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पाकिस्तान से आई चिट्ठी: 'मां, जेल से रिहाई नहीं हुई तो खुदकुशी कर लूंगा...', बेटे ने कागज पर उतारा दिल का दर्द
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Sun, 23 Nov 2025 06:53 PM IST
सार
जसईपुर का जितेंद्र तीन साल से पाकिस्तान की जेल में बंद है। उसने अपनी मां को व्हाट्सएप संदेश भेजा। संदेश पढ़कर मां की हालत बिगड़ गई।
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खटिया में लेटी पाकिस्तान में बंद जितेंद्र वर्मा की मां रानी देवी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
तीन साल से पाकिस्तान की जेल में बंद जसईपुर गांव के मछुवारे का व्हाट्सएप संदेश उसकी मां को मिला तो मां की हालत बिगड़ गई। संदेश में एक पत्र मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि अगर उसकी रिहाई नहीं हुई तो वह खुदकुशी कर लेगा। दवा खाकर ही वह जिंदा है। अनहोनी की आशंका के चलते मां बिलख पड़ी, उसकी हालत बिगड़ गई, उसने खाट पकड़ ली है।
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तिंदवारी थाना क्षेत्र के जसईपुर गांव निवासी रानी ने बताया कि उसका पुत्र जितेंद्र वर्मा (22) जुलाई 2022 को पोरबंदर बंदरगाह में मछली पकड़ने गया था। इस दौरान वह पाकिस्तान की सीमा में चला गया। पाकिस्तानी सेना ने उसे गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया है। मां रानी का कहना है कि 21 नवंबर को उसके मोबाइल नंबर के व्हाट्सएप पर एक खत मिला है। जिसमें बेटे ने लिखा है कि अगर उसकी रिहाई नहीं हो पाई तो वह खुदकुशी कर लेगा। दवा खाकर ही वह जिंदा है। अनहोनी की आशंका से मां बिलख रही है। उसकी तबियत खराब हो गई। पिता संजय वर्मा व क्षेत्र पंचायत सदस्य रज्जन सिंह ने बताया कि वह बेहद गरीब हैं। पिता के मुताबिक, पहले जब फोन पर बात होती थी तो कई बार बेटे ने कहा कि पाकिस्तान जेल के अधिकारी उसके साथ मारपीट करते हैं। कई-कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता है। परिजनों ने केंद्र और प्रदेश सरकार से बेटे की रिहाई कराने की गुहार लगाई है।
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पांच साल से पाकिस्तान की जेल में बंद धौसड़ के मछुवारों के बरी होने की मिली जानकारी
विकासखंड के ही धौसड़ गांव निवासी पाकिस्तान की जेल में पांच साल से बंद मछुवारे चांद बाबू और लक्ष्मण के परिजनों ने बताया कि दोनों को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बरी किया है। पाकिस्तान सरकार रिहाई के लिए तैयार है, लेकिन भारत की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। परिजन भारत सरकार और राहुल गांधी से मदद की गुहार लगा रहे हैं। ताकि उनके बेटे जल्द घर लौट सकें।
परिजनों ने बताया कि मछुवारे चांद बाबू (26) और लक्ष्मण बीते पांच वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। उनका भावुक खत जैसे ही उनके गांव धौंसड़ (थाना तिंदवारी) में परिवार को मिला, घर में खुशी की लहर दौड़ गई। आंखों में आंसू, दिल में उम्मीद और होठों पर एक ही फरियाद ''हमारे बेटे को वापस ला दो" जानकारी के मुताबिक, पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2023 में ही बरी कर दिया था और पाकिस्तानी अधिकारी भी उन्हें रिहा करने को तैयार हैं, लेकिन भारत सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है। यह खत गुजरात के रहने वाले पाकिस्तानी जेल से छूटे दो भारतीय युवकों ने उनके परिवार तक पहुंचाया। इसमें चांद बाबू और लक्ष्मण ने सीधे राहुल गांधी से अपील की है कि सरकार के माध्यम से उन्हें घर वापस लाने की पहल की जाए" परिजनों का कहना है कि उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर मंत्रालय तक हर जगह गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।
प्रधान रामप्रकाश ने बताया कि पंचायत स्तर से भी पत्र भेजे गए हैं। अगर सरकार प्रयास करे, तो दोनों को सुरक्षित घर लाया जा सकता है। दरअसल, घटना पांच साल पहले की है, जब दोनों युवक गुजरात में मछली पकड़ने गए थे। तेज हवाओं में बहती नाव पाकिस्तान सीमा में पहुंच गई और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद से दोनों कराची की जेल में हैं। अब जब यह पत्र आया है, परिवार खुश तो है लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर अब भी सरकार ने कदम नहीं उठाया तो कहीं देर न हो जाए। उनके लिए यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, अपने बच्चों के जीवन का सवाल है।