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Kaushambi News: गुरुवार का दिन पड़ने से विशेष संयोग में मनेगी गुरु पूर्णिमा
संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी
Updated Tue, 08 Jul 2025 12:33 AM IST
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गुरु पूर्णिमा दस जुलाई (गुरुवार) को मनाई जाएगी। इस दिन महार्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। शास्त्रों में इस दिन गुरु पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन गंगा-यमुना सहित पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष फल मिलता है।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार हर साल गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाने का विधान है। इस तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन को महान गुरु महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
वहीं, लोग गुरु का पूजन कर उपहार में फल, वस्त्र और मिष्ठान भेंट करते हैं। हुबलाल संस्कृत महाविद्याल के पूर्व प्राचार्य पं. ज्ञानेंद्र शास्त्री ने बताया कि गुरु पूर्णिमा को गुरू-शिष्य परंपरा का उत्सव माना जाता है। इस दिन लोग अपने आध्यात्मिक, सामाजिक या शैक्षिक गुरु का सम्मान करते हैं। गुरु का आशीर्वाद लेने के साथ ही मार्गदर्शन के लिए कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
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गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
ऋषिकेश पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत नौ जुलाई को रात एक बजकर पांच मिनट पर होगी। अगले दिन यानी 10 जुलाई रात को एक बजकर 49 मिनट पर तिथि खत्म होगी। इस प्रकार से 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
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गुरु पूर्णिमा पर क्या करें:
-गुरु का पूजन करें और उनका आशीर्वाद लें।
-गुरु मंत्र का जाप करें।
गुरु के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
-गरीबों को दान करें।
-पीली वस्तुओं का दान करें।
अपने बुरे संस्कारों को त्यागने का संकल्प लें।
-भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
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ज्योतिष पंचांग के अनुसार हर साल गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाने का विधान है। इस तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन को महान गुरु महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
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वहीं, लोग गुरु का पूजन कर उपहार में फल, वस्त्र और मिष्ठान भेंट करते हैं। हुबलाल संस्कृत महाविद्याल के पूर्व प्राचार्य पं. ज्ञानेंद्र शास्त्री ने बताया कि गुरु पूर्णिमा को गुरू-शिष्य परंपरा का उत्सव माना जाता है। इस दिन लोग अपने आध्यात्मिक, सामाजिक या शैक्षिक गुरु का सम्मान करते हैं। गुरु का आशीर्वाद लेने के साथ ही मार्गदर्शन के लिए कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
ऋषिकेश पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत नौ जुलाई को रात एक बजकर पांच मिनट पर होगी। अगले दिन यानी 10 जुलाई रात को एक बजकर 49 मिनट पर तिथि खत्म होगी। इस प्रकार से 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें:
-गुरु का पूजन करें और उनका आशीर्वाद लें।
-गुरु मंत्र का जाप करें।
गुरु के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
-गरीबों को दान करें।
-पीली वस्तुओं का दान करें।
अपने बुरे संस्कारों को त्यागने का संकल्प लें।
-भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।