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Mulayam Singh Yadav Death: जनसभा में जाने के दौरान पलटी थी नाव, बालबाल बचे थे नेताजी, पढ़ें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरैया Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Tue, 11 Oct 2022 06:18 PM IST
सार

बीहड़ी क्षेत्र से खूंखार डकैतों का सफाया भी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अहम उपलब्धि रहा है। नेताजी के इन्हीं किस्सों और संस्मरणों से औरैया जिला भरा पड़ा है। यहां जनसभा में जाने के दौरान पचनंद में उनकी नाव हुई थी हादसे की शिकार हो गई थी।

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Mulayam Singh Yadav's boat capsized while going to public meeting in Auraiya
मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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औरैया जिले में अयाना क्षेत्र का बीहड़ धरती पुत्र मुलायम सिंह की अनेकों अनसुनी कहानियों से भरा पड़ा है। सपा सरंक्षक का क्षेत्रीय लोगों के साथ एक अलग ही रिश्ता है। वर्ष 1969 में जनसभा को संबोधित करने के लिए जिला जालौन के करणखेरा मंदिर पर जाने के दौरान उनकी नाव हादसाग्रस्त हो गई थी। इसमें लोगों और पुलिस ने उन्हें व चौधरी चरण सिंह को बचाया था।

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मुख्यमंत्री बनने के बाद सपा सुप्रीमो ने बीहड़ से डांकुओं का अंत कराने के साथ विकास को रफ्तार दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर क्षेत्रीय लोगों में शोक की लहर है। पूर्व विधायक रविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि नेता जी को औरैया जिले से बहुत ही लगाव था। वह किसानों से बीच किसानों की तरह ही मिलने पहुंचते थे। किसानों की सुविधा के लिए कई अनेक कार्य भी किए।

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पचनंद में हुआ नाव से हादसा
वर्ष 1969 में नेताजी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह, पूर्व विधायक भारत सिंह चौहान, शिवदयाल याज्ञिक(नाई बाबा), बृजमोहन मिश्रा के साथ जिला जालौन स्थित करणखेरा मंदिर पर जनसभा करने जा रहे थे। पांच नदियों के संगम पचनंद को नाव से पार करने के दौरान उनकी नाव हादसा ग्रस्त हो गई, जिसमें नेता जी व पूर्व प्रधानमंत्री डूबने लगे। तब नाई बाबा ने नेताजी को सुरक्षित नदी से बाहर निकाला।

बूथ कैप्चर कर चुनाव जीतना चाहता था सत्तापक्ष
वहीं दूसरी नाव पर मौजूद तत्कालीन अजीतमल कोतवाली प्रभारी भगवान सिंह यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इस घटना के दौरान वह स्वयं मौजूद थे। बीहड़ के ग्रामीणों ने बताया कि 1989 के चुनाव के दौरान सत्तापक्ष की ओर से नेताजी के शस्त्र जमा करा लिए गए थे। उस समय सत्तापक्ष की ओर से बूथ कैप्चर कर चुनाव जीतने का इरादा था।

चंबल को मिली थी विकास की सौगात
इस पर नेता जी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर जोश भरा, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने बूथ की सुरक्षा कर सीट जितवाई। इसके बाद नेताजी मुख्यमंत्री बने। नेताजी बीहड़ की जनता से किए अपने वादे को नहीं भूले। उन्होंने बीहड़ के विकास के लिए चंबल क्षेत्र में कई पक्के पुल व पांटून पुल की सौगात दी। इससे बीहड़ क्षेत्र में नाव से होने वाले हादसों ने लोगों को छुटकारा मिला।

इसके साथ ही बीहड़ में अच्छी शिक्षा के लिए अयाना में राजकीय इंटर कॉलेज, स्वास्थ्य के लिए सेंगनपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बनावाया। बीहड़ में डांकू निर्भय गुर्जर अन्य गैंगों का आतंक था। लोग शाम पांच बजे के बाद अपने घरों में छिप जाते थे। जनता की मांग पर नेताजी ने एसएसपी दलजीत चौधरी को दस्यु मुक्त बीहड़ करने का आदेश दिया। गैंगों के सफया होने के बाद बीहड़ी क्षेत्र के लोगों ने शाम के बाद भी घर से निकलना शुरू कर पाए।

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