उरई। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने टीईटी की अनिवार्यता को लेकर गुरुवार को शिक्षकों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। बाद में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा को दिया।
रामबालक व्यास ने कहा कि टीईटी की अनिवार्यता वाले आदेश से शिक्षक भयभीत और अवसादग्रस्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदेश शिक्षक हित में नहीं है। इसे वापस लिया जाए। जिलाध्यक्ष आलोक पाठक ने कहा कि इस आदेश के चलते लाखों शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रतिभाग करने वाले के लिए योग्यता स्नातक, बीएड या बीटीसी प्रशिक्षण है, जबकि वर्ष 2001 से पूर्व नियुक्ति बेसिक शिक्षक के लिए इंटरमीडिएट और बीटीसी थी।
इस योग्यता के अभाव में शिक्षक आवेदन से वंचित हो सकते हैं। जिला महामंत्री विशाल रावत ने कहा कि इस आदेश से बीपीएड योग्यता धारी शिक्षक प्रभावित होंगे। मंडल अध्यक्ष अभिनव दीक्षित, संतोष तिवारी, रामकिशोर, अरुणकांत, अवनीश गुप्ता ने कहा कि सरकार को इस मामले में पहल करते हुए शिक्षकों के हित में निर्णय लेना चाहिए। इस दौरान सुनील निरंजन, लक्ष्मीकांत, उमेश मिश्रा, मुबीन सिद्दीकी, शिवराम त्रिपाठी, कमलकांत, अवनीश कुमार, नितिन निरंजन आदि मौजूद रहे।