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Hardoi News: लेखाकार ने टीडीएस तो काट लिया 87 हजार रुपये और नहीं किया जमा
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हरदोई। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में कर्मचारियों के टीडीएस में ही सीपीएफ के ब्याज पर कटौती और जमा किए जाने में गड़बड़ी की गई।
अभिकरण के लेखाकार ने कर्मचारियों का टीडीएस तो काटा लेकिन विभाग में जमा नहीं किया। तकनीकी अंवेषक मनोज कुमार शर्मा के टीडीएस के 87,000 रुपये की कटौती की गई लेकिन उसे जमा न किए जाने पर उन्हें आयकर विभाग में रुपये और उस पर जुर्माना भी जमा करना पड़ा।
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में साल 2023 में करीब सात कर्मचारी ही तैनात रह गए थे। अभिकरण से वेतन-भत्तों के भुगतान पर टीडीएस के साथ ही सीपीएफ की कटौती होती है। कई कर्मचारी सेवानिवृत हो गए जबकि तकनीकी अंवेषक मनोज कुमार शर्मा अभी तैनात हैं। बताया कि साल 2023 में उनके वेतन-भत्ते पर फरवरी माह में ही 87,000 रुपये टीडीएस काटा गया। ऐसे ही अन्य कर्मचारियों की टीडीएस की कटौती की गई जिसे 31 मार्च तक आयकर विभाग में जमा नहीं किया गया।
रुपये डीआरडीए के खाते में ही पड़े रहे जबकि 30 मई तक जमा न होने पर उन्होंने विभाग से फॉर्म-16 की मांग की। जो उन्हें नहीं दिया गया जिससे रिटर्न दाखिल नहीं हो पाया। उस समय डीआरडीए के पास टिन नंबर न होने से उनके व्यक्तिगत पैन नंबर पर फॉर्म-16 दिया गया। जिस पर उन्होंने 30 मई के बाद प्रक्रिया शुरू की तो 87,000 रुपये टीडीएस कटौती और विलंब शुल्क के तौर पर 5,000 रुपये जुर्माना भी लगा जो उन्होंने दिसंबर माह में जमा किए।
बताया कि कर्मचारियों के सीपीएफ खाते भी व्यक्तिगत पैन नंबर से जोड़कर खुलवाए गए जिससे ब्याज पर भी टीडीएस की कटौती होने लगी। सीपीएफ खाते में डीआरडीए में उस समय तैनात रहे लेखाकार गणेश त्रिवेदी ने 30,000 रुपये की कटौती की। कटौती 30,000 रुपये उनके आयकर विभाग में उनके पैन नंबर पर नहीं जमा नहीं किए गए। तीन माह तक रुपये जमा न होने पर नोटिस मिला तो वह भी अपने पास से जमा किया। बताया कि टीडीएस और सीपीएफ खाते के टीडीएस में गड़बड़ी पर आयकर आयुक्त से शिकायत की थी। इसके बाद न्यायालय की शरण ली।

अभिकरण के लेखाकार ने कर्मचारियों का टीडीएस तो काटा लेकिन विभाग में जमा नहीं किया। तकनीकी अंवेषक मनोज कुमार शर्मा के टीडीएस के 87,000 रुपये की कटौती की गई लेकिन उसे जमा न किए जाने पर उन्हें आयकर विभाग में रुपये और उस पर जुर्माना भी जमा करना पड़ा।
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में साल 2023 में करीब सात कर्मचारी ही तैनात रह गए थे। अभिकरण से वेतन-भत्तों के भुगतान पर टीडीएस के साथ ही सीपीएफ की कटौती होती है। कई कर्मचारी सेवानिवृत हो गए जबकि तकनीकी अंवेषक मनोज कुमार शर्मा अभी तैनात हैं। बताया कि साल 2023 में उनके वेतन-भत्ते पर फरवरी माह में ही 87,000 रुपये टीडीएस काटा गया। ऐसे ही अन्य कर्मचारियों की टीडीएस की कटौती की गई जिसे 31 मार्च तक आयकर विभाग में जमा नहीं किया गया।
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रुपये डीआरडीए के खाते में ही पड़े रहे जबकि 30 मई तक जमा न होने पर उन्होंने विभाग से फॉर्म-16 की मांग की। जो उन्हें नहीं दिया गया जिससे रिटर्न दाखिल नहीं हो पाया। उस समय डीआरडीए के पास टिन नंबर न होने से उनके व्यक्तिगत पैन नंबर पर फॉर्म-16 दिया गया। जिस पर उन्होंने 30 मई के बाद प्रक्रिया शुरू की तो 87,000 रुपये टीडीएस कटौती और विलंब शुल्क के तौर पर 5,000 रुपये जुर्माना भी लगा जो उन्होंने दिसंबर माह में जमा किए।
बताया कि कर्मचारियों के सीपीएफ खाते भी व्यक्तिगत पैन नंबर से जोड़कर खुलवाए गए जिससे ब्याज पर भी टीडीएस की कटौती होने लगी। सीपीएफ खाते में डीआरडीए में उस समय तैनात रहे लेखाकार गणेश त्रिवेदी ने 30,000 रुपये की कटौती की। कटौती 30,000 रुपये उनके आयकर विभाग में उनके पैन नंबर पर नहीं जमा नहीं किए गए। तीन माह तक रुपये जमा न होने पर नोटिस मिला तो वह भी अपने पास से जमा किया। बताया कि टीडीएस और सीपीएफ खाते के टीडीएस में गड़बड़ी पर आयकर आयुक्त से शिकायत की थी। इसके बाद न्यायालय की शरण ली।