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Jalaun News: ग्राम प्रधान व दो सचिवों से होगी पौने चार लाख की वसूली
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उरई। ग्राम प्रधान व दो सचिवों ने मिलकर पुराने कामों को दिखाकर भुगतान करा लिया। जब इसकी शिकायत की गई तो डीएम ने जांच कराई तो मामला सही पाया गया। इस पर डीएम ने प्रधान और दो पूर्व सचिवों से कुल 3,73,239 रुपये की क्षतिपूर्ति वसूलने का आदेश दिया है। उन्होंने आदेश दिए हैं कि अगर एक सप्ताह में धनराशि जमा नहीं की जाती है तो दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।
कोंच ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पिरौना निवासी ग्राम पंचायत सदस्य हरिश्चंद्र पांचाल ने जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडेय से शिकायत की थी। इसमें बताया था कि ग्राम पंचायत पिरौना में ग्राम निधि व प्रधानमंत्री आवास में लाभार्थियों को मिलने वाली 90 दिनों की मजदूरी जो मनरेगा के तहत दी जाती है वह नहीं दी गई है। साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम निधि से लाखों रुपये बिना काम के ही निकाल लिए गए हैं।
इस पर डीएम ने 4 अक्तूबर 2023 को त्रिस्तरीय समिति गठित कराई थी। टीम ने अपनी जांच 18 नवंबर 2024 को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसके अतिरिक्त संयुक्त टीम ने 8 दिसंबर 2023 को पिरौना में कराए गए। विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया था। जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी। टीम ने जांच में पाया था कि पंचायत में कई विकास कार्य अधूरे छोड़ दिए गए थे। नाली निर्माण भी पूरा नहीं मिला और अभिलेखों में महत्वपूर्ण विवरण दर्ज नहीं किए गए थे। जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए। इससे वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
रिपोर्टों के आधार पर सरकारी धन का कुल 3,73,239 रुपये का अपव्यय या दुरुपयोग पाया गया। इसके लिए ग्राम प्रधान प्रीति यादव, तत्कालीन पंचायत सचिव सुमित यादव और तत्कालीन सचिव अनुज गुप्ता को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। डीएम ने तीनों संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा के भीतर किसी का भी संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ। इसे प्रशासन ने आरोपों की मौन स्वीकृति माना है।
उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 27(2) के अंतर्गत क्षतिपूर्ति निर्धारण के बाद प्रधान प्रीति यादव से 1,86,619.50 रुपये, पूर्व सचिव सुमित यादव से 1,21,170.00 रुपये और पूर्व सचिव अनुज गुप्ता से 65,449.50 रुपये की वसूली की जाएगी। कुल वसूली राशि 3,73,239 रुपये है। डीएम ने बताया कि यदि वसूली की यह राशि जमा नहीं की जाती है तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
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कोंच ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पिरौना निवासी ग्राम पंचायत सदस्य हरिश्चंद्र पांचाल ने जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडेय से शिकायत की थी। इसमें बताया था कि ग्राम पंचायत पिरौना में ग्राम निधि व प्रधानमंत्री आवास में लाभार्थियों को मिलने वाली 90 दिनों की मजदूरी जो मनरेगा के तहत दी जाती है वह नहीं दी गई है। साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम निधि से लाखों रुपये बिना काम के ही निकाल लिए गए हैं।
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इस पर डीएम ने 4 अक्तूबर 2023 को त्रिस्तरीय समिति गठित कराई थी। टीम ने अपनी जांच 18 नवंबर 2024 को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसके अतिरिक्त संयुक्त टीम ने 8 दिसंबर 2023 को पिरौना में कराए गए। विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया था। जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी। टीम ने जांच में पाया था कि पंचायत में कई विकास कार्य अधूरे छोड़ दिए गए थे। नाली निर्माण भी पूरा नहीं मिला और अभिलेखों में महत्वपूर्ण विवरण दर्ज नहीं किए गए थे। जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए। इससे वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
रिपोर्टों के आधार पर सरकारी धन का कुल 3,73,239 रुपये का अपव्यय या दुरुपयोग पाया गया। इसके लिए ग्राम प्रधान प्रीति यादव, तत्कालीन पंचायत सचिव सुमित यादव और तत्कालीन सचिव अनुज गुप्ता को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। डीएम ने तीनों संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा के भीतर किसी का भी संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ। इसे प्रशासन ने आरोपों की मौन स्वीकृति माना है।
उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 27(2) के अंतर्गत क्षतिपूर्ति निर्धारण के बाद प्रधान प्रीति यादव से 1,86,619.50 रुपये, पूर्व सचिव सुमित यादव से 1,21,170.00 रुपये और पूर्व सचिव अनुज गुप्ता से 65,449.50 रुपये की वसूली की जाएगी। कुल वसूली राशि 3,73,239 रुपये है। डीएम ने बताया कि यदि वसूली की यह राशि जमा नहीं की जाती है तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।