Potato: अच्छे भाव ने बढ़ाया आलू पर भरोसा, हाथरस में 52 हजार हेक्टेयर में हुई बुवाई, 50 हेक्टेयर तक बढ़ा रकबा
इस बार किसानों ने चिप्सोना, सूर्या, डायमंड और कुफरी-3797 किस्में ज्यादा पसंद की हैं। किसान इन्हें उत्पादन, आकार, रंग, रोग प्रतिरोध और बाजार में खपत के लिहाज से भरोसेमंद मानते हैं।
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वर्ष 2025 में अच्छे भाव मिलने के कारण हाथरस जिले में इस बार आलू का रकबा बढ़ा है। उद्यान विभाग के अनुसार जनपद में आलू की बुवाई 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 50 हेक्टेयर अधिक है। वर्तमान में किसान दूसरी सिंचाई में जुटे हैं और फसल की शुरुआती बढ़त संतोषजनक बताई जा रही है।
रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान आलू और गेहूं की फसल पर निर्भर रहते हैं। आलू जिले की मुख्य नकदी फसल है। यही कारण है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद किसान इसकी खेती से कदम पीछे नहीं खींचते। इस समय खेतों में दूसरी सिंचाई का कार्य चल रहा है। किसान इसे सबसे संवेदनशील चरण मानते हैं, क्योंकि तापमान में गिरावट के साथ पाले का खतरा बढ़ जाता है।
व्यापारियों के अनुसार इस बार आलू की मांग सामान्य रहेगी। प्रोसेसिंग यूनिटों की निरंतर मांग से चिप्सोना और सूर्या को सीजन के मध्य में अच्छे भाव मिलने की संभावना है। जिले का आलू हर साल की तरह इस बार भी आगरा, दिल्ली, जयपुर, कानपुर और नेपाल के बाजारों तक जाएगा।
जिले में इस बार आलू का रकबा 52 हजार हेक्टेयर तक हो गया है। लगभग 50 हेक्टेयर तक रकबा बढ़ा है। वर्ष 2025 के दौरान भाव सही रहने के कारण आलू के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। इस फसल पर किसानों का भरोसा बढ़ रहा है।-सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी।
किसानों की पहली पसंद बनीं ये किस्में
इस बार किसानों ने चिप्सोना, सूर्या, डायमंड और कुफरी-3797 किस्में ज्यादा पसंद की हैं। किसान इन्हें उत्पादन, आकार, रंग, रोग प्रतिरोध और बाजार में खपत के लिहाज से भरोसेमंद मानते हैं। बीते कुछ वर्षों की तुलना में इस बार हाइब्रिड किस्मों की हिस्सेदारी कम दिख रही है। किसानों का कहना है कि हाइब्रिड फसलों में जोखिम अधिक और बाजार दरें अनिश्चित रहती हैं। पारंपरिक किस्में कमजोर बाजार में भी अपेक्षाकृत बेहतर भाव दिला देती हैं।
किस किस्म की क्या है खासियत
- चिप्सोना : प्रोसेसिंग यूनिटों में स्थायी मांग, समान आकार।
- सूर्या : अधिक उत्पादन, मजबूत पौधा, मौसम के अनुकूल।
- डायमंड : बेहतर चमक व तेजी से बिकने वाली किस्म।
- 3797 : वर्षों से किसानों व व्यापारियों की भरोसेमंद पसंद।
सलाह : गलन और पाले से सतर्क रहें किसान
कृषि वैज्ञानिक डॉ.बलवीर सिंह ने किसानों को आलू की फसलों में हल्की सिंचाई, नमी संतुलन और जरूरत पड़ने पर धुआं करने की सलाह दी है। पिछले वर्ष गलन रोग और पाले से हुए नुकसान को देखते हुए किसान इस बार खाद, दवा और सिंचाई प्रबंधन को लेकर पहले से सजग हैं। मौसम अनुकूल रहने पर इस बार उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद जताई जा रही है।