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कानपुर: खाद्य तेल कारोबारी ने बैंक के 32.35 करोड़ हड़पे, सीबीआई ने दर्ज की रिपोर्ट
सूरज शुक्ला, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sat, 05 Feb 2022 02:10 PM IST
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सार
प्रयागराज बैंक ऑफ बड़ौदा के एजीएम मनोज कुमार ने 27 फरवरी 2015 से नौ फरवरी 2016 के बीच कई बार में 39.57 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। फर्जीवाड़ा कर बैंक से लिए गए कर्ज की राशि का भुगतान विदेश के बजाय देश के ही बैंक खातों में होने पर अफसर सतर्क हुए।

खाद्य तेल कारोबारी के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की रिपार्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नवाबगंज के विष्णपुरी निवासी खाद्य तेल कारोबारी ने बैंक अफसरों से मिलीभगत कर बैंक ऑफ बड़ौदा के 32.35 करोड़ रुपये हड़प लिए। प्रयागराज में तैनात बैंक के सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) मनोज कुमार ने सीबीआई की लखनऊ शाखा में कारोबारी, बैंक के अज्ञात अफसरों समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रयागराज बैंक ऑफ बड़ौदा के एजीएम मनोज कुमार ने सीबीआई को बताया कि आरोपियों ने विदेश से कच्चा खाद्य तेल आयात करने के नाम पर इनलैंड लेटर ऑफ क्रेडिट जारी करा लिया। इसके बाद 27 फरवरी 2015 से नौ फरवरी 2016 के बीच कई बार में 39.57 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया।
फर्जीवाड़ा कर बैंक से लिए गए कर्ज की राशि का भुगतान विदेश के बजाय देश के ही बैंक खातों में होने पर अफसर सतर्क हुए। लेकिन तब तक बैंक को 32.35 करोड़ रुपये का चूना लग चुका था। बैंक ने आरोपियों के खातों को निष्क्रिय कर करोड़ों की धोखाधड़ी की जांच शुरू की।
वर्ष 2018 में जांच पूरी हुई तो पता चला शातिरों ने बैंक से ली गई रकम को दिनेश ऑयल लिमिटेड, जीपी ओवरसीज, गोल्डमोहर ग्रामोद्योग संस्थान, दिनेश सोप्स एंड डिटर्जेंट्स के नाम से खोले गए फर्जी खातों में ही ट्रांसफर किया गया था। साथ ही विदेश से आयात संबंधी जो कागजात बैंक को दिखाए गए थे, वह भी फर्जी पाए गए।
इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
सीबीआई ने कृष्णा कंटेनर्स (विष्णुपुरी में स्थानीय कार्यालय, पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्टरी) नाम की फर्म, उसके पार्टनर और गारंटर (विष्णुपुरी निवासी दिनेश अरोड़ा, उनकी पत्नी शालिनी अरोड़ा), बैंक के अज्ञात अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने, साजिश रचने एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। सीबीआई ने दिनेश की मां कृष्णा अरोड़ा और पिता सत्यपाल अरोड़ा के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। कृष्णा और सत्यपाल की मौत हो चुकी है।

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प्रयागराज बैंक ऑफ बड़ौदा के एजीएम मनोज कुमार ने सीबीआई को बताया कि आरोपियों ने विदेश से कच्चा खाद्य तेल आयात करने के नाम पर इनलैंड लेटर ऑफ क्रेडिट जारी करा लिया। इसके बाद 27 फरवरी 2015 से नौ फरवरी 2016 के बीच कई बार में 39.57 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया।
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फर्जीवाड़ा कर बैंक से लिए गए कर्ज की राशि का भुगतान विदेश के बजाय देश के ही बैंक खातों में होने पर अफसर सतर्क हुए। लेकिन तब तक बैंक को 32.35 करोड़ रुपये का चूना लग चुका था। बैंक ने आरोपियों के खातों को निष्क्रिय कर करोड़ों की धोखाधड़ी की जांच शुरू की।
वर्ष 2018 में जांच पूरी हुई तो पता चला शातिरों ने बैंक से ली गई रकम को दिनेश ऑयल लिमिटेड, जीपी ओवरसीज, गोल्डमोहर ग्रामोद्योग संस्थान, दिनेश सोप्स एंड डिटर्जेंट्स के नाम से खोले गए फर्जी खातों में ही ट्रांसफर किया गया था। साथ ही विदेश से आयात संबंधी जो कागजात बैंक को दिखाए गए थे, वह भी फर्जी पाए गए।
इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
सीबीआई ने कृष्णा कंटेनर्स (विष्णुपुरी में स्थानीय कार्यालय, पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्टरी) नाम की फर्म, उसके पार्टनर और गारंटर (विष्णुपुरी निवासी दिनेश अरोड़ा, उनकी पत्नी शालिनी अरोड़ा), बैंक के अज्ञात अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने, साजिश रचने एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। सीबीआई ने दिनेश की मां कृष्णा अरोड़ा और पिता सत्यपाल अरोड़ा के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। कृष्णा और सत्यपाल की मौत हो चुकी है।