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Hardoi News: किसानों की आमदनी बढ़ाएगा हरा चारा, आश्रयस्थलों में की जाएगी खरीदारी

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Tue, 02 Dec 2025 11:05 PM IST
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Green fodder will increase farmers' income, will be purchased at shelters
फोटो 34: शेखनपुर गांव में इस तरह से तैयार हो रहा है हरा चारा। स्रोत : विभाग
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हरदोई। निराश्रित मवेशियों को स्वस्थ बनाने के साथ ही किसानों की आमदनी का जरिया बनेगा हराचारा। पशुधन विभाग ने पशु आश्रयस्थलों में संरक्षित किए गए मवेशियों को हराचारा दिए जाने की व्यवस्था दी है। हरे चारा की आपूर्ति अब फर्मों से नहीं, बल्कि आश्रयस्थल के आसपास के किसानों से ली जाएगी। किसानों को चारा आपूर्ति का भुगतान उनके खातों में दिया जाएगा।
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पशुधन विभाग ने मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में से एक मवेशी संरक्षण, भरण-पोषण पर गंभीरता से ध्यान दिया है। पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने भूसा-दाना आदि की खरीदारी के साथ ही किसानों से हराचारा लिए जाने की व्यवस्था दी है। कहा है कि संचालित आश्रयस्थलों के आसपास के किसानों से मौसम के अनुसार बरसीम, जई, ज्वार-बाजरा और मक्का आदि की हरे चारा के तौर पर आपूर्ति ली जाएगी। जिसके लिए किसानों से आश्रयस्थल से संबंधित ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव और प्रधान अनुबंध करेंगे।
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कहा गया है कि किसानों से हरे चारा की आपूर्ति के संबंध में रेट कांटेक्ट करेंगे। जिसमें हराचारा की कटाई, ढुलाई और आपूर्ति सभी कुछ शामिल रहेगा। जिससे हराचारा का उत्पादन कर किसान आमदनी में बढ़ोतरी कर सकेंगे।

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औसतन पांच किलोग्राम प्रतिदिन हरे चारा की होती आवश्यकता
मवेशी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भूसा-घास के साथ ही प्रतिदिन औसतन पांच किलोग्राम हराचारा दिया जाना चाहिए। कार्यवाहक सीवीओ डॉ. आरपी शर्मा ने बताया कि वैसे तो मवेशियों के चारा की मात्रा का निर्धारण उनके वजन के अनुपात से किया जाता है। मवेशी को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम पांच किलोग्राम हराचारा भूसा आदि के साथ होना जरूरी है।
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मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में से एक निराश्रित मवेशियों के संरक्षण, भरण-पोषण की दिशा में हराचारा दिए जाने की व्यवस्था है। सभी आश्रयस्थलों में मवेशियों को पर्याप्त मात्रा में हराचारा दिए जाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे चारा की खरीद की व्यवस्था दी गई है। जिसमें आश्रयस्थल पर चारा की आवश्यकता के अनुसार किसानों से अनुबंध किया जाएगा। पंचायत सचिव और प्रधान के माध्यम से चारा आपूर्ति करने वाले किसानों को उनके खातों में सीधे भुगतान किए जाए जाने का प्रावधान दिया गया है।
- डॉ. आरपी शर्मा, कार्यवाहक सीवीओ
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