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Hardoi News: रीढ़ की हड्डी टूटने से निशक्त अन्नपूर्णा को चिकित्सकों ने दी नई जिंदगी
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फोटो-18- अन्नपूर्णा को ऑपरेशन के बाद चलने का अभ्यास कराते डॉ. विनीश वर्मा।स्रोत विभाग
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हरदोई। मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग चिकित्सकों ने महिला मरीज को नई जिंदगी दी है। रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद दोनों पैरों से निशक्त हो चुकी महिला को चिकित्सकों ने फिर से उनके पैरों पर खड़ा कर दिया। चिकित्सकों ने ऑपरेशन के दौरान एक-एक सेंटीमीटर के चार चीरे लगाए और टाइटेनियम का पेडिकल स्क्रू रॉड लगा दिया।
हरियावां के लिलवल गांव निवासी अन्नपूर्णा (30) बीती 23 नवंबर को अपने घर की छत से बंदर भगा रही थीं। इस दौरान वह छत से नीचे गिर गईं। इसकी वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। हड्डी टूटने से उनके दोनों पैर बेकार हो गए और चलने में असमर्थ हो गईं। पति विनोद ने उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। बैठने और चलने में असमर्थ हो चुकीं अन्नपूर्णा को हायर सेंटर रेफर करने से पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीश वर्मा को जानकारी दी गई।
डॉ. विनीश ने अन्नपूर्णा की कुछ जांचें कराईं और भर्ती कर लिया। डॉ. अविक राय के साथ मिलकर अन्नपूर्णा की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया। डॉ. विनीश वर्मा ने बताया कि महज एक-एक सेंटीमीटर के चार चीरे लगाए और टाइटेनियम का पेडिकल स्क्रू रॉड लगा दिया गया। ऑपरेशन के बाद महिला दोबारा चलने लगी। ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेटिस्ट डॉ. अमित आनंद और ओटी टेक्नीशियन पुनीत किशोर ने सहयोग दिया। प्राचार्य डॉ. जेबी गोगोई ने भी इस सफल ऑपरेशन में चिकित्सकों को बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया।
मयंक को भी मिल चुकी नई जिंदगी
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीश वर्मा और डॉ. अविक रॉय ने इसके पहले भी एक युवक को नई जिंदगी दी है। शहर निवासी मयंक मिश्रा की भी एक माह पहले एक हादसे में रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। दोनों चिकित्सकों ने बिना किसी खर्चे के उनका भी ऑपरेशन किया और आज वह अपने पैरों पर चल रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करने के लिए पहले मरीजों को लखनऊ, दिल्ली व मुंबई जाना पड़ता था। अब मेडिकल कॉलेज में इलाज होने से मरीजों को काफी राहत मिली है।
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हरियावां के लिलवल गांव निवासी अन्नपूर्णा (30) बीती 23 नवंबर को अपने घर की छत से बंदर भगा रही थीं। इस दौरान वह छत से नीचे गिर गईं। इसकी वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। हड्डी टूटने से उनके दोनों पैर बेकार हो गए और चलने में असमर्थ हो गईं। पति विनोद ने उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। बैठने और चलने में असमर्थ हो चुकीं अन्नपूर्णा को हायर सेंटर रेफर करने से पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीश वर्मा को जानकारी दी गई।
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डॉ. विनीश ने अन्नपूर्णा की कुछ जांचें कराईं और भर्ती कर लिया। डॉ. अविक राय के साथ मिलकर अन्नपूर्णा की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया। डॉ. विनीश वर्मा ने बताया कि महज एक-एक सेंटीमीटर के चार चीरे लगाए और टाइटेनियम का पेडिकल स्क्रू रॉड लगा दिया गया। ऑपरेशन के बाद महिला दोबारा चलने लगी। ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेटिस्ट डॉ. अमित आनंद और ओटी टेक्नीशियन पुनीत किशोर ने सहयोग दिया। प्राचार्य डॉ. जेबी गोगोई ने भी इस सफल ऑपरेशन में चिकित्सकों को बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया।
मयंक को भी मिल चुकी नई जिंदगी
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीश वर्मा और डॉ. अविक रॉय ने इसके पहले भी एक युवक को नई जिंदगी दी है। शहर निवासी मयंक मिश्रा की भी एक माह पहले एक हादसे में रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। दोनों चिकित्सकों ने बिना किसी खर्चे के उनका भी ऑपरेशन किया और आज वह अपने पैरों पर चल रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करने के लिए पहले मरीजों को लखनऊ, दिल्ली व मुंबई जाना पड़ता था। अब मेडिकल कॉलेज में इलाज होने से मरीजों को काफी राहत मिली है।