अंधेर नगरी: सर्द रातों में सड़कों पर अंधेरा, 400 स्ट्रीट लाइट चोरी, 4300 हुईं खराब, अंधेरे में चोरों की चांदी
बिजली विभाग द्वारा हाथरस शहर में पुराने बिजली के खंभे और बंच केबल बदलने के दौरान चार हजार से अधिक स्ट्रीट लाइटें लापता हो गईं थीं। नगर पालिका इनमें से दो हजार लाइटें वापस मिलने का दावा करती है। ऐसी तमाम जगह हैं, जहां नए बिजली के खंभों पर अब तक स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं।
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सर्द रात, धुंध और अंधेरा..। हाथरस शहर की अधिकतर सड़कों, गलियों और मोहल्लों का यही हाल है। लोगों को रात में घर से निकलने में डर लगता है। दृश्यता कम होने से सड़क हादसों की भी संभावना बनी रहती है। चोर भी इसका फायदा उठाकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
नगर पालिका परिषद के नए विस्तारित क्षेत्र में और बुरा हाल है। यहां तो घुप अंधेरा रहता है, जिससे चोरी का सबसे ज्यादा डर रहता है। कई जगह तो ऐसी घटनाएं हो भी चुकी हैं। नए क्षेत्रों में बनाए गए वार्डों को ढाई साल में महज आठ-आठ स्ट्रीट लाइटें ही मिल सकी हैं। हाईवे से लेकर गांवों के संपर्क मार्ग व गली-मोहल्लों तक अंधेरा छाया है।
मेरे वार्ड के लोग स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से परेशान हैं, क्योंकि पुरानी लाइटें खराब हो चुकी हैं। ढाई साल में हमें केवल आठ लाइटें ही मिली थीं। आठ लाइटों से क्या होता है...? पब्लिक लड़ती है वो अलग। रात होते ही अंधेरा छा जाता है। घर से निकलने में मन में डर रहता है। -धर्मेंद्र, सभासद जोगिया, वार्ड नंबर नौ।
नहरोई बंबा से गांव तक एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं। यहां अंधेरा रहता है। 23 नवंबर की रात घर में चोरी हो गई थी, जिसमें चोर 35 लाख के जेवरात ले गए थे। अंधेरा होने के कारण चोर आसानी से फरार हो जाते हैं। गांव के लोगों को चोरी का डर बना रहता है। -योगेश कुमार, गांव नहरोई।
शहर में जगह-जगह स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। रात में घर से निकलना मुश्किल होता है। साथ ही चोरी की घटनाओं का भी डर बना रहता है। शहर में चोरी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। चोर अंधेरे में घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते हैं। अंधेरे में सड़क हादसों का भी डर रहता है। -गगन शर्मा, गांव मीतई।
सड़कों पर केवल वाहनों की लाइटों का भरोसा रहता है। अलीगढ़ रोड पर कुछ स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, लेकिन सभी सड़क से दूर हैं। इनकी रोशनी सड़क तक नहीं पहुंचती है। यदि कोई वाहन बिना रिफलेक्टर के आगे चल रहा है तो दिखाई नहीं देता। दृश्यता कम रहती है। - राजीव चौधरी, गांव तमना गढ़ी।
शाम होते ही सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। कुछ दिखाई नहीं देता। धुंध और कोहरे में स्थिति और खराब हो जाती है। घरों से निकलने में डर लगता है। महिलाओं और बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी होती है। अंधेरे में सड़क हादसों का डर बना रहता है। - कुलदीप पचौरी, टाप रोड।
कॉलोनी के बंबा रोड पर रात होते ही अंधेरा हो जाता है। लोगों को निकलने में डर लगता है। अगर कोई जरूरी काम भी हो तो लोग घरों से निकलने से बचते हैं। सड़क हादसे और चोरी का डर भी बना रहता है। नगर पालिका को कम से कम शहर का अंधेरा तो दूर करना चाहिए। - निखिल वार्ष्णेय, आवास विकास कॉलोनी।
शहर के मोहल्लों से बाजारों तक रहता है अंधेरा
