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Hamirpur News: 25 डेरों को वर्षों से बिजली पानी, सड़क की सुविधा नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:00 AM IST
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फोटो 19 एचएएमपी 01- बांस के बने जुगाड़ पुल से निकलने को मजबूर ग्रामीण। संवाद
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गहरौली (हमीरपुर)। विकास खंड क्षेत्र मुस्कुरा के गांव गहरौली से तीन किलोमीटर दूर लगभग 25 डेरों में ग्रामीण निवास करते हैं। यहां पर केंद्र व प्रदेश सरकार की एक भी विकास योजना नहीं पहुंच पाई है। बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से यहां के वाशिंदे वंचित हैं। हर मौसम में पगडंडियों से होकर निकलना मजबूरी है। वहीं जान जोखिम में डालकर डेरावासी नाला पार करते हैं।
गहरौली जिले की दूसरी सबसे बड़ी पंचायत है। ग्राम पंचायत से करीब तीन किलोमीटर दूर करौंदा बाबा हनुमान मंदिर क्षेत्र में 25 डेरों में लगभग 700 वाशिंदे निवास कर रहे हैं। पेयजल की समस्या भी बनी हुई है। सर्वाधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। यहां के किसान कीचड़ के चलते ट्रैक्टर भी नहीं निकाल पाते हैं। सबसे बड़ी परेशानी तो किसी महिला के प्रसव पीड़ा पर होती है। डेरा तक कीचड़ हो जाने पर एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है।
डेरा निवासी अशोक कुमार ने बताया कि सड़क नहीं होने से आवागमन मुश्किल होता है। बाबू ने बताया कि पेयजल का संकट है। नमामि गंगे योजना के तहत भी इस क्षेत्र को नहीं जोड़ा गया। ग्रामीण घंसू पाल ने बताया कि विधायक या सांसद प्रत्याशी भी डेरों में नहीं आता है जिससे हम अपनी बात कह सकें। संसाधनों की कमी से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। डेरे में अभी कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल का मुंह भी नहीं देखा है।
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गहरौली जिले की दूसरी सबसे बड़ी पंचायत है। ग्राम पंचायत से करीब तीन किलोमीटर दूर करौंदा बाबा हनुमान मंदिर क्षेत्र में 25 डेरों में लगभग 700 वाशिंदे निवास कर रहे हैं। पेयजल की समस्या भी बनी हुई है। सर्वाधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। यहां के किसान कीचड़ के चलते ट्रैक्टर भी नहीं निकाल पाते हैं। सबसे बड़ी परेशानी तो किसी महिला के प्रसव पीड़ा पर होती है। डेरा तक कीचड़ हो जाने पर एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है।
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डेरा निवासी अशोक कुमार ने बताया कि सड़क नहीं होने से आवागमन मुश्किल होता है। बाबू ने बताया कि पेयजल का संकट है। नमामि गंगे योजना के तहत भी इस क्षेत्र को नहीं जोड़ा गया। ग्रामीण घंसू पाल ने बताया कि विधायक या सांसद प्रत्याशी भी डेरों में नहीं आता है जिससे हम अपनी बात कह सकें। संसाधनों की कमी से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। डेरे में अभी कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल का मुंह भी नहीं देखा है।

फोटो 19 एचएएमपी 01- बांस के बने जुगाड़ पुल से निकलने को मजबूर ग्रामीण। संवाद
