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Kaushambi News: सर्दी के साथ ही त्वचा रोग ने बढ़ाई परेशानी, अस्पतालों में उमड़े भीड़
संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी
Updated Sun, 23 Nov 2025 01:55 AM IST
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मेडिकल कॉलेज के त्वचारोग विभाग की ओपीडी में लाइन पर खड़े मरीज। संवाद
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बढ़ती सर्दी अब त्वचा रोगियों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इसके चलते मेडिकल कॉलेज के त्वचा रोग विभाग में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां रोजाना 250 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं, जिसमें 70 से 80 मरीज खुजली, एलर्जी, दाने और त्वचा में रूखापन जैसी समस्याओं से परेशान हैं।
मेडिकल कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य एवं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ मिश्रा ने बताया कि सर्दी में शरीर की त्वचा अपनी प्राकृतिक नमी खोने लगती है, जिसके कारण त्वचा फटने, सूखने और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से इस मौसम में त्वचा संबंधी समस्याओं से अधिक प्रभावित होते हैं। कई मरीजों में एलर्जी के कारण लाल चकत्ते और खुजली जैसे लक्षण भी तेजी से दिखाई दे रहे हैं, जिनका समय पर इलाज न होने पर समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
डॉ. सौरभ ने मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि सर्दी में त्वचा की देखभाल बेहद जरूरी है। उन्होंने सलाह दी कि लोग नियमित रूप से मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, बहुत गर्म पानी से न नहाएं, धूप में समय बिताएं और खानपान का विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने चेताया कि स्टेरॉयड युक्त क्रीम का बिना चिकित्सकीय सलाह के प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है। यदि त्वचा संबंधी समस्या लगातार बनी रहे या संक्रमण बढ़ता दिखाई दे, तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सा और एहतियात के साथ ठंड के मौसम में त्वचा रोगों से आसानी से बचाव संभव है।
पीएचसी में बढ़े त्वचा रोग के मरीज
सर्द मौसम के बढ़ते प्रभाव का असर अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) मंझनपुर में भी देखने को मिल रहा है। यहां रोजाना आने वाले करीब 100 में से 35 से अधिक मरीज त्वचा रोग से पीड़ित पाए जा रहे हैं। खुजली, दाने, एलर्जी और त्वचा में सूखापन जैसी समस्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि सर्दी में त्वचा की नमी कम होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने मरीजों को उपचार के साथ-साथ एहतियात बरतने की सलाह दी।
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मेडिकल कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य एवं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ मिश्रा ने बताया कि सर्दी में शरीर की त्वचा अपनी प्राकृतिक नमी खोने लगती है, जिसके कारण त्वचा फटने, सूखने और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
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उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से इस मौसम में त्वचा संबंधी समस्याओं से अधिक प्रभावित होते हैं। कई मरीजों में एलर्जी के कारण लाल चकत्ते और खुजली जैसे लक्षण भी तेजी से दिखाई दे रहे हैं, जिनका समय पर इलाज न होने पर समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
डॉ. सौरभ ने मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि सर्दी में त्वचा की देखभाल बेहद जरूरी है। उन्होंने सलाह दी कि लोग नियमित रूप से मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, बहुत गर्म पानी से न नहाएं, धूप में समय बिताएं और खानपान का विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने चेताया कि स्टेरॉयड युक्त क्रीम का बिना चिकित्सकीय सलाह के प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है। यदि त्वचा संबंधी समस्या लगातार बनी रहे या संक्रमण बढ़ता दिखाई दे, तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सा और एहतियात के साथ ठंड के मौसम में त्वचा रोगों से आसानी से बचाव संभव है।
पीएचसी में बढ़े त्वचा रोग के मरीज
सर्द मौसम के बढ़ते प्रभाव का असर अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) मंझनपुर में भी देखने को मिल रहा है। यहां रोजाना आने वाले करीब 100 में से 35 से अधिक मरीज त्वचा रोग से पीड़ित पाए जा रहे हैं। खुजली, दाने, एलर्जी और त्वचा में सूखापन जैसी समस्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि सर्दी में त्वचा की नमी कम होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने मरीजों को उपचार के साथ-साथ एहतियात बरतने की सलाह दी।