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Kasganj News: ख्याल रहे, खेत में फसलों का पाला से न पड़ जाए पाला
संवाद न्यूज एजेंसी, कासगंज
Updated Sun, 21 Dec 2025 02:25 AM IST
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फोटो13पटियाली के गांव बढौला में सरसों की फसल का निरीक्षण करते जिला कृषि अधिकारी डॉ.अवधेश मि
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कासगंज। लगातार गिरते तापमान के कारण पाला पड़ने की संभावना बढ़ी। आलू, दलहनी एवं तिलहनी फसलों के इसकी चपेट में आने खतरा है। रात के समय अधिक आर्द्रता के कारण फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने पटियाली के गांव बडौला में सरसों की फसल का निरीक्षण किया। उनका कहना है कि वर्तमान में तापमान में काफी गिरावट हो रही है और रात में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है। आद्रता भी 90 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है। इस मौसम में पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। रात का पारा और गिरने पर वातावरण की नमी जमकर पाले का रूप ले लेती है। इससे पौधों की कोशिकाएं जम जाती हैं और वे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जिससे आलू, सरसों, चना, मटर सहित सब्जी फसलें प्रभावित हो सकती हैं। इसे देखते हुए किसानों को सतर्क रहने और समय रहते आवश्यक बचाव उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
-फसलों की हल्की सिंचाई करें
-धुआं करें ताकि ठंडी हवा का प्रभाव कम हो सके
-मेड़ों पर कूड़ा-कचरा जलाएं
- यूरिया उर्वरक के साथ दानेदार सल्फर-7 किग्रा. अथवा जिंक सल्फेट मोनोहाईड्रेट
-8 किलो प्रति एकड़ मात्रा को मिलाकर छिड़काव करें.
-पाले से तात्कालिक बचाव हेतु सल्फर पाउडर
-2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर पर्णीय छिड़काव करें
-सल्फ्यूरिक एसिड/गंधक का छिड़काव ना करें
- पौधों के तनों के चारों ओर मिट्टी चढ़ाएं ताकि जड़ें और कंद सुरक्षित रहें
-छोटे पौधों को पुआल/सूखी घास से ढकने पर पाले का असर कम होता है
-मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें
-पाला चेतावनी मिलने पर पहले से ही बचाव के उपाय करें
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इन बातों का रखें ध्यान
-फसलों की हल्की सिंचाई करें
-धुआं करें ताकि ठंडी हवा का प्रभाव कम हो सके
-मेड़ों पर कूड़ा-कचरा जलाएं
- यूरिया उर्वरक के साथ दानेदार सल्फर-7 किग्रा. अथवा जिंक सल्फेट मोनोहाईड्रेट
-8 किलो प्रति एकड़ मात्रा को मिलाकर छिड़काव करें.
-पाले से तात्कालिक बचाव हेतु सल्फर पाउडर
-2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर पर्णीय छिड़काव करें
-सल्फ्यूरिक एसिड/गंधक का छिड़काव ना करें
- पौधों के तनों के चारों ओर मिट्टी चढ़ाएं ताकि जड़ें और कंद सुरक्षित रहें
-छोटे पौधों को पुआल/सूखी घास से ढकने पर पाले का असर कम होता है
-मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें
-पाला चेतावनी मिलने पर पहले से ही बचाव के उपाय करें
