{"_id":"6926f6c4b8dca42d5e05aaec","slug":"banda-man-convicted-of-murder-by-shooting-sentenced-to-life-2025-11-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"Banda: गोली मारकर हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, 11 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Banda: गोली मारकर हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, 11 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 26 Nov 2025 06:17 PM IST
विज्ञापन
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
रंगदारी व दबदबा कायम करने के लिए युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोषी को अपर सत्र न्यायाधीश चंद्रपाल द्वितीय की अदालत ने बुधवार को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही हत्या में प्रयुक्त तमंचा रखने में सजा सहित 11 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जिसकी धनराशि की अदायगी न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी होगी। दोषी को जेल भेज दिया गया।
Trending Videos
बबेरू थाना क्षेत्र के साथी गांव निवासी मृतक के पुत्र बुद्धविलास पटेल ने 2 सितंबर 2013 को बबेरू थाने में तहरीर दी कि रात आठ बजे वह और उसके पिता राम किशोर शौच को जा रहे थे। तभी राजकुमार मास्टर के घर के सामने उसके गांव का रामदत्त पहलवानी उसे और उसके पिता को शराब के नशे में गाली गलौज करने लगा। मना करने पर उसने तमंचा निकालकर उसके पिता को जान से मारने की नीयत से गोली मार दी। गोली उसके पिता की छाती में लगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
वह पिता को घायल अवस्था में अस्पताल छोड़कर थाने रिपोर्ट लिखाने चला आया। उसके पिता को बबेरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टर ने पट्टी बांधकर कानपुर के लिए रेफर कर दिया। कानपुर में इलाज करने के बाद लखनऊ अस्पताल में भर्ती कराया। 22 सितंबर 2013 को उनकी मृत्यु हो गई। 23 सितंबर 2013 को लखनऊ में पोस्टमार्टम कराया गया। विवेचक ने दोषी रामदत्त को 6 सितंबर 2013 को हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद कर उसे जेल भेज दिया।
तत्कालीन विवेचक प्रभारी निरीक्षक कैलाश नाथ मिश्र व एसआई नरेंद्र कुमार पाल एवं एसआई हरिराम सिंह चौकी प्रभारी सिमौनी हत्या व अवैध तमंचा रखने की विवेचना की। विवेचक ने हत्या का आरोपपत्र आठ नवंबर 2013 व तमंचा रखने में आरोप पत्र पांच दिसंबर 2013 को अदालत में पेश किया। दोनों मामलों में दोषी के विरुद्ध 26 फरवरी 2014 को आरोपी बनाया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 10 गवाह पेश किए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद न्यायाधीश ने अपने 29 पृष्ठीय फैसले में हत्या में आजीवन कारावास और शस्त्र अधिनियम में दो वर्ष का सश्रम कारावास व 11 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।