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Lakhimpur Kheri News: मैगलगंज का पौराणिक मेला महोत्सव विवादों में
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Thu, 04 Dec 2025 11:49 PM IST
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मैगलगंज। मैगलगंज का ऐतिहासिक मेला महोत्सव इस बार गुटबाजी की वजह से विवादों में घिर गया है।
वर्ष 1995 तक मेला फलाहारी बाबा मंदिर के पास लगता था। बाद में जगह की कमी के कारण इसे सेना की खाली पड़ी भूमि पर स्थानांतरित किया गया, जहां समाजसेवी मित्र कुमार अवस्थी के नेतृत्व में 2009 तक आयोजन शांतिपूर्वक चलता रहा। इसके बाद भी कई अध्यक्षों ने इसी मैदान पर परंपरा को बनाए रखा।
पिछले कुछ वर्षों में कमेटी में गुटबाजी इतनी बढ़ गई कि बिना किसी बैठक के नए अध्यक्ष घोषित किए जाने लगे। पिछले वर्ष एक पक्ष की शिकायत के चलते सेना मैदान पर अनुमति नहीं मिली और मेला पाइप सेंटर की जमीन पर लगाना पड़ा।
इस बार तीन आयोजक मैदान में आ गए और प्रशासन ने तीनों को अनुमति भी दे दी। बाद में दो आयोजक सेना मैदान की तैयारी में जुटे हैं, जबकि तीसरा पाइप सेंटर पर आयोजन कर रहा है। अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मैगलगंज जैसे छोटे कस्बे में एक ही मेले के लिए तीन-तीन कमेटियों को अनुमति कैसे मिल गई और यही मौजूदा विवाद की जड़ मानी जा रही है।
एक ही कस्बे में दो जगह मेला लगने की स्थिति से दुकानदार और ग्रामीण असमंजस में हैं कि भीड़ किस ओर जाएगी। स्थानीय जनता और व्यापारी प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि मेले की परंपरागत गरिमा वापस लौट सके। वहीं मितौली एसडीएम मधुसूदन गुप्ता ने बताया कि इन तीनों मेला आयोजकों को अनुमति इस आधार पर दी गई है कि इनके पास लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग, फायर विभाग आदि सभी की आख्याएं लगी हुई थीं। पिछले साल एक कमेटी को रक्षा संपदा के द्वारा अनुमति नहीं मिल पाई थी, इसके चलते सिर्फ दो को अनुमति ही दे दी गई थीं।
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वर्ष 1995 तक मेला फलाहारी बाबा मंदिर के पास लगता था। बाद में जगह की कमी के कारण इसे सेना की खाली पड़ी भूमि पर स्थानांतरित किया गया, जहां समाजसेवी मित्र कुमार अवस्थी के नेतृत्व में 2009 तक आयोजन शांतिपूर्वक चलता रहा। इसके बाद भी कई अध्यक्षों ने इसी मैदान पर परंपरा को बनाए रखा।
पिछले कुछ वर्षों में कमेटी में गुटबाजी इतनी बढ़ गई कि बिना किसी बैठक के नए अध्यक्ष घोषित किए जाने लगे। पिछले वर्ष एक पक्ष की शिकायत के चलते सेना मैदान पर अनुमति नहीं मिली और मेला पाइप सेंटर की जमीन पर लगाना पड़ा।
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इस बार तीन आयोजक मैदान में आ गए और प्रशासन ने तीनों को अनुमति भी दे दी। बाद में दो आयोजक सेना मैदान की तैयारी में जुटे हैं, जबकि तीसरा पाइप सेंटर पर आयोजन कर रहा है। अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मैगलगंज जैसे छोटे कस्बे में एक ही मेले के लिए तीन-तीन कमेटियों को अनुमति कैसे मिल गई और यही मौजूदा विवाद की जड़ मानी जा रही है।
एक ही कस्बे में दो जगह मेला लगने की स्थिति से दुकानदार और ग्रामीण असमंजस में हैं कि भीड़ किस ओर जाएगी। स्थानीय जनता और व्यापारी प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि मेले की परंपरागत गरिमा वापस लौट सके। वहीं मितौली एसडीएम मधुसूदन गुप्ता ने बताया कि इन तीनों मेला आयोजकों को अनुमति इस आधार पर दी गई है कि इनके पास लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग, फायर विभाग आदि सभी की आख्याएं लगी हुई थीं। पिछले साल एक कमेटी को रक्षा संपदा के द्वारा अनुमति नहीं मिल पाई थी, इसके चलते सिर्फ दो को अनुमति ही दे दी गई थीं।