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Hathras News: ईशन नदी को पुराने स्वरूप में लाने की तैयारी, किनारों की जमीन से हटेंगे कब्जे, बनेगा बफर जोन

अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस Published by: चमन शर्मा Updated Mon, 12 May 2025 03:47 PM IST
सार

अलीगढ़ जिले की सीमा पर गांव पहाड़पुर व रोतम तालाब इकबालपुर से होकर ईशन नदी हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में प्रवेश करती है। करीब 22 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद गांव देहगवां से एटा जिले में प्रवेश कर जाती है।

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Preparations to restore the Ishan river in old form
ईशन नदी हाथरस - फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
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हाथरस जिले से होकर गुजर रही ईशन नदी को उसके पुराने स्वरूप में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पहले चरण में नदी की जमीन पर हुए कब्जों को हटाकर दोनों किनारों पर बफर जोन बनाया जाएगा। नदी की जमीन पर कब्जों को चिह्नित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित बनाई है। इसमें एसडीएम सिकन्दराराऊ, अधिशासी अभियंता सिंचाई और वन क्षेत्राधिकारी सिंकदराराऊ को शामिल किया गया है।

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अलीगढ़ जिले की सीमा पर गांव पहाड़पुर व रोतम तालाब इकबालपुर से होकर ईशन नदी हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में प्रवेश करती है। करीब 22 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद गांव देहगवां से एटा जिले में प्रवेश कर जाती है। पिछले साल नदी ने आई बाढ़ ने पुरदिलनगर, हसायन व सिकन्दराराऊ क्षेत्र में कहर बरपाया था।
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उस समय नदी की जमीन पर कब्जे और इसके संकरा होने के साथ, इसमें सिल्ट जमा होने का मुद्दा भी उठा था। बरसात में फिर से बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बने, इसके लिए शासन निर्देश जारी किए है। इसके प्राकृतिक स्वरूप और पानी के बहाव में कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए कब्जे हटाकर नदी को साफ कराया जाएगा।

ईशन नदी के दोनों ओर अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए समिति बनाई गई है। जल्द ही अतिक्रमण मुक्त कराकर नदी का स्वरूप दिलाया जाएगा-राहुल पांडेय, डीएम।

सबसे पहले चिह्नित होंगे गंगा ग्राम

गांव पहाड़पुर रोतम तालाब से देहगंवा तक सबसे पहले गंगा ग्रामों को चिह्नित किया जाएगा। जिससे नदी के बहाव की सही स्थिति का पता चल सके। इन गांवों और नदी का नक्शा बनाने के बाद अतिक्रमण हटा कर नदी को पुराने स्वरूप में लाने की कवायद होगी।

इन गांवों पर टूटा था बाढ़ का कहर
गत वर्ष सितंबर 2024 में ईशन नदी उफन गई थी और सिकन्दराराऊ तहसील क्षेत्र के गांवों में पानी भर गया था। 28 गांवों के करीब 3957 किसानों की धान, बाजरा, गुलाब की फसल बर्बाद हो गई थी। 1.68 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रभावित किसानों को दिया गया था। जिन गांवों में बाढ़ आई थी, उनमें गोपालपुर, महाराजपुर, दौखेली, नगला बरी में चार से पांच फीट तक पानी भर गया था। सिहोरी, नगला मांधाती, बरसामई, गुजरपुर, नगला नरी, बाड़ी, सीतापुर, सिंचावली कदीम, रामपुर, सुल्तानपुर, दौंकेली, नगला ब्राह्मण, नगरिया पट्टी देवरी, सुआ, मोहनपुर, नगला मियां, असोई, सिहोरी, गूजरपुर, बाड़ी, महाराजपुर, नगला उदैया आदि शामिल थे।

यह भी जानें
-शासन से निर्देश मिलने के बाद अतिक्रण का चिन्हांकन हुआ शुरू, जिले में तकरीबन 22 किलोमीटर लम्बाई की गुजर रही है ईशन नदी
- सितम्बर 2024 मेंं बारिश के चलते इस नदी की वजह से हसायन, पुरदिलनगर व सिकन्दराराऊ क्षेत्र में बन गए थे बाढ़ जैसे हालात
-करीब पांच हजार किसानों की फसल हो गई थी बेकार, इशन नदी के दोनों ओर के क्षेत्र को किया जाएगा बफर जोन घोषित

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