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दलित-मुस्लिम, ब्राह्मणों पर डोरे
टीम डिजिटल, अमर उजाला, कानपुर
Updated Sat, 07 Jan 2017 02:43 PM IST
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डेमो
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जिले की 10 विधानसभा क्षेत्रों के टिकट शुक्रवार को जारी करके बसपा ने हर तबके के वोटरों को साधने की कोशिश की है। ज्यादा फोकस दलित-मुस्लिम गठजोड़ और ब्राह्मणों पर है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी प्रतिनिधित्व मिला है। बसपा की लिस्ट में क्षत्रिय, वैश्य का प्रतिनिधित्व नहीं है।
ब्राह्मण
बसपा ने गोविंद नगर, किदवई नगर और महाराजपुर से ब्राह्मण प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इन क्षेत्रों में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी है। मलिन बस्तियां भी हैं। इसीलिए दलित- ब्राह्मण समीकरण बैठाने की कोशिश की जा रही है।
दलित
घाटमपुर और बिल्हौर सुरक्षित सीटों के साथ ही सीसामऊ सामान्य सीट से भी दलित प्रत्याशी को उतारा गया है। इन क्षेत्रों में दलित मतदाता ज्यादा हैं, जिन्हें बसपा अपना कैडर वोटर बताती है।
मुस्लिम
कैंट को मुस्लिम बहुल माना जाता है। आर्य नगर में भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या खासी है। इसलिए दोनों क्षेत्रों से मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा गया।
ओबीसी
कल्याणपुर और बिठूर विधानसभा क्षेत्र से ओबीसी प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। पार्टी का मानना है कि इन क्षेत्रों में ओबीसी वोटर अधिक हैं। अपने बीच का प्रत्याशी पाएंगे तो रुझान बदल सकता है।
चार प्रत्याशी पहली बार लड़ेंगे
विधानसभा चुनाव में चार प्रत्याशियों को पहली बार उतारा गया है। इनका राजनीतिक बैक ग्राउंड भी नहीं हैं। इसके बावजूद पार्टी ने भरोसा जताया है।
युवाओं को साधने की कोशिश
बसपा ने युवाओं पर भी भरोसा जताया है। कल्याणपुर, किदवई नगर और सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से युवाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रत्याशियों की उम्र 26-30 साल है।
सबसे खास बात
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र सामान्य की श्रेणी में है, फिर भी टिकट दलित को दिया गया है। पार्टी की मंशा यहां दलित-मुसलमान गठजोड़ बनाने की है। दलितों को बसपा अपना कैडर वोट मानती है। मुसलमानों को भी जोड़ने की कवायद चल रही है। वर्ष 2012 के चुनाव में यहां से पं.कैलाश शर्मा लड़े थे लेकिन करारी हार हुई थी। यह सीट सपा के पास है।
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ब्राह्मण
बसपा ने गोविंद नगर, किदवई नगर और महाराजपुर से ब्राह्मण प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इन क्षेत्रों में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी है। मलिन बस्तियां भी हैं। इसीलिए दलित- ब्राह्मण समीकरण बैठाने की कोशिश की जा रही है।
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दलित
घाटमपुर और बिल्हौर सुरक्षित सीटों के साथ ही सीसामऊ सामान्य सीट से भी दलित प्रत्याशी को उतारा गया है। इन क्षेत्रों में दलित मतदाता ज्यादा हैं, जिन्हें बसपा अपना कैडर वोटर बताती है।
मुस्लिम
कैंट को मुस्लिम बहुल माना जाता है। आर्य नगर में भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या खासी है। इसलिए दोनों क्षेत्रों से मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा गया।
ओबीसी
कल्याणपुर और बिठूर विधानसभा क्षेत्र से ओबीसी प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। पार्टी का मानना है कि इन क्षेत्रों में ओबीसी वोटर अधिक हैं। अपने बीच का प्रत्याशी पाएंगे तो रुझान बदल सकता है।
चार प्रत्याशी पहली बार लड़ेंगे
विधानसभा चुनाव में चार प्रत्याशियों को पहली बार उतारा गया है। इनका राजनीतिक बैक ग्राउंड भी नहीं हैं। इसके बावजूद पार्टी ने भरोसा जताया है।
युवाओं को साधने की कोशिश
बसपा ने युवाओं पर भी भरोसा जताया है। कल्याणपुर, किदवई नगर और सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से युवाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रत्याशियों की उम्र 26-30 साल है।
सबसे खास बात
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र सामान्य की श्रेणी में है, फिर भी टिकट दलित को दिया गया है। पार्टी की मंशा यहां दलित-मुसलमान गठजोड़ बनाने की है। दलितों को बसपा अपना कैडर वोट मानती है। मुसलमानों को भी जोड़ने की कवायद चल रही है। वर्ष 2012 के चुनाव में यहां से पं.कैलाश शर्मा लड़े थे लेकिन करारी हार हुई थी। यह सीट सपा के पास है।