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Kannauj News: बाल कल्याण समिति तय करेगी तालाब के किनारे मिले आयुष का भविष्य

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 20 Nov 2025 10:55 PM IST
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Child Welfare Committee will decide the future of Ayush, who was found on the banks of the pond.
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कन्नौज। घायलावस्था में तालाब के किनारे मिले कुपोषित बच्चे के भविष्य के बारे में अब बाल कल्याण समिति ही निर्णय लेगी। गुरुवार को तहय हुआ कि जिला अस्पताल के पोषण एवं पुनर्वास केंद्र से डिस्चार्ज होने के बाद चाइल्ड लाइन बच्चे को समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी। बैठक में उसके निर्मोही पिता पर भी कार्रवाई की दिशा तय की जाएगी। फिलहाल आयुष के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और पिछले सात दिन में उसका 680 ग्राम वजन भी बढ़ा है।
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शहर के मानपुर में 14 नवंबर को एक दो साल का कुपोषित बच्चा तालाब के किनारे पड़ा मिला था। उसके सिर में घाव था जिसमें कीड़े और मवाद पड़ चुका था। वहां से गुजर रहे एक स्वास्थ्यकर्मी ने चाइल्ड लाइन के बच्चे के बारे में बताया था। बच्चे का नाम आयुष है जिसको पिता रवि कठेरिया ने मरने के लिए तालाब के किनारे छोड़ दिया था। आयुष की मां किसी युवक के साथ चली गई है। परिवार वाले आयुष को अपनाने के लिए राजी नहीं हैं। ऐसी स्थिति में बाल कल्याण समिति ही बच्चे के भविष्य के बारे में निर्णय लेगी।
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पोषण पुनर्वास केंद्र की डायटीशियन स्वप्निल मिश्रा ने बताया कि चाइल्ड लाइन ने 14 नवंबर को बच्चे को भर्ती कराया था। वहां उसकी नियमित देखभाल की जा रही है और पोषणयुक्त भोजन दिया जा रहा है। घाव की नियमित ड्रेसिंग की जा रही है जिससे वह भी ठीक होने लगा है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित शंकर व डॉ. अरुण कुमार की टीम उसकी लगातार निगरानी कर रही है और प्रतिदिन वजन समेत कुपोषण का परीक्षण किया जा रहा है। यही वजह है कि सात दिन में आयुष का वजन 680 ग्राम बढ़ गया है। चाइल्ड लाइन की तरफ से आयुष की देखभाल के लिए एक केयर टेकर की नियुक्ति की गई है।
जन्म देने वाले माता-पिता को ही दिया जाएगा आयुष
जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय कुमार राठौर ने बताया कि आयुष को केवल जन्म देने वाले माता-पिता ही ले सकते हैं। इस बारे में भी बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ही निर्णय करेगी। पिता पर एफआईआर हो या नहीं, यह भी समिति ही तय करेगी। यदि माता-पिता नहीं लेते हैं तो उसका विवरण केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सारा) पर फीड किया जाएगा। इसके बाद बाल कल्याण समिति से बच्चे को गोद लेने के लिए केयरिंग्स पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) को आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे और फिर बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने के लिए स्वतंत्र घोषित करवाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सीडब्ल्यूसी बच्चे की सामाजिक जांच रिपोर्ट तैयार करवाएगी और अंततः जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) गोद लेने का आदेश जारी करेंगे।
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