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Gonda News: सरयू में समा रहे बाड़ी माझा व साकीपुर के खेत
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:01 AM IST
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करनैलगंज में रामलीला का मंचन करते कलाकार। - संवाद
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करनैलगंज/विश्नोहरपुर। सरयू नदी में पानी बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। नदी खतरे के निशान 106.070 से 13 सेंटीमीटर ऊपर 106.200 मीटर पर पहुंच गई है। वहीं, साकीपुर के तीन व बाड़ी माझा के छह किसानों के खेत कटान की जद में आ गए हैं। इससे माझावासियों की परेशानी एक बार फिर बढ़ने लगी है।
सरयू के बढ़ते जलस्तर के चलते ब्योंदा माझा गांव का मुख्य मार्ग सहित सभी मजरों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो चुके हैं। सभी मजरे पानी से घिर गए हैं। लोगों के आवागमन के साथ ही जरूरत की चीजों को लेकर समस्याएं बढ़ गई हैं। प्रधान केशवराम यादव ने बताया कि 15 दिन पहले बाढ़ पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी, लेकिन लेखपाल ने नाव हटवा दी। लोग पानी में चलकर ही आवागमन कर रहे हैं। अब पानी फिर बढ़ गया है, लेकिन नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने नाव उपलब्ध कराने की मांग की है। दत्तनगर के प्रधान राजाराम यादव ने बताया कि बाड़ी मजरे में सतीचंद, फतेहबहादुर, गेनऊ, फूलचंद, ननके व रामसजीवन के धान व गन्ने के खेत कट रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष का मुआवजा नहीं मिला और इस बार भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। साकीपुर में अंबर, गम्मा, राम सुफल का खेत कट रहा है। यहां के लोग भी मुआवजे व अन्य लाभ से वंचित हैं।
सरयू नदी का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान से तीन सेंटीमीटर नीचे तथा पानी का डिस्चार्ज करीब 3.21 लाख क्यूसेक था। बृहस्पतिवार को जलस्तर बढ़ते हुए खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। एक बार फिर बाढ़ का पानी गांवों की तरफ बढ़ने लगा है। ग्राम नकहरा, चंदापुर किटौली, पसका, घरकुइयां, बहुवन मदार मांझा के ग्रामीण चिंतित हैं। चंदापुर किटौली के प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश द्विवेदी का कहना है कि जलस्तर बढ़ रहा है। गांव के तीन मजरे पानी से घिरने लगे हैं। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता पंकज आर्य का कहना है कि बाढ़ की स्थिति पूरी तरह सामान्य है। बांध को कोई खतरा नहीं है।

सरयू के बढ़ते जलस्तर के चलते ब्योंदा माझा गांव का मुख्य मार्ग सहित सभी मजरों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो चुके हैं। सभी मजरे पानी से घिर गए हैं। लोगों के आवागमन के साथ ही जरूरत की चीजों को लेकर समस्याएं बढ़ गई हैं। प्रधान केशवराम यादव ने बताया कि 15 दिन पहले बाढ़ पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी, लेकिन लेखपाल ने नाव हटवा दी। लोग पानी में चलकर ही आवागमन कर रहे हैं। अब पानी फिर बढ़ गया है, लेकिन नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने नाव उपलब्ध कराने की मांग की है। दत्तनगर के प्रधान राजाराम यादव ने बताया कि बाड़ी मजरे में सतीचंद, फतेहबहादुर, गेनऊ, फूलचंद, ननके व रामसजीवन के धान व गन्ने के खेत कट रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष का मुआवजा नहीं मिला और इस बार भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। साकीपुर में अंबर, गम्मा, राम सुफल का खेत कट रहा है। यहां के लोग भी मुआवजे व अन्य लाभ से वंचित हैं।
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सरयू नदी का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान से तीन सेंटीमीटर नीचे तथा पानी का डिस्चार्ज करीब 3.21 लाख क्यूसेक था। बृहस्पतिवार को जलस्तर बढ़ते हुए खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। एक बार फिर बाढ़ का पानी गांवों की तरफ बढ़ने लगा है। ग्राम नकहरा, चंदापुर किटौली, पसका, घरकुइयां, बहुवन मदार मांझा के ग्रामीण चिंतित हैं। चंदापुर किटौली के प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश द्विवेदी का कहना है कि जलस्तर बढ़ रहा है। गांव के तीन मजरे पानी से घिरने लगे हैं। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता पंकज आर्य का कहना है कि बाढ़ की स्थिति पूरी तरह सामान्य है। बांध को कोई खतरा नहीं है।
करनैलगंज में रामलीला का मंचन करते कलाकार। - संवाद