Kanpur: डी-टू गैंग की मुखबिरी करने से पुलिस का करीबी बना था टायसन, केस डायरी लिखवाने में अखिलेश करता था सहयोग
Kanpur News: अनवरगंज इंस्पेक्टर अशोक दुबे ने बताया कि अयाज उर्फ टायसन पर अनवरगंज, किदवईनगर, चकेरी, कोतवाली समेत अन्य थानों में रिपोर्ट दर्ज है। उनका नाम हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर की हत्या में आया था। डी-टू गैंग के खिलाफ मुखबिरी करता था।
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कानपुर शहर में डी-टू गैंग रंगदारी मांगने, मारपीट, बलवा, धमकी देने समेत कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था जिसके सदस्यों का नाम दूसरे शहर की वारदातों में अक्सर रहता था। गैंग को खत्म करने में पुलिस की भूमिका रही। गिरोह में शामिल कई सदस्यों का एनकाउंटर हुआ था। तत्कालीनएसओजी प्रभारी ऋषिकांत शुक्ला थे जबकि केस डायरी लिखवाने में अखिलेश दुबे का सहयोग रहता था।
उस दौरान अनवरगंज का शातिर अयाज उर्फ टायसन गैंग की मुखबिरी करता था। एसओजी और एसटीएफ में तैनात रहे पुलिसकर्मियों के मुताबिक डी-टू गैंग को अतीक ने खड़ा किया था जबकि उसके भाई रफीक, शफीक, बिल्लू, बाले और अफजाल गैंग को फैला रहे थे। रफीक अच्छा शूटर था। उसको पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली के अपराधी जानते थे।
अखिलेश दुबे से भी हो गई जान पहचान
डी-टू गैंग से अमजद बच्चा, संजय गुप्ता और अयाज उर्फ टायसन खार खाते थे। इनका अक्सर अनवरगंज, चमनगंज, बेकनगंज में आमना-सामना हो चुका है। एसओजी और पुलिस ने टायसन का सहयोग लेकर गिरोह के कई सदस्यों का एनकाउंटर कराया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस दौरान टायसन ने ऋषिकांत शुक्ला और अन्य पुलिस अधिकारियों के बीच पैठ बना ली। अखिलेश दुबे से भी उसकी जान पहचान हो गई।
टायसन पर कई थानों में दर्ज है रिपोर्ट
अनवरगंज इंस्पेक्टर अशोक दुबे ने बताया कि अयाज उर्फ टायसन पर अनवरगंज, किदवईनगर, चकेरी, कोतवाली समेत अन्य थानों में रिपोर्ट दर्ज है। उनका नाम हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर की हत्या में आया था। डी-टू गैंग के खिलाफ मुखबिरी करता था।
कोतवाली में धमकी देने की हुई थी रिपोर्ट
कोतवाली पुलिस टायसन की तलाश कर रही थी। उसके खिलाफ निलंबित डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला पर आरोप लगाने वाले मनोहर शुक्ला ने एफआईआर कराई थी। उन्होंने दर्ज रिपोर्ट में कहा था कि वह एसआईटी को बयान देकर लौट रहे थे। रास्ते में टायसन ने धमकी देकर कहा था कि टायसन की गोली पता नहीं पूछती है।
क्राइम ब्रांच के उठाने की रही चर्चा
अयाज उर्फ टायसन को कचहरी से उठाने में क्राइम ब्रांच की चर्चा है। हालांकि डीसीपी क्राइम अतुल कुमार श्रीवास्तव ने किसी को भी उठाने से इन्कार किया है। एसटीएफ लखनऊ की टीम भी टायसन की तलाश कर रही थी। उसकी ओर से भी टायसन को उठाने की चर्चा है।