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Hardoi News: कीमत बढ़ने से यूपीएसआईसी मुरादाबाद ने हाईमास्ट लगाने से खड़े किए हाथ
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फोटो 25 : तीन सितंबर के अंक में प्रकाशित खबर।
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हरदोई। एक तो पांच साल में सभी हाईमास्ट लाइटों को लगवा नहीं पाए। अब कीमतों में बढ़ोतरी के बाद हाथ खड़े कर दिए।
यूपीएसआईसी (उप्र स्माल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन) मुरादाबाद में एक हाईमास्ट लाइट स्थापना में करीब 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब लाइटों को लगवाने से मना कर दिया है जिससे साल 2021-22 में स्वीकृत 104 हाईमास्ट लाइटों में केवल 55 लाइटों की ही स्थापना हो पाई है। करीब 50 हाईमास्ट लाइटों की स्थापना अधर में फंस गई हैं जिससे विधायक के प्रस्ताव में शामिल स्थान भी वंचित रह गए।
मुरादाबाद की यूपीएसआईसी को साल 2021-22 में विधानसभा क्षेत्र संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल के प्रस्ताव पर क्षेत्र में 104 हाईमास्ट लगवाए जाने की स्वीकृति मिली थी। वैसे तो काम उसी वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की काम कराने की गति से सभी लाइट उसी वित्तीय वर्ष में तो दूर स्वीकृति के पांच साल बाद भी नहीं लग पाईं। हाईमास्ट लगाने का काम देख रही मुरादाबाद की यूपीएसआइसी ने पहली किस्त से ही करीब 55 लाइटों की ही स्थापना कराई।
बताया कि संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल के प्रस्ताव पर 104 हाईमास्ट लाइटों की स्थापना के लिए 94,04,928 रुपये की स्वीकृति दी गई थी। तब एक हाईमास्ट लाइट की कीमत 90,432 रुपये थी। वर्तमान में 110-130 वाट की हाईमास्ट लाइट की कीमत 1,40,000 रुपये से अधिक हो गई है। उस हिसाब से एक लाइट की स्थापना पर करीब 50,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। साल 2021-22 में स्वीकृत के हिसाब 60 प्रतिशत करीब 56,42,000 रुपये यूपीएसआईसी मुरादाबाद को दिए गए थे।
पांच तक काम पूरा न होने और दूसरी किस्त की मांग न किए जाने से संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल की निधि में रुपये बैलेंस दिख रहे थे, जिस पर समीक्षा की गई तो पता चला कि अभी काम ही पूरा नहीं हो पाया है। डीआरडीए की तरफ से लिखापढ़ी किए जाने पर मुरादाबाद यूपीएसआईसी के क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण दीक्षित ने अब काम कराने से मना कर दिया है।
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विधायक निधि की समीक्षा में विधानसभा क्षेत्र संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल की विधायक निधि में बैलेंस दिखने पर जानकारी जुटाई गई। पता चला कि मुरादाबाद यूपीएसआईसी ने दूसरी किस्त ही नहीं मांगी और न ही काम पूरा हुआ। कार्यदायी संस्था से लगवाई गई लाइटों की सूची तलब की गई है। अब कार्यदायी संंस्था ने दूसरी किस्त लेने और काम किए जाने से मना कर दिया है। लाइटों का सत्यापन हो रहा है। सत्यापन में गड़बड़ी पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। वहीं समय से काम पूरा न कराने पर संस्था को काली सूची में भी डालने की संस्तुति की जाएगी। -अशोक कुमार मौर्य, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण

यूपीएसआईसी (उप्र स्माल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन) मुरादाबाद में एक हाईमास्ट लाइट स्थापना में करीब 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब लाइटों को लगवाने से मना कर दिया है जिससे साल 2021-22 में स्वीकृत 104 हाईमास्ट लाइटों में केवल 55 लाइटों की ही स्थापना हो पाई है। करीब 50 हाईमास्ट लाइटों की स्थापना अधर में फंस गई हैं जिससे विधायक के प्रस्ताव में शामिल स्थान भी वंचित रह गए।
मुरादाबाद की यूपीएसआईसी को साल 2021-22 में विधानसभा क्षेत्र संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल के प्रस्ताव पर क्षेत्र में 104 हाईमास्ट लगवाए जाने की स्वीकृति मिली थी। वैसे तो काम उसी वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की काम कराने की गति से सभी लाइट उसी वित्तीय वर्ष में तो दूर स्वीकृति के पांच साल बाद भी नहीं लग पाईं। हाईमास्ट लगाने का काम देख रही मुरादाबाद की यूपीएसआइसी ने पहली किस्त से ही करीब 55 लाइटों की ही स्थापना कराई।
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बताया कि संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल के प्रस्ताव पर 104 हाईमास्ट लाइटों की स्थापना के लिए 94,04,928 रुपये की स्वीकृति दी गई थी। तब एक हाईमास्ट लाइट की कीमत 90,432 रुपये थी। वर्तमान में 110-130 वाट की हाईमास्ट लाइट की कीमत 1,40,000 रुपये से अधिक हो गई है। उस हिसाब से एक लाइट की स्थापना पर करीब 50,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। साल 2021-22 में स्वीकृत के हिसाब 60 प्रतिशत करीब 56,42,000 रुपये यूपीएसआईसी मुरादाबाद को दिए गए थे।
पांच तक काम पूरा न होने और दूसरी किस्त की मांग न किए जाने से संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल की निधि में रुपये बैलेंस दिख रहे थे, जिस पर समीक्षा की गई तो पता चला कि अभी काम ही पूरा नहीं हो पाया है। डीआरडीए की तरफ से लिखापढ़ी किए जाने पर मुरादाबाद यूपीएसआईसी के क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण दीक्षित ने अब काम कराने से मना कर दिया है।
विधायक निधि की समीक्षा में विधानसभा क्षेत्र संडीला के तत्कालीन विधायक राजकुमार अग्रवाल की विधायक निधि में बैलेंस दिखने पर जानकारी जुटाई गई। पता चला कि मुरादाबाद यूपीएसआईसी ने दूसरी किस्त ही नहीं मांगी और न ही काम पूरा हुआ। कार्यदायी संस्था से लगवाई गई लाइटों की सूची तलब की गई है। अब कार्यदायी संंस्था ने दूसरी किस्त लेने और काम किए जाने से मना कर दिया है। लाइटों का सत्यापन हो रहा है। सत्यापन में गड़बड़ी पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। वहीं समय से काम पूरा न कराने पर संस्था को काली सूची में भी डालने की संस्तुति की जाएगी। -अशोक कुमार मौर्य, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण