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Kanpur: पुलिस का प्रेसनोट पढ़कर रचते थे ठगी की साजिश, जनसेवा केंद्रों से उठाते थे मोबाइल नंबर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Fri, 19 Dec 2025 01:05 PM IST
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Kanpur: They plotted their scams by reading police press releases
पुलिस गिरफ्त में आरोपी - फोटो : अमर उजाला
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अश्लील वीडियो देखने के नाम पर क्राइम ब्रांच अधिकारी बन ठगी करने के आरोपी पुलिस का प्रेसनोट पढ़कर वारदात की साजिश करते। उन्होंने कानपुर देहात के गजनेर क्षेत्र के मन्नहापुर गांव के खेतों को अपना ठिकाना बनाया। यहीं से सोमवार से लेकर शुक्रवार तक कॉल की जाती थी। शनिवार और रविवार मौज मस्ती के लिए रखते। यह जानकारी साइबर क्राइम सेल को मिली है। प्रेसनोट और समाचार पत्रों में प्रकाशित पुलिस के गुडवर्क की खबरों में अधिकारियों के नाम और तरीका जान लेते थे।
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साइबर क्राइम प्रभारी सतीश यादव ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के गिरोह में अभी और लोग शामिल हैं। इन लोगों ने लखनऊ, श्रावस्ती, बहराइच, उन्नाव, गोंडा समेत अन्य जिलों के लोगों को निशाना बनाया है। यह खेतों में अलग-अलग कोने में बैठकर कॉल करते थे। पहले इंस्पेक्टर बनकर कॉल होती थी फिर एसपी और उसके ऊपर के अधिकारी के नाम पर शिकार को दबाव में लिया जाता था। गजनेर के मन्नहापुर का सुरेश और उसका छोटा भाई दिनेश अधिकारियों की भूमिका निभाता था जबकि अकबरपुर का पंकज सिंह इंस्पेक्टर या सीओ बनता था।
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आरोपी कॉल करने के बाद गिरफ्तार करने के लिए फोर्स निकलने की बात कहकर दवाब बनाते थे। इसके बाद अन्य आरोपी मोबाइल से पुलिस के सायरन व हूटर की आवाज निकालकर डराते थे। पंकज सिंह गिरोह का मास्टरमाइंड है। उसे 2023 में एसटीएफ ठगी के मामले में पकड़ चुकी है।

Kanpur: They plotted their scams by reading police press releases
पुलिस ने किया घटना का खुलासा - फोटो : अमर उजाला
कम पढ़े लिखे फिर भी पढ़े लिखों को ठग लेते
साइबर सेल के एसआई शिव शर्मा ने बताया कि सभी आरोपी कम पढ़े लिखे थे लेकिन वारदात के लिए काफी पढ़े लिखे लोगों निशाना बनाते थे। पंकज बीए, अमन व विनय इंटर, दिनेश दसवीं और सुरेश आठवीं तक ही पढ़ा है। हर दिन एक टारगेट जरूरी था।

 

Kanpur: They plotted their scams by reading police press releases
क्राइम ब्रांच - फोटो : अमर उजाला
डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव बनकर धमकाया
श्रावती के प्रमोद कुमार चौहान को आरोपियों ने कानपुर के डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव बनकर धमकाया था। उनसे चार बार में 46 हजार रुपये वसूल लिए। उन्होंने पहले लखनऊ पुलिस से संपर्क किया फिर शहर के क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज की। गिरोह के सदस्य पीड़ितों से एकबार में पांच हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक ठग चुके हैं।

पेट्रोल पंप और जनसेवा केंद्रों का खाता दिया
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह गिरोह इतना शातिर था कि यह केवल पुराने कीपैड मोबाइल इस्तेमाल करते थे। माफीनामा और अधिकारियों की फोटो दिखाने के लिए स्मार्ट फोन रखा था। सिम कार्ड और खाता किसी अन्य के नाम से था। आरोपियों ने कई जनसेवा केंद्र और पेट्रोल पंप का नंबर व क्यूआर कोड देकर ठगी की रकम मंगवाई है। पेट्रोल पंप और जनसेवा केंद्राें को कुछ न कुछ बहाना बनाया था।
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