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Kannauj News: अपर शोध अधिकारी पर 30 हजार रिश्वत लेने का आरोप

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 20 Nov 2025 10:57 PM IST
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Additional Research Officer accused of taking bribe of Rs. 30,000
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सौरिख (कन्नौज)। आशा कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति के लिए सीएचसी में तैनात अपर शोध अधिकारी पर 30 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा है। इसका वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि संवाद न्यूज एजेंसी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो बनाने वाले युवक की शिकायत पर डीएम की संस्तुति पर सीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दूसरी ओर अधिकारी ने आरोपों को गलत बताया है।
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वायरल वीडियो में अपर शोध अधिकारी वीरपाल सिंह अस्पताल के ही एक कमरे में कुर्सी पर बैठे हैं। वह सामने खड़े एक युवक से आशा कार्यकर्ता के पद पर चयन के लिए 30 हजार रुपये लेते नजर आ रहे हैं। वार्ता के दौरान वह रुपये यह कहते हुए वापस कह रहे हैं कि इतने में चयन नहीं हो सकता है। 60 हजार की मांग थी। वीरपाल सिगरेट पीते भी नजर आ रहे हैं। वार्ता के दौरान युवक के साथ खड़े एक अन्य युवक ने इसका वीडियो बना लिया। उसने मामले की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री से की। डीएम की संस्तुति पर सीएमओ डाॅ. स्वदेश गुप्ता ने सीएससी प्रभारी आनंद सिंह को मामले की जांच सौंपी है। सीएचसी प्रभारी ने बताया कि वायरल वीडियो एक सप्ताह पहले का बताया जा रहा है। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
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आशा कार्यकर्ता की मौत के बाद रिक्त हुए पद पर होनी है नियुक्ति
नादेमऊ चौकी के अंतर्गत नगला दरियाई गांव निवासी आशा कार्यकर्ता राजेश्वरी देवी की हत्या तीन मई 2025 को कर दी गई थी। उनका शव मैनपुरी जिले के बेवर थाना क्षेत्र के मोटा रोड स्थित रजबहे में मिला था। पुलिस में इस मामले में तीन लोगों को जेल भी भेज दिया था। राजेश्वरी की हत्या के बाद रिक्त हुए पद पर उनकी बहू का चयन कराने के लिए परिजन प्रयास कर रहे थे। इस संबंध में एक सप्ताह पूर्व परिजन वीरपाल सिंह से मिले थे और रिश्वत की मांग करने और रुपये देने का वीडियो बना लिया गया था।
आरोप नकारे, कहा मौत से पहले राजेश्वरी ने ली थी उधारी
अपर शोध अधिकारी वीरपाल सिंह का कहना कि आशा कार्यकर्ता राजेश्वरी ने मौत से 15 दिन पहले परिजन के लिए 60 हजार रुपये लिए थे। उधारी वापस करने के लिए मेरे पास आकर परिवार के लोग मुझे जबरदस्ती 30 हजार रुपये दे रहे थे। जो मैंने लेने से मना कर दिया और 60 हजार रुपये देने की बात कही थी। परिजनों ने गलत तरीके से वीडियो बनाया है। उनके ऊपर लगाए गए आरोप झूठे व निराधार हैं।
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