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Jalaun News: हृदय रोगियों के लिए आएंगे इंजेक्शन, चार डॉक्टरों को मिला प्रशिक्षण
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फोटो-26-जिला अस्पताल में ह्दय रोगियों के इलाज का प्रशिक्षण देेते विशेषज्ञ। स्रोत-विभाग
- फोटो : poni news
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उरई। जिले में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है, फिर भी शासन ने जिला स्तर पर हृदय रोगियों के इलाज के लिए व्यवस्था की है। इसके लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे जो हृदय रोगियों के काम आएंगे। इसके अलावा जिले की चार फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) में तैनात एक एक चिकित्सक को मंगलवार को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें सीएचसी पर हृदय रोगियों की जांच और उन्हें रेफर करने के बारे में बताया गया।
हृदय रोगियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में हब बनाया जाएगा। इसमें जालौन, कोंच, कालपी व माधौगढ़ के एफआरयू में आने वाले हृदय रोगियों को प्राथमिक उपचार के साथ जिला अस्पताल तक रेफर करने की बारे में बताया गया। मंगलवार को जिला अस्पताल में नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. अरविंद भूषण की मौजूदगी में झांसी से ट्रेनिंंग लेकर लौटे चेस्ट फिजीशियन डॉ. शिवेश वर्मा ने माधौगढ़ सीएचसी के डॉ.कुलदीप,जालौन सीएचसी के डॉ.राजीव दुबे, कालपी सीएचसी के डॉ. शेख शहरयार, कोंच सीएचसी के डॉ. गौरव शर्मा को प्रशिक्षण देकर आपात स्थितियों के बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए। बताया कि हार्ट अटैक की स्थिति में तत्काल निर्णय लेना बेहद जरूरी होता है। प्रशिक्षण में बताया गया कि हृदय रोग की पहचान कैसे की जाए। ईसीजी कैसे पढ़ी जाए। मरीज की स्थिति का मूल्यांकन कैसे किया जाए। इसके अलावा इमरजेंसी में एक बेड हृदय रोगियों के लिए आरक्षित किया जाए।
ईसीजी की फोटो जिला अस्पताल के हब में भेजी जाएगी
एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देने सबसे पहले मरीज की ईसीजी की जाएगी। इसके बाद ईसीजी की फोटो मोबाइल में खींचकर जिला अस्पताल स्थित हब में भेजी जाएगी। मौजूद विशेषज्ञ ईसीजी की फोटो का विश्लेषण करेंगे कि मरीज की स्थिति इंजेक्शन देने लायक है या नहीं। विशेषज्ञों की अनुमति मिलने पर प्रशिक्षित स्टाफ इंजेक्शन देकर उपचार शुरू कर देगा।
वर्जन
हृदय रोगियों के इलाज के लिए दिया जाने वाला विशेष इंजेक्शन जिला अस्पताल की इमरजेंसी में उपलब्ध कराया गया है। जिला अस्पताल में स्टेमी केयर यूनिट बनाई गई है। जहां विशेषज्ञों की सलाह और मरीज के तीमारदारों की सहमति के बाद ही यह इंजेक्शन मरीज को लगाया जाएगा। इसके लिए स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है।
- डॉ. आनंद उपाध्याय, सीएमएस, जिला अस्पताल
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हृदय रोगियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में हब बनाया जाएगा। इसमें जालौन, कोंच, कालपी व माधौगढ़ के एफआरयू में आने वाले हृदय रोगियों को प्राथमिक उपचार के साथ जिला अस्पताल तक रेफर करने की बारे में बताया गया। मंगलवार को जिला अस्पताल में नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. अरविंद भूषण की मौजूदगी में झांसी से ट्रेनिंंग लेकर लौटे चेस्ट फिजीशियन डॉ. शिवेश वर्मा ने माधौगढ़ सीएचसी के डॉ.कुलदीप,जालौन सीएचसी के डॉ.राजीव दुबे, कालपी सीएचसी के डॉ. शेख शहरयार, कोंच सीएचसी के डॉ. गौरव शर्मा को प्रशिक्षण देकर आपात स्थितियों के बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए। बताया कि हार्ट अटैक की स्थिति में तत्काल निर्णय लेना बेहद जरूरी होता है। प्रशिक्षण में बताया गया कि हृदय रोग की पहचान कैसे की जाए। ईसीजी कैसे पढ़ी जाए। मरीज की स्थिति का मूल्यांकन कैसे किया जाए। इसके अलावा इमरजेंसी में एक बेड हृदय रोगियों के लिए आरक्षित किया जाए।
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ईसीजी की फोटो जिला अस्पताल के हब में भेजी जाएगी
एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देने सबसे पहले मरीज की ईसीजी की जाएगी। इसके बाद ईसीजी की फोटो मोबाइल में खींचकर जिला अस्पताल स्थित हब में भेजी जाएगी। मौजूद विशेषज्ञ ईसीजी की फोटो का विश्लेषण करेंगे कि मरीज की स्थिति इंजेक्शन देने लायक है या नहीं। विशेषज्ञों की अनुमति मिलने पर प्रशिक्षित स्टाफ इंजेक्शन देकर उपचार शुरू कर देगा।
वर्जन
हृदय रोगियों के इलाज के लिए दिया जाने वाला विशेष इंजेक्शन जिला अस्पताल की इमरजेंसी में उपलब्ध कराया गया है। जिला अस्पताल में स्टेमी केयर यूनिट बनाई गई है। जहां विशेषज्ञों की सलाह और मरीज के तीमारदारों की सहमति के बाद ही यह इंजेक्शन मरीज को लगाया जाएगा। इसके लिए स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है।
- डॉ. आनंद उपाध्याय, सीएमएस, जिला अस्पताल