शाम ढलते ही शहर की प्रमुख सड़कों और गांवों के संपर्क मार्गों पर अंधेरा छा जाता है। केवल वाहनों की लाइट के भरोसे ही लोग चल पाते हैं। शनिवार रात 10:40 बजे मेंड़ू रोड सिटी स्टेशन के सामने स्ट्रीट लाइटें बंद थीं। पूरी सड़क पर अंधेरा था। रात 11:10 बजे आगरा रोड आवास विकास कॉलोनी की बंबा वाली रोड पर भी स्ट्रीट लाइटें नहीं जल रही थीं। एक-दो मकानों के बाहर जल रही निजी लाइटों से हल्की रोशनी थी। 11:30 बजे टाप रोड पर अंधेरा मिला। यहां कई कॉलोनी बन चुकी हैं, लेकिन स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था नहीं है।
शाम होते ही लोगों का घरों से निकला मुश्किल हो जाता है। रात 11: 40 बजे नगला बेरिया मार्ग पर भी अंधेरा था। यह गांव सीमा विस्तार के बाद नगर पालिका में शामिल हो चुका है, लेकिन स्ट्रीट लाइट का इंतजाम नहीं हैं। रात 12:10 बजे आगरा रोड मीतई के पास अंधेरा छाया था। यह शहर की प्रमुख सड़क है, जो शहर को आगरा-अलीगढ़ हाईवे से जोड़ती है। 12:30 बजे अलीगढ़ रोडस्थित गांव तमना गढ़ी के रोड पर अंधेरा छाया था। ऐसे में धुंध में सड़क नजर नहीं आती है।
14,200 लाइटें लगाईं, 4300 हुईं खराब
बीते छह साल से नगर पालिका परिषद क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था एक निजी कंपनी ईईएसएल के हाथों में थी। कंपनी का दावा है कि उसने यहां पर 14 हजार 200 लाइटें लगाईं। इनमें से लगभग 30 फीसदी लाइटें खराब हो चुकी हैंं। इनकी संख्या लगभग 4300 के करीब है।
चार हजार लाइटें हुईं चोरी, दो हजार मिलीं
बिजली विभाग द्वारा शहर में पुराने बिजली के खंभे और बंच केबल बदलने के दौरान चार हजार से अधिक स्ट्रीट लाइटें लापता हो गईं थीं। नगर पालिका इनमें से दो हजार लाइटें वापस मिलने का दावा करती है। ऐसी तमाम जगह हैं, जहां नए बिजली के खंभों पर अब तक स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। नवंबर में हुई नगर पालिका बोर्ड की बैठक में यह मुद्दा गरमाया था।
400 लाइटों के लिए हुई मारामारी
तीन महीने पहले ईईएसएल से 400 नई स्ट्रीट लाइटें प्राप्त हुईं थीं। वार्ड नौ के सभासद ने बताया कि यह लाइटें केवल विस्तारित आठ वार्डों के लिए आई थीं, लेकिन इन्हें सभी 35 वार्डों में बांट दिया गया। हर सभासद के हिस्से में आठ-आठ लाइटें ही आ सकीं, जबकि एक वार्ड में कई-कई गांव आते हैं।
बाईपास पर भी रहता है अंधेरा
रुहेरी तिराहे से नगला भुस तिराहे तक अलीगढ़-आगरा बाईपास लगभग 14.7 किलोमीटर लंबा है। रुहेरी तिराहा, हतीसा बाईपास और नगला भुस तिराहे पर हाईमास्ट लाइटें लगी हैं। इसके अलावा पूरे बाईपास पर अंधेरा छाया रहता है। इसके अलावा लहरा रोड, आगरा रोड, अलीगढ़ रोड, नगला अलगर्जी रोड, नवीपुर, कैलाश नगर आदि गली-मोहल्लों में भी अंधेरा रहता है।
30 हाईमास्ट और तीन हजार नई स्ट्रीट लाइटें लगेंगी
नगर पालिका परिषद के ईओ रोहित सिंह ने बताया कि शहर की खराब स्ट्रीट लाइटों को समय-समय पर ठीक कराया जाता है। प्रमुख चौराहा व तिराहों पर 30 नई हाईमास्ट लाइटें लगाई जा रहीं हैं। इनमें से 10 का काम पूरा हो चुका है। समस्या को ध्यान में रखते हुए शहर में तीन हजार नई स्ट्रीट लाइटें और लगाई जाएंगी। भविष्य में इनका रखरखाव नगर पालिका अपने स्तर से करेगी, जिससे दिक्कत नहीं आएगी।
इन वार्डों के गांवों में है अंधेरा
वार्ड नंबर एक -गांव नहरोई और नगला धन सिंह
वार्ड नंबर छह -गांव मीतई
वार्ड नंबर नौ-गांव जोगिया
वार्ड नंबर 11-गांव तमना गढ़ी
वार्ड नंबर 16- गांव सोखना
वार्ड नंबर 17-गांव गिजरौली
वार्ड नंबर 19 -गांव भगवंतपुर
वार्ड नंबर 25 -गांव नगरिया नंदराम