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Jhansi: सर्द मौसम का असर...ठंड से बच्चे ही नहीं बड़े भी हो रहे वायरल निमोनिया के शिकार
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Thu, 25 Dec 2025 07:54 AM IST
सार
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया ने बताया कि ठंड की वजह से बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत गले में दर्द, खांसी और बुखार की हो रही है। समय से उपचार न मिलने पर बच्चों को निमोनिया होने की आशंका होती है।
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निमोनिया
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
मौसम में तेजी से ठंडक घुलने की वजह से खांसी, जुकाम-बुखार व वायरल निमोनिया से बच्चे ही नहीं बड़े भी चपेट में आ रहे हैं। इससे ओपीडी में रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। बुधवार को मेडिसिन की ओपीडी में 45 फीसदी और बाल रोग विभाग की ओपीडी में 40 फीसदी बच्चे आए। वहीं, नौ निमोनिया के रोगियों को भर्ती किया गया।
बाल रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले अधिकांश बच्चों में तेज खांसी, जुकाम-बुखार की समस्या रही। कई बच्चे ऐसे थे, जिनको खांसी हुए एक सप्ताह से ज्यादा समय गुजर गया था मगर कोई राहत नहीं थी। वहीं, कुछ बच्चों में जांच के दौरान निमोनिया के लक्षण मिले। चिंताजनक हालत होने पर चार बच्चों को तुरंत भर्ती कराया गया।
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया ने बताया कि ठंड की वजह से बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत गले में दर्द, खांसी और बुखार की हो रही है। समय से उपचार न मिलने पर बच्चों को निमोनिया होने की आशंका होती है। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रामबाबू सिंह ने बताया कि वायरल निमोनिया की चपेट में आए पांच रोगियों को उपचार के लिए भर्ती किया गया है।
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बाल रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले अधिकांश बच्चों में तेज खांसी, जुकाम-बुखार की समस्या रही। कई बच्चे ऐसे थे, जिनको खांसी हुए एक सप्ताह से ज्यादा समय गुजर गया था मगर कोई राहत नहीं थी। वहीं, कुछ बच्चों में जांच के दौरान निमोनिया के लक्षण मिले। चिंताजनक हालत होने पर चार बच्चों को तुरंत भर्ती कराया गया।
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बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया ने बताया कि ठंड की वजह से बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत गले में दर्द, खांसी और बुखार की हो रही है। समय से उपचार न मिलने पर बच्चों को निमोनिया होने की आशंका होती है। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रामबाबू सिंह ने बताया कि वायरल निमोनिया की चपेट में आए पांच रोगियों को उपचार के लिए भर्ती किया गया है।
