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Hamirpur News: अफसरों की लापरवाही से जिला अस्पताल में सात माह से अल्ट्रासाउंड की जांच ठप
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Tue, 16 Sep 2025 12:34 AM IST
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फोटो 15 एचएएमपी 06- जिला पुरुष अस्पताल में बंद अल्ट्रासाउंड कक्ष। संवाद
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हमीरपुर। जिला पुरुष अस्पताल में जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही से सात महीने से अल्ट्रासाउंड की जांचे ठप हैं। फरवरी 2025 में अल्ट्रासाउंड मशीन लाइसेंस के नवीनीकरण की समय सीमा खत्म हो गई थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया। जुलाई 25 में आवेदन करने के बाद नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो सकी। बावजूद इसके अभी तक नवीनीकरण नहीं हो पाया है। ऐसे में मरीजों को बाहर से जांचें करानी पड़तीं हैं।
जिले में करीब 12 लाख की आबादी है। सदर अस्पताल में जनपद सहित आसपास के जनपदों कानुपर, फतेहपुर, जालौन, महोबा व बांदा के नजदीकी क्षेत्र के मरीज भी इलाज के लिए यहां आते हैं। 29 मार्च 2023 को जनपद आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तत्कालीन सीएमओ को हर हाल में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए निर्देशित किया था। उनके फरमान के दो साल बाद जिला पुरुष अस्पताल में जनवरी 2025 में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की गई। लेकिन अभी तक जिला महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो सकी है। वहीं, पुरुष अस्पताल में एक माह तक अल्ट्रासाउंड हुए। फरवरी 25 में अल्ट्रासाउंड मशीन के लाइसेंस नवीनीकरण की समय सीमा खत्म हो गई।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया गया। इससे जांचे ठप हो गईं। मामला मीडिया में आने के बाद जैसे-तैसे जुलाई 25 में नवीनीकरण के लिए आवेदन किया गया। अब दो माह से फाइल सीएमओ दफ्तर में पड़ी है, अभी तक उसका नवीनीकरण नहीं हो सका है। इससे जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है।
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फ्री की उठा रहे सैलरी
बीते सात माह से अल्ट्रासाउंड की जांचें ठप हैं। जनवरी में तैनात किए गए रेडियोलॉजिस्ट अब तक फ्री में सैलरी उठा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक लेवल चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। प्रतिमाह करीब तीन लाख रुपये मानदेय मिलता है। बीते सात माह में करीब 21 लाख का मानदेय उठाया है, जबकि मरीजों को इनसे कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।
बाहर से करानी पड़ी जांच
तीमारदार सूरज सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जांच सुविधा नहीं है। निजी पैथालॉजी से 500 रुपये देकर जांच करानी पड़ती है।
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500 रुपये देकर बाहर से कराई जांच
शहर निवासी शिवेंद्र बाबू ने बताया कि उसके पेट में तीन दिनों से दर्द हो रहा था। जिला अस्पताल में चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड जांच कराने को लिखा, तीन दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है। बाहर से 500 रुपये देकर जांच कराई है।
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लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन करने की जिम्मेवारी सीएमएस की है। वहीं बताएंगे कि लाइसेंस नवीनीकरण क्यों नहीं हुआ।
- डॉ. अरुण कुमार, रेडियोलॉजिस्ट।
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लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन समय से कर दिया गया था। लेकिन आवेदन स्वीकार ही नहीं किया गया। बड़े लोगों का मामला है, वही समझें। उनके स्तर से प्रक्रिया पूरी कर दी गई है।
- डॉ. एसपी गुप्ता, सीएमएस जिला अस्पताल।
फरवरी में लाइसेंस की समय सीमा खत्म हो गई थी, लेकिन इन्होंने जुलाई में आवेदन किया है। सारी प्रक्रिया में एक से डेढ़ माह का समय लग जाता है। डीएम स्तर से फाइल का काम पूरा हो चुका है। इसी हफ्ते लाइसेंस का नवीनीकरण हो जाएगा
- डॉ. अनूप निगम, एसीएमओ।

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जिले में करीब 12 लाख की आबादी है। सदर अस्पताल में जनपद सहित आसपास के जनपदों कानुपर, फतेहपुर, जालौन, महोबा व बांदा के नजदीकी क्षेत्र के मरीज भी इलाज के लिए यहां आते हैं। 29 मार्च 2023 को जनपद आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तत्कालीन सीएमओ को हर हाल में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए निर्देशित किया था। उनके फरमान के दो साल बाद जिला पुरुष अस्पताल में जनवरी 2025 में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की गई। लेकिन अभी तक जिला महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो सकी है। वहीं, पुरुष अस्पताल में एक माह तक अल्ट्रासाउंड हुए। फरवरी 25 में अल्ट्रासाउंड मशीन के लाइसेंस नवीनीकरण की समय सीमा खत्म हो गई।
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अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया गया। इससे जांचे ठप हो गईं। मामला मीडिया में आने के बाद जैसे-तैसे जुलाई 25 में नवीनीकरण के लिए आवेदन किया गया। अब दो माह से फाइल सीएमओ दफ्तर में पड़ी है, अभी तक उसका नवीनीकरण नहीं हो सका है। इससे जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है।
फ्री की उठा रहे सैलरी
बीते सात माह से अल्ट्रासाउंड की जांचें ठप हैं। जनवरी में तैनात किए गए रेडियोलॉजिस्ट अब तक फ्री में सैलरी उठा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक लेवल चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। प्रतिमाह करीब तीन लाख रुपये मानदेय मिलता है। बीते सात माह में करीब 21 लाख का मानदेय उठाया है, जबकि मरीजों को इनसे कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।
बाहर से करानी पड़ी जांच
तीमारदार सूरज सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जांच सुविधा नहीं है। निजी पैथालॉजी से 500 रुपये देकर जांच करानी पड़ती है।
500 रुपये देकर बाहर से कराई जांच
शहर निवासी शिवेंद्र बाबू ने बताया कि उसके पेट में तीन दिनों से दर्द हो रहा था। जिला अस्पताल में चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड जांच कराने को लिखा, तीन दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है। बाहर से 500 रुपये देकर जांच कराई है।
लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन करने की जिम्मेवारी सीएमएस की है। वहीं बताएंगे कि लाइसेंस नवीनीकरण क्यों नहीं हुआ।
- डॉ. अरुण कुमार, रेडियोलॉजिस्ट।
लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन समय से कर दिया गया था। लेकिन आवेदन स्वीकार ही नहीं किया गया। बड़े लोगों का मामला है, वही समझें। उनके स्तर से प्रक्रिया पूरी कर दी गई है।
- डॉ. एसपी गुप्ता, सीएमएस जिला अस्पताल।
फरवरी में लाइसेंस की समय सीमा खत्म हो गई थी, लेकिन इन्होंने जुलाई में आवेदन किया है। सारी प्रक्रिया में एक से डेढ़ माह का समय लग जाता है। डीएम स्तर से फाइल का काम पूरा हो चुका है। इसी हफ्ते लाइसेंस का नवीनीकरण हो जाएगा
- डॉ. अनूप निगम, एसीएमओ।
फोटो 15 एचएएमपी 06- जिला पुरुष अस्पताल में बंद अल्ट्रासाउंड कक्ष। संवाद