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Hardoi News: प्रसूता ने ई-रिक्शा में दिया बच्चे को जन्म, पति दौड़ा तब मिला स्ट्रेचर
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फोटो- 32- महिला अस्पताल के गेट पर प्रसूता को ई-रिक्शा से उतारकर स्ट्रेचर पर लिटाते परिजन। संवाद
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हरदोई। अस्पताल ले जाते समय महिला का ई-रिक्शा में ही प्रसव हो गया। परिजन उन्हें लेकर महिला अस्पताल पहुंचे तो स्ट्रेचर न मिलने की वजह से काफी देर तक गेट पर खड़े रहे। महिला का पति दूसरी मंजिल से स्ट्रेचर लेकर आया तब उन्हें भर्ती किया गया।
महोलिया शिवपार के लालापुरवा के निकट रहने वाले सर्वेश कुमार की पत्नी हेमलता (44) को बृहस्पतिवार को प्रसव पीड़ा हुई। उन्होंने करीब 10 बजे एंबुलेंस को फोन लगाया, लेकिन उनकी बात पूरी नहीं हो सकी और फोन कट गया। उन्होंने समय न बर्बाद करते हुए ई-रिक्शा बुलाया और उससे ही हेमलता को लेकर महिला अस्पताल जाने को निकले।
इसी बीच आनंद सिनेमा के सामने हेमलता का प्रसव ई-रिक्शा में हो गया। उन्होंने बेटे को जन्म दिया। ई-रिक्शा में प्रसव होने के साथ रक्तस्रताव भी अधिक होने लगा। इसको देखकर सर्वेश कुमार के हाथ पांव फूल गए। जैसे तैसे वह हेमलता को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन गेट पर पहुंचने के बाद उन्हें काफी देर तक स्ट्रेचर नहीं मिला। सर्वेश ने बताया कि काफी ढूंढने के बाद दूसरी मंजिल पर स्ट्रेचर रखा मिला। वह उसे लेकर नीचे आए और ई-रिक्शा चालक व आशा की सहायता से स्ट्रेचर पर लिटाकर अंंदर लेकर गए और हेमलता को भर्ती कराया।
छह से अधिक स्ट्रेचर पर नीचे एक भी नहीं मिलता
हरदोई। महिला अस्पताल में प्रसूताओं को लाने ले जाने के लिए छह से अधिक स्ट्रेचर हैं और एमपीडब्लू को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बावजूद न तो मौके पर कर्मचारी मिलते हैं और न ही स्ट्रेचर। बताया जाता है कि प्रसव व ऑपरेशन के बाद जब महिला को वार्ड में शिफ्ट करना होता है तो कर्मचारी मौके पर आ जाते हैं। प्रसूताओं को वार्ड तक ले जाने में इनाम भी मिल जाता है, लेकिन अगर किसी प्रसूता को गेट से अंदर लाना होता है तो एक भी कर्मचारी मौके पर नहीं मिलता है।
कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि स्ट्रेचर गेट के पास रखे जाएं, लेकिन कोई मरीज ले जाता है तो वापस नहीं रखता है। एमपीडब्लू से जानकारी कर लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. सुबोध कुमार, सीएमएस, महिला अस्पताल
स्ट्रेचर पर्याप्त है, मरीज को स्ट्रेचर क्यों नहीं मिला। विभागाध्यक्ष और सीएमएस से इसकी जानकारी की जाएगी और जिन कर्मचारियों की लापरवाही है उन्हें चेतावनी दी जाएगी और कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. जेबी गाेगोई, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज
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महोलिया शिवपार के लालापुरवा के निकट रहने वाले सर्वेश कुमार की पत्नी हेमलता (44) को बृहस्पतिवार को प्रसव पीड़ा हुई। उन्होंने करीब 10 बजे एंबुलेंस को फोन लगाया, लेकिन उनकी बात पूरी नहीं हो सकी और फोन कट गया। उन्होंने समय न बर्बाद करते हुए ई-रिक्शा बुलाया और उससे ही हेमलता को लेकर महिला अस्पताल जाने को निकले।
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इसी बीच आनंद सिनेमा के सामने हेमलता का प्रसव ई-रिक्शा में हो गया। उन्होंने बेटे को जन्म दिया। ई-रिक्शा में प्रसव होने के साथ रक्तस्रताव भी अधिक होने लगा। इसको देखकर सर्वेश कुमार के हाथ पांव फूल गए। जैसे तैसे वह हेमलता को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन गेट पर पहुंचने के बाद उन्हें काफी देर तक स्ट्रेचर नहीं मिला। सर्वेश ने बताया कि काफी ढूंढने के बाद दूसरी मंजिल पर स्ट्रेचर रखा मिला। वह उसे लेकर नीचे आए और ई-रिक्शा चालक व आशा की सहायता से स्ट्रेचर पर लिटाकर अंंदर लेकर गए और हेमलता को भर्ती कराया।
छह से अधिक स्ट्रेचर पर नीचे एक भी नहीं मिलता
हरदोई। महिला अस्पताल में प्रसूताओं को लाने ले जाने के लिए छह से अधिक स्ट्रेचर हैं और एमपीडब्लू को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बावजूद न तो मौके पर कर्मचारी मिलते हैं और न ही स्ट्रेचर। बताया जाता है कि प्रसव व ऑपरेशन के बाद जब महिला को वार्ड में शिफ्ट करना होता है तो कर्मचारी मौके पर आ जाते हैं। प्रसूताओं को वार्ड तक ले जाने में इनाम भी मिल जाता है, लेकिन अगर किसी प्रसूता को गेट से अंदर लाना होता है तो एक भी कर्मचारी मौके पर नहीं मिलता है।
कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि स्ट्रेचर गेट के पास रखे जाएं, लेकिन कोई मरीज ले जाता है तो वापस नहीं रखता है। एमपीडब्लू से जानकारी कर लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. सुबोध कुमार, सीएमएस, महिला अस्पताल
स्ट्रेचर पर्याप्त है, मरीज को स्ट्रेचर क्यों नहीं मिला। विभागाध्यक्ष और सीएमएस से इसकी जानकारी की जाएगी और जिन कर्मचारियों की लापरवाही है उन्हें चेतावनी दी जाएगी और कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. जेबी गाेगोई, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज