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Jalaun News: 30 लाख की प्रतिदिन टोल की वसूली, फिर भी गड्ढों में खानापूरी
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फोटो - 04 टोल से सौ मीटर दूरी पर एक साथ कई गड्ढे। संवाद
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उरई/आटा। झांसी-कानपुर नेशनल हाईवे पर स्थित आटा टोल प्लाजा से प्रतिदिन सात से आठ हजार वाहनों की आवाजाही होती है। रोजाना 30 लाख रुपये तक टोल शुल्क वसूला जा रहा है। फिर भी गड्ढों का इलाज नहीं किया जाता है। डीएम राजेश कुमार पांडेय के निर्देश पर एनएचएआई अधिकारियों ने हाईवे पर बने कुछ बड़े गड्ढों को भरवाया जरूर, लेकिन यह कार्य केवल खानापूरी तक सीमित रह गया। लोगों का कहना है कि पूरा टोल देने के बाद भी यह गड्ढे उन्हें दर्द दे रहे हैं।
झांसी-कानपुर हाईवे की हालत बदहाल है। हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। आटा टोल से प्रतिदिन गुजरने वाले वाहनों में कार चालकों से 110 रुपये, जबकि भारी वाहनों से 400 से 665 रुपये तक टोल शुल्क वसूला जाता है। 8 दिसंबर को डीएम राजेश कुमार पांडेय ने बैठकर हाईवे के सभी गड्ढों को भरवाकर खामियों को दूर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गोविंदम से लेकर कालपी तक कई स्थानों पर गड्ढे भरे गए, लेकिन कई जगहों पर काम अधूरा छोड़ दिया गया।
आटा टोल से मात्र सौ मीटर आगे कानपुर से झांसी जाने वाली लेन में एक साथ कई गड्ढे बने हुए हैं। आटा क्षेत्र में हाईवे किनारे स्थित एक कंपनी के सामने भी सड़क की हालत खराब है। आटा बस स्टैंड और कालपी कोतवाली क्षेत्र के उसरगांव के पास भी गड्ढों को ठीक से नहीं भरा गया है। वाहन चालकों का कहना है कि हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है। खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए बचे हुए गड्ढे जानलेवा साबित हो सकते हैं। जरा सी चूक में वाहन फिसलने और चोटिल होने की आशंका बनी रहती है। लोगों ने मांग की है कि बचे हुए सभी गड्ढों को जल्द भरवाकर हाईवे को सुरक्षित बनाया जाए।
रोजाना बाइक से उरई-कालपी का सफर करते हैं। हाईवे की हालत देखकर लगता है कि यह किसी ग्रामीण क्षेत्र की सड़क हो। कई वर्षों से इस मार्ग पर आना-जाना कर रहे हैं, लेकिन इतनी खराब स्थिति पहले कभी नहीं देखी। गड्ढों की भरमार से बाइक फिसलने का डर बना रहता है। पहले उरई से आटा की दूरी 20-25 मिनट में तय हो जाती थी, अब 40 मिनट लग रहे हैं। कुछ जगह गड्ढे भरे गए हैं, लेकिन कई स्थानों पर काम अधूरा है।
- शिवप्रसाद सिंह, परासन
हाईवे स्थित गोविंदम से लेकर आटा तक सड़क की स्थिति ज्यादा खराब है। चमारी के पास गड्ढों की भरमार है। आए दिन कार से उरई जाना रहता है। गड्ढों की वजह से कार से चलना भी अब सुरक्षित नहीं है। गड्ढों में कार पहिया जाते ही संतुलन बिगड़ जाता है। इससे हादसा भी हो सकता है। टोल तो पूरा लिया जाता है लेकिन सड़क पर गड्ढों को भरने में लापरवाही बरती जाती है।
- अखिल तिवारी, आटा
हाईवे में सभी गड्ढों को भरवाने का काम चल रहा है। अगर कहीं गड्ढों को छोड़ दिया गया है तो उन्हें भी सही करवा दिया जाएगा, कुछ ही समय के अंदर पूरी सड़क सही हो जाएगी।
- अभिषेक लोढवाल, परियोजना निदेशक, झांसी
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झांसी-कानपुर हाईवे की हालत बदहाल है। हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। आटा टोल से प्रतिदिन गुजरने वाले वाहनों में कार चालकों से 110 रुपये, जबकि भारी वाहनों से 400 से 665 रुपये तक टोल शुल्क वसूला जाता है। 8 दिसंबर को डीएम राजेश कुमार पांडेय ने बैठकर हाईवे के सभी गड्ढों को भरवाकर खामियों को दूर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गोविंदम से लेकर कालपी तक कई स्थानों पर गड्ढे भरे गए, लेकिन कई जगहों पर काम अधूरा छोड़ दिया गया।
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आटा टोल से मात्र सौ मीटर आगे कानपुर से झांसी जाने वाली लेन में एक साथ कई गड्ढे बने हुए हैं। आटा क्षेत्र में हाईवे किनारे स्थित एक कंपनी के सामने भी सड़क की हालत खराब है। आटा बस स्टैंड और कालपी कोतवाली क्षेत्र के उसरगांव के पास भी गड्ढों को ठीक से नहीं भरा गया है। वाहन चालकों का कहना है कि हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है। खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए बचे हुए गड्ढे जानलेवा साबित हो सकते हैं। जरा सी चूक में वाहन फिसलने और चोटिल होने की आशंका बनी रहती है। लोगों ने मांग की है कि बचे हुए सभी गड्ढों को जल्द भरवाकर हाईवे को सुरक्षित बनाया जाए।
रोजाना बाइक से उरई-कालपी का सफर करते हैं। हाईवे की हालत देखकर लगता है कि यह किसी ग्रामीण क्षेत्र की सड़क हो। कई वर्षों से इस मार्ग पर आना-जाना कर रहे हैं, लेकिन इतनी खराब स्थिति पहले कभी नहीं देखी। गड्ढों की भरमार से बाइक फिसलने का डर बना रहता है। पहले उरई से आटा की दूरी 20-25 मिनट में तय हो जाती थी, अब 40 मिनट लग रहे हैं। कुछ जगह गड्ढे भरे गए हैं, लेकिन कई स्थानों पर काम अधूरा है।
- शिवप्रसाद सिंह, परासन
हाईवे स्थित गोविंदम से लेकर आटा तक सड़क की स्थिति ज्यादा खराब है। चमारी के पास गड्ढों की भरमार है। आए दिन कार से उरई जाना रहता है। गड्ढों की वजह से कार से चलना भी अब सुरक्षित नहीं है। गड्ढों में कार पहिया जाते ही संतुलन बिगड़ जाता है। इससे हादसा भी हो सकता है। टोल तो पूरा लिया जाता है लेकिन सड़क पर गड्ढों को भरने में लापरवाही बरती जाती है।
- अखिल तिवारी, आटा
हाईवे में सभी गड्ढों को भरवाने का काम चल रहा है। अगर कहीं गड्ढों को छोड़ दिया गया है तो उन्हें भी सही करवा दिया जाएगा, कुछ ही समय के अंदर पूरी सड़क सही हो जाएगी।
- अभिषेक लोढवाल, परियोजना निदेशक, झांसी

फोटो - 04 टोल से सौ मीटर दूरी पर एक साथ कई गड्ढे। संवाद

फोटो - 04 टोल से सौ मीटर दूरी पर एक साथ कई गड्ढे। संवाद

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