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11 ब्लॉकों ने एससी के 2800 आवास किए वापस
अमित गुप्ता लखीमपुर खीरी।
Updated Sun, 27 Aug 2017 11:24 PM IST
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'मकान
- फोटो : अमरउजाला
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प्रधानमंत्री आवास के लिए एससी लाभार्थियों का पड़ा टोटा
लखीमपुर ने 55, फूलबेहड़ ने 144, नकहा बीडीओ ने लौटाए 114 आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मिले लक्ष्य के आगे 11 ब्लॉकों के बीडीओ ने 2800 आवास को सरेंडर (समर्पण) कर दिया है। इन ब्लॉकों के गांवों में अनुसूचित जाति के पात्र लाभार्थी नहीं मिल रहे हैं। हालांकि सामान्य और अल्पसंख्यक वर्ग में ऐसा बिल्कुल नहीं है। लखीमपुर, फूलबेहड़, नकहा समेत सभी 11 ब्लॉकों में एक भी पात्र एससी लाभार्थी नहीं बचे हैं, जिसके लिए बीडीओ ने अपने क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति के 100 प्रतिशत लाभार्थियों को संतृप्त करने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।
योजना के तहत वर्ष 2017-18 में जिले को कुल 16,838 लाभार्थियों को आवास देने का लक्ष्य मिला था, जिसमें 9697 आवास अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को आरक्षित थे। बताते चलें कि सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना की प्राथमिकता सूची ब्लॉकों में बनाई गई है। इसी के आधार पर अधिकांश ब्लॉकों में अनुसूचित जाति के पात्र लाभार्थियों का टोटा पड़ गया है। गाइड लाइन के मुताबिक पात्रों के न मिलने से पांच ब्लॉकों के बीडीओ ने एससी के शेष लक्ष्य को परियोजना निदेशक के समक्ष सरेंडर करते हुए प्रमाण पत्र दिया है। इसके पीछे वजह है कि अनुसूचित जाति के लक्ष्य को दूसरे वर्गों में समायोजित नहीं किया जा सकता है।
इन ब्लॉकों ने लौटाए एससी आवास
लखीमपुर ब्लॉक (109 ग्राम पंचायतें) को कुल 741 आवास बनाने का लक्ष्य मिला था, जिसमें 434 आवास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे। इस जाति के पात्र लाभार्थी न होने से बीडीओ विपिन चौधरी ने 55 आवास लौटा दिए हैं। जबकि फूलबेहड़ ब्लॉक (73 ग्राम पंचायतें) को 953 आवास बनाने का लक्ष्य मिला, जिसमें 489 आवास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे। यहां भी बीडीओ ने किसी भी ग्राम पंचायत में इस जाति का एक भी पात्र लाभार्थी शेष न होने की बात कहते हुए 144 आवास वापस कर दिए हैं। इसी तरह नकहा ब्लॉक क्षेत्र की 73 ग्राम पंचायतों में 776 आवास बनाने का लक्ष्य मिला था, जिसमें 441 आवास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे। लेकिन यहां के बीडीओ ने 114 आवास वापस किए हैं।
धौरहरा, मितौली, बेहजम और बांकेगंज को छोड़कर शेष 11 ब्लाकों के सभी गांवों के अनुसूचित जाति लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास से संतृप्त कर दिया गया है। इनमें पात्र लाभार्थी न मिलने के कारण 2800 आवासों का समर्पण किया गया है, जिसे वापस शासन को भेजा जाएगा।
रामकृपाल चौधरी, परियोजना निदेशक, डीआरडीए
लखीमपुर ने 55, फूलबेहड़ ने 144, नकहा बीडीओ ने लौटाए 114 आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मिले लक्ष्य के आगे 11 ब्लॉकों के बीडीओ ने 2800 आवास को सरेंडर (समर्पण) कर दिया है। इन ब्लॉकों के गांवों में अनुसूचित जाति के पात्र लाभार्थी नहीं मिल रहे हैं। हालांकि सामान्य और अल्पसंख्यक वर्ग में ऐसा बिल्कुल नहीं है। लखीमपुर, फूलबेहड़, नकहा समेत सभी 11 ब्लॉकों में एक भी पात्र एससी लाभार्थी नहीं बचे हैं, जिसके लिए बीडीओ ने अपने क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति के 100 प्रतिशत लाभार्थियों को संतृप्त करने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।
योजना के तहत वर्ष 2017-18 में जिले को कुल 16,838 लाभार्थियों को आवास देने का लक्ष्य मिला था, जिसमें 9697 आवास अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को आरक्षित थे। बताते चलें कि सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना की प्राथमिकता सूची ब्लॉकों में बनाई गई है। इसी के आधार पर अधिकांश ब्लॉकों में अनुसूचित जाति के पात्र लाभार्थियों का टोटा पड़ गया है। गाइड लाइन के मुताबिक पात्रों के न मिलने से पांच ब्लॉकों के बीडीओ ने एससी के शेष लक्ष्य को परियोजना निदेशक के समक्ष सरेंडर करते हुए प्रमाण पत्र दिया है। इसके पीछे वजह है कि अनुसूचित जाति के लक्ष्य को दूसरे वर्गों में समायोजित नहीं किया जा सकता है।
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इन ब्लॉकों ने लौटाए एससी आवास
लखीमपुर ब्लॉक (109 ग्राम पंचायतें) को कुल 741 आवास बनाने का लक्ष्य मिला था, जिसमें 434 आवास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे। इस जाति के पात्र लाभार्थी न होने से बीडीओ विपिन चौधरी ने 55 आवास लौटा दिए हैं। जबकि फूलबेहड़ ब्लॉक (73 ग्राम पंचायतें) को 953 आवास बनाने का लक्ष्य मिला, जिसमें 489 आवास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे। यहां भी बीडीओ ने किसी भी ग्राम पंचायत में इस जाति का एक भी पात्र लाभार्थी शेष न होने की बात कहते हुए 144 आवास वापस कर दिए हैं। इसी तरह नकहा ब्लॉक क्षेत्र की 73 ग्राम पंचायतों में 776 आवास बनाने का लक्ष्य मिला था, जिसमें 441 आवास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे। लेकिन यहां के बीडीओ ने 114 आवास वापस किए हैं।
धौरहरा, मितौली, बेहजम और बांकेगंज को छोड़कर शेष 11 ब्लाकों के सभी गांवों के अनुसूचित जाति लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास से संतृप्त कर दिया गया है। इनमें पात्र लाभार्थी न मिलने के कारण 2800 आवासों का समर्पण किया गया है, जिसे वापस शासन को भेजा जाएगा।
रामकृपाल चौधरी, परियोजना निदेशक, डीआरडीए