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कानपुर: शिकायत के बाद निशा खरबंदा हैलट से डिस्चार्ज, पहुंचीं जेल, साहूलियत मिलने का लगा था आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sun, 06 Feb 2022 01:28 PM IST
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सार
कुछ दिन पहले ही आंचल के पिता ने हैलट व उर्सला के अधीक्षक समेत शासन तक शिकायत कर दावा किया था कि बिना किसी बीमारी के निशा को अस्पताल में भर्ती किया गया है। जिससे उनको सहूलियत मिल सके। शिकायत के बाद आनन-फानन निशा को दोबारा जेल भेजा गया है।
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विस्तार
आंचल खरबंदा की मौत के मामले में आरोपी सास निशा खरबंदा को शासन में शिकायत के बाद हैलट के डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया है। वह वापस जेल पहुंच गईं। अब स्वास्थ्य पहले से बेहतर बताया जा रहा है।
कुछ दिन पहले ही आंचल के पिता ने हैलट व उर्सला के अधीक्षक समेत शासन तक शिकायत कर दावा किया था कि बिना किसी बीमारी के निशा को अस्पताल में भर्ती किया गया है। जिससे उनको सहूलियत मिल सके। शिकायत के बाद आनन-फानन निशा को दोबारा जेल भेजा गया है।
अशोक नगर निवासी मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल खरबंदा का शव 19 नवंबर की रात फंदे पर लटका मिला था। पुलिस ने सूर्यांश व उनकी मां निशा खरबंदा को जेल भेजा था। कुछ ही दिन बाद निशा को उर्सला में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का कहना था कि निशा को शुगर, बीपी, अस्थमा व किडनी की बीमारी है।
कुछ दिन बाद हैलट रेफर कर दिया गया था। इस बीच पवन ग्रोवर ने इसकी शिकायत शासन में कर दी। शिकायत के बाद निशा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जेल अधीक्षक आरके जायसवाल का कहना है कि जेल अस्पताल के डॉक्टर निशा की देखरेख कर रहे हैं।
सवाल है कि क्या वाकई पवन ग्रोवर के आरोप सही थे। अगर नहीं तो आनन-फानन उनको डिस्चार्ज क्यों किया गया। क्या अब पूरी तरह वह स्वस्थ हो गई हैं?
चार्जशीट तैयार, जल्द करेंगे दाखिल
पुलिस ने 20 नवंबर को सूर्यांश व निशा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 90 दिन के भीतर इन दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पुलिस को लगानी है। पुलिस अफसरों के मुताबिक चार्जशीट लगभग तैयार है। 20 फरवरी से पहले ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच जारी रहेगी।

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कुछ दिन पहले ही आंचल के पिता ने हैलट व उर्सला के अधीक्षक समेत शासन तक शिकायत कर दावा किया था कि बिना किसी बीमारी के निशा को अस्पताल में भर्ती किया गया है। जिससे उनको सहूलियत मिल सके। शिकायत के बाद आनन-फानन निशा को दोबारा जेल भेजा गया है।
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अशोक नगर निवासी मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल खरबंदा का शव 19 नवंबर की रात फंदे पर लटका मिला था। पुलिस ने सूर्यांश व उनकी मां निशा खरबंदा को जेल भेजा था। कुछ ही दिन बाद निशा को उर्सला में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का कहना था कि निशा को शुगर, बीपी, अस्थमा व किडनी की बीमारी है।
कुछ दिन बाद हैलट रेफर कर दिया गया था। इस बीच पवन ग्रोवर ने इसकी शिकायत शासन में कर दी। शिकायत के बाद निशा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जेल अधीक्षक आरके जायसवाल का कहना है कि जेल अस्पताल के डॉक्टर निशा की देखरेख कर रहे हैं।
सवाल है कि क्या वाकई पवन ग्रोवर के आरोप सही थे। अगर नहीं तो आनन-फानन उनको डिस्चार्ज क्यों किया गया। क्या अब पूरी तरह वह स्वस्थ हो गई हैं?
चार्जशीट तैयार, जल्द करेंगे दाखिल
पुलिस ने 20 नवंबर को सूर्यांश व निशा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 90 दिन के भीतर इन दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पुलिस को लगानी है। पुलिस अफसरों के मुताबिक चार्जशीट लगभग तैयार है। 20 फरवरी से पहले ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच जारी रहेगी।