कानपुर में नगर निगम कर्मी संजय कुमार (35) हत्याकांड में पुलिस ने दस के खिलाफ नामजद हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। नामजद एक किशोर को गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकांड में पुलिस उसकी भूमिका तलाश कर साक्ष्य जुटा रही है। नामजद आरोपियों में चार सगे भाई भी शामिल हैं।
नगर निगम कर्मी की नृशंस हत्या: पूरे शरीर पर किए कई वार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट देख पुलिस भी हैरान, दस पर केस
आरोपियों की तलाश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने साहिल को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस सभी नामजद आरोपियों की लोकेशन पता कर रही है। जिससे स्पष्ट हो सके कि वारदात के वक्त घटना स्थल पर किस किस की मौजूदगी थी। अन्य साक्ष्य भी जुटा रही। देर रात पुलिस ने नामजद एक किशोर को गिरफ्तार कर लिया।
तहरीर से बदली हत्याकांड की वजह
वारदात के तुरंत बाद जब परिजन हैलट में थे तब आरोप लगाया था कि आरोपी विशाल संजय की भतीजी से छेड़खानी करता था। विरोध करने पर उसे सभी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया लेकिन एफआईआर जब दर्ज कराई गई तो पूरी कहानी पलट गई। जिससे हत्याकांड की वजह ही बदल गई।
एफआईआर में दावा किया गया है कि संजय के फुफेरे भाई संतोष के घर के सामने विशाल का नंदन नाम के पड़ोसी से झगड़ा हो रहा था। तभी विशाल ने पथराव किया। पत्थर संतोष के परिजनों को लग गया। तब संतोष का विशाल से विवाद शुरू हो गया। जानकारी होने पर संजय वहां पहुंचा। जिसके बाद विशाल व अन्य आरोपी उस पर टूट पड़े और उसकी हत्या कर दी। एक बात यह भी सामने आ रही है कि लोकलाज के डर से छेड़खानी वाला तथ्य एफआईआर में नहीं दर्ज किया।
दस अगस्त को भी हुआ था विवाद
पुलिस ने बुधवार तमाम लोगों से पूछताछ की। इस दौरान एक अहम तथ्य समाने आया। बताया गया कि दस अगस्त को संजय व विशाल का किसी बात पर झगड़ा हुआ था। बाद में दोनों ने पुलिस से शिकायत करने के बजाए आपस में समझौता कर लिया था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।