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Kanpur: महाना बोले- जिला पंचायत की सड़कों की जांच करा दूंगा तो जेल चले जाओगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 17 Apr 2025 11:30 PM IST
सार
Kanpur News: विकास कार्यों की बैठक में एएमए पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भड़के। चार सड़कों की जांच कराने के लिए डीएम को निर्देश दिए।
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बैठक करते सतीश महाना
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सरसौल स्थित सैमसी झील का वर्ष 2024 में उद्घाटन होने के बाद रखरखाव के लिए संस्था को हस्तांतरित न करने पर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपर मुख्य कार्यपालक (एएमए) रविंद्र कुमार गुप्ता से नाराजगी जताई। बोले, कोई भी काम सही नहीं है। जिला पंचायत से बनाई गईं सड़कें घटिया हैं। सड़कों की गुणवत्ता की सही से जांच करा दूं तो जेल चले जाओगे। सिफारिश लगाकर जिले में दोबारा तैनात हो गए हो, लेकिन ऐसे चलेगा नहीं। डीएम से कहा कि चार सड़कों की मैं फोटो भेजूंगा, उसकी जांच कराएं और रिपोर्ट मुझे भी भेंजे।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में नवीन सभागार में समग्र विकास की समीक्षा बैठक हुई। यहां शहर की बड़ी 27 परियोजनाओं की प्रगति जानी। बताया गया कि रमईपुर में पांच वर्षों से मेगा लेदर क्लस्टर स्थापित करने के लिए भूमि खरीदने का काम चल रहा है, जिसमें 62 हेक्टेयर ग्राम समाज की जमीन उपलब्ध करा दी गई है। 35 हेक्टेयर जमीन खरीदने पर पेच फंसा है। यह जमीनें समिति ने एससी वर्ग के लोगों से पट्टे वाली खरीद लीं, जिसका दाखिल-खारिज करने के लिए कोई भी एसडीएम नहीं तैयार हो रहा। इससे दो साल से प्रोजेक्ट लटका पड़ा है।
बैठक में मेगा लेदर क्लस्टर समिति के डायरेक्टर असरफ रिजवान से जब महाना ने जमीन के बारे में पूछा तो उन्होंने 31 मई तक जमीन उपलब्ध कराने की बात कही। इस पर डीएम ने भी सहमति जताई। महाना ने कहा, समय बहुत हो गया है, अगर मई तक यह जमीन उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, तो यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को सौंप दीजिए। वहीं, ट्रांसगंगा सिटी से शहर को जोड़ने वाला गंगा पुल 10 साल बाद भी निर्माण न होने पर यूपीसीडा के इंजीनियरों को फटकार लगाई। बैठक में महापौर प्रमिल पांडेय, घाटमपुर विधायक सरोज कुरील, विधायक सुरेंद्र मैथानी, पुलिस आयुक्त अखिल कुमार, जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, केस्को एमडी सैमुअल पॉल, नगर आयुक्त सुधीर कुमार, सीडीओ दीक्षा जैन आदि लोग उपस्थित रहे।
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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में नवीन सभागार में समग्र विकास की समीक्षा बैठक हुई। यहां शहर की बड़ी 27 परियोजनाओं की प्रगति जानी। बताया गया कि रमईपुर में पांच वर्षों से मेगा लेदर क्लस्टर स्थापित करने के लिए भूमि खरीदने का काम चल रहा है, जिसमें 62 हेक्टेयर ग्राम समाज की जमीन उपलब्ध करा दी गई है। 35 हेक्टेयर जमीन खरीदने पर पेच फंसा है। यह जमीनें समिति ने एससी वर्ग के लोगों से पट्टे वाली खरीद लीं, जिसका दाखिल-खारिज करने के लिए कोई भी एसडीएम नहीं तैयार हो रहा। इससे दो साल से प्रोजेक्ट लटका पड़ा है।
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बैठक में मेगा लेदर क्लस्टर समिति के डायरेक्टर असरफ रिजवान से जब महाना ने जमीन के बारे में पूछा तो उन्होंने 31 मई तक जमीन उपलब्ध कराने की बात कही। इस पर डीएम ने भी सहमति जताई। महाना ने कहा, समय बहुत हो गया है, अगर मई तक यह जमीन उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, तो यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को सौंप दीजिए। वहीं, ट्रांसगंगा सिटी से शहर को जोड़ने वाला गंगा पुल 10 साल बाद भी निर्माण न होने पर यूपीसीडा के इंजीनियरों को फटकार लगाई। बैठक में महापौर प्रमिल पांडेय, घाटमपुर विधायक सरोज कुरील, विधायक सुरेंद्र मैथानी, पुलिस आयुक्त अखिल कुमार, जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, केस्को एमडी सैमुअल पॉल, नगर आयुक्त सुधीर कुमार, सीडीओ दीक्षा जैन आदि लोग उपस्थित रहे।
बैठक करते सतीश महाना
- फोटो : अमर उजाला
बड़े-बड़े वादे कर बेच दिए प्लाॅट
महाना बोले, लोगों को बड़े-बड़े वादे करके प्लाॅट बेच दिए, अब पुल का निर्माण नहीं कर पा रहे हो। इसपर प्राधिकरण के प्रधान महाप्रबंधक संदीप चंद्रा ने बताया कि प्रशासन और सेतु निगम की टीम ने पहले सर्वे कर 500 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे बोर्ड बैठक में पास करा दिया था। फिर जिलास्तर से प्रस्ताव में बदलाव हुआ तो बजट 600 करोड़ पर पहुंच गया। इसे बोर्ड भेजा गया है। उसके पास होने से पहले तीसरी बार नया प्रस्ताव बना, जिसकी लागत 799 करोड़ लागत पहुंच गई। सही निर्णय न होने पर पुल लटका है। महाना ने जल्द पुल निर्माण कराने की बात कही। इसके साथ ही कानपुर रिंग रोड निर्माण की प्रगति जानी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी सड़कें रिंग रोड से जोड़ी जाएं, वो जनता की सहूलियत को ध्यान में रखकर किया जाए। कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस वे को 6 लेन करने पर अधिकारियों से प्रस्ताव मांगा।
महाना बोले, लोगों को बड़े-बड़े वादे करके प्लाॅट बेच दिए, अब पुल का निर्माण नहीं कर पा रहे हो। इसपर प्राधिकरण के प्रधान महाप्रबंधक संदीप चंद्रा ने बताया कि प्रशासन और सेतु निगम की टीम ने पहले सर्वे कर 500 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे बोर्ड बैठक में पास करा दिया था। फिर जिलास्तर से प्रस्ताव में बदलाव हुआ तो बजट 600 करोड़ पर पहुंच गया। इसे बोर्ड भेजा गया है। उसके पास होने से पहले तीसरी बार नया प्रस्ताव बना, जिसकी लागत 799 करोड़ लागत पहुंच गई। सही निर्णय न होने पर पुल लटका है। महाना ने जल्द पुल निर्माण कराने की बात कही। इसके साथ ही कानपुर रिंग रोड निर्माण की प्रगति जानी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी सड़कें रिंग रोड से जोड़ी जाएं, वो जनता की सहूलियत को ध्यान में रखकर किया जाए। कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस वे को 6 लेन करने पर अधिकारियों से प्रस्ताव मांगा।