोधवां जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) निवासी अक्षय जसरोलिया ने बताया कि करीब छह महीने पहले उसके बड़े भाई को ट्रेन में वसीम नाम का एक युवक मिला। उसने बातों ही बातों में घाटमपुर नगर पालिका में दो युवकों को नौकरी दिलाने की बात कही। इसके एवज में 10 लाख रुपये देने की बात भी तय हो गई। इसके बाद युवक उसके भाई के संपर्क में बना रहा। 20 अगस्त को फोन किया और नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर पाने के लिए 30 हजार रुपये साथ लेकर घाटमपुर आ जाओ। अक्षय ने बताया कि युवक के कहे अनुसार वह अपने चचेरे भाई को साथ लेकर घाटमपुर आया। यहां पर वसीम और उसका साथी अरविंद मिले। उन्होंने 20 हजार रुपये नगद लिए जबकि 10 हजार रुपये बैंक खाते में डलवाए। इसके बाद अक्षय और उसके चचेरे भाई को ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया। कहा कि बाकी पैसे का भी जल्द इंतजाम कर लेना।
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अक्षय ने बताया कि नौकरी लग जाने की खुशी में उसने अपने चचेरे भाई के साथ घाटमपुर में किराए का कमरा भी ले लिया। लेकिन, जब अगले दिन नगर पालिका में ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे तो वहां पर बताया गया कि ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। यह जानकारी होने पर अक्षय और उसका चचेरा भाई परेशान हो उठे। उन्होंने वसीम से संपर्क किया तो उसने पहली सितंबर से ज्वाइनिंग मिलने का झांसा दिया। इधर, अक्षय ने भी चाल चली, उसने वसीम को फोन करे कहा कि वह घाटमपुर आकर शेष रुपया (9 लाख 70 हजार) ले जाए। वसीम उसके झांसे में आ गया और उसने रुपये लेने के लिए अपने साथी अरविंद को घाटमपुर भेज दिया। जहां अक्षय और उसके चचेरे भाई ने अरविंद को पकड़ने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। देर शाम कोतवाल सत्यदेव शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से नौकरी के लिए आए युवक मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहते हैं, दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
